Haryana : हरियाणा कैबिनेट की बैठक में औद्योगिक कॉलोनी के विकास के लिए लाइसेंस प्रदान करने संबंधी नीति में संशोधन

Haryana : हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में उद्यम प्रोत्साहन नीति 2015 के दृष्टिगत औद्योगिक/कृषि क्षेत्र में औद्योगिक कॉलोनी के विकास के लिए लाइसेंस प्रदान करने संबंधी नीति में संशोधन के संबंध में स्वीकृति प्रदान की गई।वर्तमान में सामुदायिक सुविधाओं (Community Facilities) के लिए किफायती औद्योगिक आवास (Industrial Housing) घटक के 10 प्रतिशत क्षेत्र को उपलब्ध कराने का प्रावधान है। हालांकि इस सुविधा का निर्माण कॉलोनाइजर द्वारा किया जाना आवश्यक है। इसमें संशोधन किया गया है, जिससे अब डेवेलपर सामुदायिक स्थलों को तृतीय पक्ष द्वारा विकसित करवा सकते हैं। यह पाया गया कि अस्पतालों (Hospitals) और स्कूलों का डिज़ाइन व विकास के लिए विशेष एजेंसियों की आवश्यकता है।
बैठक के दौरान कॉलोनी एरिया स्लैब्स के विरुद्ध विभिन्न नियोजन मानदंड निर्धारित किए गए हैं। कॉलोनी एरिया स्लैब्स के विरुद्ध अधिकतम आवासीय घटक को भी संशोधित कर 25 एकड़ तक 20 प्रतिशत, 25-100 एकड़ तक 25 प्रतिशत और 100 एकड़ से अधिक तक 30 प्रतिशत करने की अनुमति दी गई है। सरकार द्वारा कॉलोनी एरिया स्लैब को कम करने के कारणों की जानकारी देते हुए बताया कि भूमि की कीमतों में क्रमिक वृद्धि के कारण औद्योगिक कालोनियों के विकास के लिए बड़ी मात्रा में भूमि संचय करने में कठिनाई आ रही है। पिछले एक दशक में 200 एकड़ से अधिक क्षेत्र के लिए लाइसेंस प्राप्त और विकसित औद्योगिक कॉलोनियों के केवल दो उदाहरण सामने आए हैं। अनाधिकृत कॉलोनाइजेशन पर अंकुश लगाने के लिए कॉलोनी एरिया स्लैब को कम करने का निर्णय लिया गया है।
वाणिज्यिक भूखंडों और एससीओ में स्वतंत्र मंजिलों के पंजीकरण के प्रस्ताव को दी मंजूरी
बैठक में हरियाणा विकास एवं शहरी क्षेत्रों के विनियमन अधिनियम, 1975 की धारा 3-सी में वाणिज्यिक भूखंडों और एससीओ में स्वतंत्र मंजिलों के पंजीकरण के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। वर्तमान में, 1975 के अधिनियम के तहत जारी किए गए लाइसेंस के हिस्से के रूप में एससीओ/वाणिज्यिक भूखंडों में स्वतंत्र मंजिलों के पंजीकरण की अनुमति नहीं है। इसके अलावा, एचएसवीपी ने पहले ही एससीओ/एससीएफ/डीएसएस के स्वतंत्र तलों के पंजीकरण की अनुमति दे दी है। इसलिए, एचएसवीपी द्वारा पालन की जाने वाली नीति के साथ समानता पर, यह प्रस्तावित है कि वाणिज्यिक भूखंडों/एससीओ के लाइसेंस प्राप्त कॉलोनियों के हिस्से के मामले में स्वतंत्र मंजिलों के पंजीकरण की भी अनुमति दी जा सकती है। 1975 के अधिनियम की धारा 3-सी एक कॉलोनी में स्थाई रूप से हस्तांतरण, बिक्री, उपहार, विनिमय या पट्टे के उद्देश्य से स्वतंत्र आवासीय मंजिलों के पंजीकरण को सक्षम बनाती है, जिसके लिए पूर्वोक्त अधिनियम के तहत एक लाइसेंस दिया गया है।
सेवानिवृति के बाद भी जो कर्मचारी कार्यरत थे, उनके पात्र परिवार को 5 लाख की दी जाएगी वित्तीय सहायता
हरियाणा सरकार ने विशेष अनुकंपा आधार पर उन कर्मचारियों के पात्र परिवार के सदस्यों को पांच लाख रुपये की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की, जो सेवानिवृत्ति के बाद भी कार्यरत थे या फिर से पुनः नियोजित थे और उनका COVID-19 के कारण निधन हो गया था। मुख्य सचिव संजीव कौशल ने इस आशय का परिपत्र जारी किया है।
पंजाब पुलिस नियम, 1934 के नियम 14.29 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी
मंत्रिमंडल की बैठक में पंजाब पुलिस नियम, 1934 के नियम 14.29 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। संशोधन के अनुसार, पंजाब पुलिस नियम, 1934 के नियम 14.29 को हटा दिया जाएगा, जिससे हैंडी साइड मेमोरियल फंड और सॉन्डर्स-चानन सिंह फंड को समाप्त कर दिया जाएगा और कॉर्पस को पुलिस कल्याण फंड में मिला दिया जाएगा।
राज्य लेखा परीक्षा निदेशालय नामक एक नया विभाग स्थापित करने का निर्णय
हरियाणा सरकार ने सार्वजनिक खर्च में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए वित्त विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण में राज्य लेखा परीक्षा निदेशालय नामक एक नया विभाग स्थापित करने का निर्णय लिया है। राज्य लेखा परीक्षा निदेशालय सभी लेखा परीक्षा योग्य इकाई सभी विभागों, बोर्डों, निगमों, सहकारी समितियों, विश्वविद्यालयों, स्थानीय प्राधिकरणों, सांविधिक निकायों, सार्वजनिक संस्थानों और राज्य सरकार द्वारा स्थापित नियंत्रित या वित्तपोषित अन्य प्राधिकरणों की आंतरिक लेखा परीक्षा करेगा। इनमें समेकित निधि से धन, सहायता, अनुदान या योगदान प्राप्त करने वाले गैर-सरकारी संगठन और संस्थाएं जो राज्य संचित निधि के माध्यम से सरकार से किसी भी रूप में या सार्वजनिक रूप से धन प्राप्त करती हैं, वे भी इसमें लेखा परीक्षा में शामिल हैं।
6 नए उपमंडल बनाने के प्रस्ताव को दी मंजूरी
मंत्रिमंडल की बैठक में 6 नए उपमंडल नामतः मानेसर (गुरुग्राम), नीलोखेड़ी (करनाल), इसराना (पानीपत), छछरौली (यमुनानगर), नांगल चौधरी (महेंद्रगढ़), और जुलाना (जींद) बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। राज्य सरकार ने राजस्व मंत्री की अध्यक्षता में उप-तहसीलों, तहसीलों, उप-मंडलों और जिलों के पुनर्गठन के लिए एक समिति का गठन किया है, जिसका उद्देश्य जनता तक बेहतर सेवाएं पहुंचाना और विभिन्न क्षेत्रों में प्रशासनिक दक्षता, प्रशासनिक स्तर पर तालमेल लाना व सेवाओं का बेहतर वितरण है।
कृषि-व्यवसाय एवं खाद्य प्रसंस्करण नीति-2018 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी
बैठक में कृषि-व्यवसाय एवं खाद्य प्रसंस्करण नीति-2018 में संशोधन तथा इसके अंतर्गत प्रोत्साहन योजनाओं के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई। संशोधित प्रस्ताव के अनुसार बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंकेज स्कीम के अंतर्गत 25 परियोजनाएं और ‘इंटीग्रेटेड कोल्ड चेन एंड वैल्यू एडिशन स्कीम’ के तहत 15 अतिरिक्त परियोजनाएं स्थापित की जाएंगी। नीतिगत बजट 433 करोड़ रुपये का अपरिवर्तित बजट रहेगा। व्यक्तिगत कृषि और खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के निर्माण, विस्तार और विविधीकरण की योजना से 31 मार्च, 2024 तक या नई कृषि-व्यवसाय और खाद्य प्रसंस्करण नीति की अधिसूचना तक, जो भी पहले हो, 160 करोड़ रुपये का बजट उपरोक्त योजनाओं में परिवर्तित किया जाएगा। यह संशोधन वांछित नीतिगत उद्देश्यों को प्राप्त करने में मददगार होगा और एक वृहद खाद्य प्रसंस्करण पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के साथ-साथ राज्य में किसानों की आय बढ़ाने के लिए भी उपयोगी होगा।
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