विधायकों की टेबल पर Apple के आईपैड : हरियाणा विधानसभा हुई डिजिटल, 8 से शुरू होगा मानसून सत्र

चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने शनिवार को हरियाणा विधानसभा को ई विधानसभा के तौर पर चलाने के लिए वैसे, तो सारी तैयारी पूरी कर ली है। सभी विधायकों की टेबल पर विधानसभा ने भी भारी भरकम खर्च कर एप्पल के आईपैड स्थापित कर दिए गए हैं। लेकिन नेता विपक्ष और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने एक बार फिर से साफ कर दिया है कि लैस पेपर तो हो सकता है, लेकिन पेपरलैस पूरी तरह नहीं हो सकता। शनिवार को विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने अपने स्टाफ, आईटी के विशेषज्ञों के साथ में जहां इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को इसकी जानकारी दी है। वहीं उन्होंने विधानसभा के अंदर विधायकों के बैठने वाले स्थान पर जाकर चेक किया कि व्यवस्था में कोई कमी तो नहीं रह गई है। वैसे, उनका दावा है कि विधान सभा पेपरलैस करने का काम लगभग पूरा हो चुका है। सभी टेबल पर डिवाइसेज इंस्टॉल हो चुके हैं। नेशनल ई-विधान एप्लिकेशन हरियाणा के डाटा के साथ अपडेट कर दी गई है। इसका उद्घाटन 8 अगस्त को अभ्यास सत्र से ठीक पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल करेंगे, टैब पर टैप कर ई-विधान सभा का श्रीगणेश करेंगे।
ऐसे सिरे चढ़ी 8.53 करोड़ रुपये की परियोजना
विधान सभा के डिजीटलाइजेशन के लिए 8.53 करोड़ की परियोजना मंजूर हुई है। हरियाणा विधान सभा ने 25 फरवरी 2021 को त्रिपक्षीय एमओयू साइन किया था। 23 दिसंबर को 2021 को हरियाणा विधान सभा की डीपीआर को अप्रुवल मिली। 9 और 10 फरवरी को इस नेवा सेवा केंद्र में प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। 2 मार्च को इस परियोजना की दूसरी किस्त प्राप्त हुई। हरियाणा विधान सभा को डिजीटलाइजेशन करने की इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत 21 और 22 जुलाई को पंचकूला में नेशनल ई-विधान एप्लिकेशन के दो दिवसीय ऑरिएंटेशन प्रोग्राम का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण के पहले दिन यहां विधायकों तथा दूसरे दिन हरियाणा सरकार के विभिन्न विभागों के नोडल अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया। परियोजना से हरियाणा विधान सभा को सालाना करीब 5.60 करोड़ की बचत होगी। नेशनल इन्फॉरमेशन सेंटर (एनआईसी) और नेशनल इंटरनेट एक्सचेंज ऑफ इंडिया (निक्सी) के अधिकारियों ने भी नए सॉफ्टवेयर की बारिकियां सीखी हैं।
नेता विपक्ष बोले - लैस पेपर हो सकता है, पेपरलेस नहीं
नेता विपक्ष औऱ पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि विधानसभा का मानसून सत्र लैस पेपर तो हो सकता है, अर्थात पेपर का कम से कम इस्तेमाल हो, इस दिशा में आगे बढ़ना होगा लेकिन जिस तरह के दावे किए जा रहे हैं, यह अभी संभव नहीं हैं। उन्होंने कहा कि धीऱे धीरे इसको ई-विधानसभा बनायी जा सकती है, फिलहाल, काफी ब ड़ी संख्या में विधायक कागजात और दस्तावेजों को पढ़कर ही सदन में अपनी बात रख पाते हैं।
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