Haryana में अब विजिलेंस करेगी हर जिले में शराब घोटाले की जांच

Haryana में अब विजिलेंस करेगी हर जिले में शराब घोटाले की जांच
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प्रदेश के चर्चित शराब घोटाले पर एसईटी की जांच रिपोर्ट को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने दोषियों पर कार्रवाई के लिए हरी झंडी दे दी है। गृहमंत्री अनिल विज (Home Minister Anil Vij) ने चंडीगढ़ में एक पत्रकार वार्ता के दौरान यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि हमने लाॅकडाउन के दौरान शराब की बिक्री, गोदामों से माल चोरी जैसी घटना को गंभीरता से लिया है।

हरिभूमि ब्यूरो : चंडीगढ़

हरियाणा में चर्चित शराब घोटाले (Alcohol scam) पर एसईटी की जांच रिपोर्ट को लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल (Cm Manohar Lal) ने दोषियों पर कार्रवाई के लिए हरि झंडी दे दी है। गृहमंत्री अनिल विज (Home Minister Anil Vij) की सिफारिश के अनुसार अब पूरे मामले में कार्रवाई के लिए कमान विजिलेंस के पास होगी। इतना ही नहीं विजिलेंस हर जिले में शराब घोटाले स्टाक की चोरी औऱ तस्करी मामले में गहराई तक जांच पड़ताल कर दोषियों पर कार्रवाई करेगी।

हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने गुरुवार को चंडीगढ़ में एक पीसी कर शराब घोटाले और एसईटी की रिपोर्ट को लेकर सीएमओ आफिस में लिए गए फैसले की जानकारी दी। विज ने कहा कि हमने लाक डाउन के दौरान शराब की बिक्री, गोदामों से माल चोरी जैसी घटना को गंभीरता से लिया है। जिसके बाद में शराब माफियाओं पर शिकंजा कसने के लिए विशेष जांच दल (एसईटी) का गठन कर दिया था।

अब एसईटी की रिपोर्ट के बाद सीएमओ में विचार मंथन करने के बाद मुख्य सचिव ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी शेखर विद्यार्थी ईटीसी को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। तत्कालीन सोनीपत एसपी और आईपीएस अधिकारी प्रतीक्षा गोदारा को कारण बताओ नोटिस जारी करने के लिए गृह विभाग को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। विज ने कहा कि एसईटी की पूरी रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए उन्होंने समुचित कार्रवाई के लिए मामला मुख्यमंत्री मनोहर लाल को भेजा था। जिस पर मुख्यमंत्री ने 10 अगस्त को उचित कार्रवाई के लिए मुख्य सचिव को निर्देश दिए थे।

सीएम और मुख्य सचिव भी मामले में गंभीर

पूरे मामले में सीएम और सीएस आफिस ने गंभीरता दिखाते हुए मुख्य सचिव द्वारा 25 अगस्त को अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह विभाग और आबकारी एवं कराधान विभाग को पत्र लिखकर जानकारी दी। एसईटी की रिपोर्ट पर पूरी जांच, शेखर विद्यार्थी एवं प्रतीक्षा गोदारा के खिलाफ कार्रवाई तथा आबकारी एवं कराधान विभाग व पुलिस के अधिकारियों की विभागीय जांच करवाने की सिफारिश की थी, जिसके आधार पर यह कार्रवाई अमल में लाई गई है।

मुख्यमंत्री द्वारा राज्य विजीलैंस ब्यूरो को एसईटी द्वारा विभागों पर की गई टिप्पणियों की पूरी जांच करवाने के निर्देश दिए। इसके अन्तर्गत स्टॉक, लॉकडाऊन के दौरान शराब के परमिट देने बारे, गैर कानूनी तरीके से शराब रखने सहित अन्य अनियमितताओं की जांच करने को कहा गया है, जिसकी मासिक तौर पर रिपोर्ट उपलब्ध करवाने के आदेश दिए हैं। वे इस पूरे प्रकरण की जानकारी रखने के लिए गृह विभाग के एक अधिकारी को नियुक्त करेंगे।

बिना किसी नेता या संगठन की मांग के उन्होंने स्वत: ही संज्ञान लिया

विज ने कहा कि बिना किसी नेता या संगठन की मांग के उन्होंने स्वत: ही संज्ञान लेते हुए पूरे मामले की जांच के लिए एसईटी का गठन किया था। इसके लिए वरिष्ठ आईएएस अधिकारी टी सी गुप्ता की अध्यक्षता में 11 मई 2020 को एक एसईटी का गठन किया गया था। इसमें वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सुभाष यादव एवं आबकारी अधिकारी विजय सिंह को शामिल किया गया था। इसमें सुभाष यादव की सेवा-निवृति के पश्चात आईपीएस अधिकारी मोहम्मद अकील को एसईटी का सदस्य बनाया गया। एसईटी ने 31 जुलाई 2020 को अपनी रिपोर्ट सौंप दी। एसईटी ने अपनी 6 चैप्टर और 2000 पेज की रिपोर्ट में अनेक संस्तुति दी, जिसको उन्होंने स्वीकार करते हुए मुख्यमंत्री के पास उचित कार्रवाई हेतु भेज दिया था। टीम ने इसकी जांच के लिए कई जिला आबकारी एवं कराधान आयुक्त, पुलिस अधिकारियों तथा आईएएस अधिकारियों और अन्य अधिकारियों से सम्पर्क किया गया।

आज तक इनकी कोई फीडबैक प्राप्त नहीं हुई

ज्ञात रहे कि टीम ने पाया कि तत्कालीन आबकारी एवं कराधान आयुक्त शेखर विद्यार्थी ने जांच में कोई समुचित सहयोग नहीं किया। लाकडाऊन के दौरान ठेके बंद करने के आदेश दिए थे, जिसके लिए उन्होंने कोई लिखित आदेश जारी नहीं किए। इसके अलावा विभाग की आबकारी नीति 2011-12 के अनुसार शराब की डिस्टलरी पर सीसीटीवी कैमरे लगाने चाहिए थे परन्तु आज तक इनकी कोई फीडबैक प्राप्त नहीं हुई। इसके साथ ही शराब की एक्सपायरी डेट दो साल के बाद शराब को नष्टï भी करना होता है परन्तु एक जिला को छोडक़र किसी अन्य जिला ने इसका पालन नहीं किया। इसके कारण ही वरिष्ठï अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई तथा अन्य के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की है।

समुचित जांच करवाने की सिफारिश की

एसईटी ने सोनीपत की तत्कालीन एसपी प्रतीक्षा गोदारा एवं जसदीप सिंह रंधावा से भी पूछताछ की है। टीम ने रिपोर्ट में पाया गया कि प्रतीक्षा गोदारा ने खरखौदा के मुख्य शराब माफिया महेन्द्र सिंह की न केवल सहायता की बल्कि उसे 2 अंगरक्षक भी मुहैया करा दिए गए। ऐसे अनेक आरोपों के चलते उन्होंने राज्य विजीलैंस ब्यूरो को इस पूरे मामले में एफआईआर दर्ज करने और इसकी समुचित जांच करवाने की सिफारिश की है ताकि पूरे प्रकरण में कड़ी कार्रवाई की जा सके। इससे पहले करीब 200 शराब वाहन चालकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी परन्तु असली अपराधी तक नहीं पहुंचा जा सका।

शराब घोटाले में कार्रवाई का वक्त

शराब घोटाले में दोषियों पर कार्रवाई का वक्त आ गया है। विजिलेंस एसईटी की सिफारिश के साथ ही जमीनी हकीकत को लेकर जिलेवार जांच पड़ताल करेगी साथ ही दोषियों पर कार्रवाई करने का अधिकार भी विजिलेंस के पास में सुरक्षित है। अंतरराज्यीय शराब घोटाला अब एसईटी से निकलकर विजिलेंस के पास में पहुंच गया है। हरिभूमि ने पहले भी इस बारे में समय समय पर सबसे पहले जानकारी दी थी। विज अपने गृह महकमे के उन जांच अधिकारियों को माफ हीं करना चाहते, जिन्होंने शराब तस्करी में पकड़े गए ट्रक और शराब के मामले में केवल अपनी जांच को ट्रक चालकों तक सीमित कर चालकों पर कार्रवाई की है। दो सौ से ज्यादा मामलों में लीपापोती के कारण पुलिस महकमें के उन लोगों की नींद हराम होने जा रही है, जिन्होंने चालकों को अंदर कर इन मामलों को रफा दफा करने में जल्दबाजी की है।

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