Haryana Agricultural University के वैज्ञानिकों द्वारा शिशुओं के पालन पोषण के लिए विकसित शैक्षिक सामग्री पर मिला कॉपीराइट

हिसार। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (CCS Haryana Agricultural University) के मानव विकास एवं पारिवारिक अध्ययन विभाग में शिशुओं की माताओं के लिए विकसित शैक्षिक सामग्री पर रजिस्ट्रार ऑफ कॉपीराइट (इण्डिया) द्वारा कॉपीराइट प्रदान किया गया है।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी. आर. काम्बोज ने यह जानकारी देते हुए बताया कि आज के समय में इस प्रकार की शैक्षिक सामग्री की बहुत आवश्यकता है क्योंकि संयुक्त परिवार तेजी से खत्म होते जा रहे हैं। परिणामस्वरूप बहुत से युवा अभिभावकों को अपने बच्चों की देखभाल स्वयं करनी पड़ती है। ऐसे में वे मदद के लिए इंटरनेट और मोबाइल ऐप की ओर रूख करते हैं। परन्तु बच्चों की परवरिश से संबंधित अधिकांश ऐप अंग्रेजी भाषा में हैं और इन्हें पश्चिमी देशों के माता-पिता की जरूरतों के हिसाब से बनाया गया है जबकि भारतीय बच्चों का विकास, उनका वातावरण और उनकी जरूरतें विदेशी बच्चों से भिन्न होती हैं। उन्होंने कहा माता-पिता में शिशु की देखभाल संबंधी ज्ञान की कमी शिशु की वृद्धि और विकास पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है। इस कमी को पूरा करने के लिए विश्वविद्यालय के उपरोक्त विभाग की छात्रा समानता बिश्नोई ने डॉ. पूनम मलिक के मार्गदर्शन में बच्चों की देखभाल के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए यह शैक्षिक सामग्री तैयार की है। उन्होंने कहा यह सामग्री भारतीय माता-पिता के लिए एक व्यापक मार्गदर्शिका होगी।
कुलपति ने इस शैक्षिक सामग्री के लिए इन शोधकत्र्ताओं की प्रशंसा की और इस कार्य को जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा विश्वविद्यालय अनुसंधान व अविष्कारों की सहायता से किसानों व आमजन के लाभ के लिए निरंतर प्रयासरत है। विश्वविद्यालय में ऐसी कई तकनीकों पर काम किया जा रहा है जिन्हे बौद्धिक संपदा के रूप में स्थापित किया जा सकता है।
शैक्षिक सामग्री मोबाइल ऐप पर होगी उपलब्ध
मानव संसाधन प्रबंधन निदेशक एवं गृह विज्ञान महाविद्यालय की अधिष्ठाता डॉ. मंजु महता ने बताया कि उक्त शैक्षिक सामग्री में शारीरिक, गत्यात्मक, मानसिक, भाषा, सामाजिक और भावनात्मक विकास के बारे में जानकारी शामिल है। इसके साथ नवजात शिशुओं की देखभाल, उनका पोषण, कपड़े, सामान्य स्वास्थ्य, खिलौने और आम मिथक आदि जैसे विषयों को सम्मिलित किया गया है। उन्होंने बताया कि इस सामग्री को संबंधित क्षेत्र के विभिन्न विशेषज्ञों ने मूल्यांकन द्वारा प्रमाणित किया है। भविष्य में यह सामग्री एक मोबाइल ऐप के माध्यम से भारतीय माताओं को उपलब्ध करवाई जाएगी। इस अवसर पर विशेष कार्य अधिकारी डॉ. अतुल ढ़ींगड़ा, मीडिया एडवाइजर डॉ. संदीप आर्य, बौद्धिक संपदा अधिकार इकाई के प्रभारी डॉ. विनोद कुमार व डॉ. पूनम मलिक उपस्थित रहे।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS