अपराध के खिलाफ मिलकर लड़ेंगे हरियाणा और पंजाब

अपराध के खिलाफ मिलकर लड़ेंगे हरियाणा और पंजाब
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अपराध में शामिल गिरोहों पर शिकंजा कसने के उद्देश्य से विभिन्न मुद्दों और चुनौतियों पर चर्चा करने के लिए हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की बैठक पंचकूला में हुई।

चंडीगढ़। संगठित अपराध में शामिल गिरोहों पर शिकंजा कसने के उद्देश्य से विभिन्न मुद्दों और चुनौतियों पर चर्चा करने के लिए हरियाणा, पंजाब और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की संयुक्त बैठक पंचकूला में हुई। जिसकी अध्यक्षता संयुक्त रूप से डीजीपी हरियाणा मनोज यादव और डीजीपी पंजाब दिनकर गुप्ता ने की जिसमें चंडीगढ़ पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया।

बैठक में शामिल पुलिस अधिकारियों द्वारा संगठित अपराध पर अंकुश लगाने के लिए कई बिंदुओं पर चर्चा हुई जिसमें प्रभावी समन्वय व सामान्य डेटाबेस बनाने और सूचनाओं कोे वास्तविक समय पर साझा करने के लिए संस्थागत तंत्र बनाने पर जोर दिया गया।

बेहतर समन्वय से कसेगा शिंकजाः डीजीपी हरियाणा

डीजीपी हरियाणा मनोज यादव ने कहा कि इस तरह की महत्वपूर्ण समन्वय बैठकों से नश्चिति रूप से अंतरराज्यीय बदमाशों की आपराधिक गतिविधि पर नजर रखते हुए संगठित अपराध का पता लगाने सहित वास्तविक समय में महत्वपूर्ण जानकारी साझा करने में मदद मिलेगी। उन्होंने सुझाव दिया कि अंतर-राज्यीय अपराध को रोकने और पता लगाने के लिए बेहतर समन्वय और रणनीति बनाने में सभी स्तरों पर पुलिस अधिकारियों के टेलीफोन नंबर भी साझा किए जाने चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि खूंखार अपराधियों और गैंगस्टरों द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग और विदेशों में उनके ठिकानों को नाकाम करना कैसे एक चुनौती है।

ये बोले पंजाब के डीजीपी

डीजीपी पंजाब दिनकर गुप्ता ने गंभीर प्रवृति के विषय पर अंतर-राज्यीय सम्मेलन को आयोजित करने के लिए डीजीपी हरियाणा यादव का धन्यवाद व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि हमें मिलकर सिस्टम बनाना चाहिए, जहां संगठित अपराध से संबंधित कोई भी जानकारी ऐसे अपराधियों को तुरंत पकड़ने के लिए साझा की जा सके। उन्होंने इस दिशा में कार्रवाई के लिए कई संभावित क्षेत्रों पर विचार व्यक्त किए। बैठक में संगठित अपराध से निपटने के लिए वास्तविक समय में जानकारी साझा करने के लिए संयुक्त रणनीतियों पर फोकस करने पर जोर दिया गया। इससे दोनों राज्यों सहित चंडीगढ पुलिस के बीच आपसी समन्वय बढ़ाने में बल मिलेगा। इस रणनीति के आधार पर एक कार्य योजना तैयार की जाएगी जो इन प्राथमिकताओं को प्राप्त करने के लिए ठोस उपाय करेगी।

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