हरियाणा विधानसभा शीतकालीन सत्र : गृह मंत्री विज ने जहरीली शराब से मौतों पर दिया जवाब

Haryana Assembly : गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि जहरीली शराब के सेवन से हुई लोगों की मौत के मामले में पुलिस अधीक्षक, यमुनानगर और अंबाला से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, संदिग्ध जहरीली शराब के सेवन से 20 मौतें हुई हैं। इस संबंध में 5 एफआईआर दर्ज की गई हैं और इन दोनों जिलों में कुल 52 गिरफ्तारियां की गई, जिनमें 36 आरोपी शामिल पाए गए हैं। विज हरियाणा विधानसभा में चल रहे शीतकालीन सत्र में लगाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का उत्तर दे रहे थे।
उन्होंने बताया कि पुलिस अधीक्षक यमुनानगर ने सूचित किया कि पुलिस को सूचना मिली कि गांव मंडेवरी, यमुनानगर निवासी एक व्यक्ति को संदिग्ध जहरीली शराब के सेवन के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस की जांच से पता चला कि नकली शराब उसी गांव मंडेबरी निवासी रॉकी नामक व्यक्ति द्वारा संचालित एक अवैध खुर्दा से बेची जा रही थी। जिस संबंध में पुलिस द्वारा एक आपराधिक केस अंकित किया गया तथा गहनता से जांच की गई। जांच में अंबाला जिले के गांव धनौरा में अवैध रूप से चल रही एक फैक्ट्री का पता चला, जहां नकली शराब का नर्मिाण और वितरण किया जा रहा था। इस मामले में कुल मिलाकर 5 एफआईआर दर्ज की गई।
उन्होंने बताया कि यमुनानगर और अंबाला पुलिस द्वारा सभी पहलुओं पर गहनता से जांच की गई, जिसके परिणामस्वरूप ठेकेदारों सहित 36 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जो दुकानों के मूल आवंटनकर्ता थे। जहरीली शराब के सेवन से कुल 20 मौतें (यमुनानगर में 18 और अंबाला में 2) हुई हैं, जिसमें गांव धनौरा, अंबाला में अवैध रूप से चल रही शराब फैक्ट्री में काम करने वाले दो श्रमिकों की मौत भी शामिल है, जन्हिोंने संदग्धि जहरीली शराब का सेवन किया था। इसके अलावा बीमार 5 लोगों को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। गिरफ्तार किए गए सभी आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं, केवल एक आरोपी को छोडकर जिसने जहरीली शराब पी थी और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी।
इसके अलावा, दयालु योजना के तहत अब तक 8 मृतकों के परिवारों/आश्रितों को 32 लाख रुपये का मुआवजा दिया गया है, जबकि अन्य विचाराधीन हैं। अब तक पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। इन मामलों में निष्पक्ष तरीके से जांच की जा रही है। आबकारी एवं कराधान विभाग ने वर्ष 2023-24 के आबकारी नियमों के उल्लंघन मामले में मैसर्स महेंद्र सिंह, एल-13 लाइसेंसधारी, जिला यमुनानगर के विरुद्ध भी कार्यवाही शुरू की। कलेक्टर (आबकारी) द्वारा 20.11.2023, के तहत रुपये 2,51,00,000/- का जुर्माना लगाया गया और दिनांक 22.11.2023 के तहत एल-13 लाइसेंस रद्द कर दिया गया। इसके अतिरक्ति, जिला यमुनानगर में मैसर्स महेंद्र सिंह के 11 जोन के एल-2/एल-14ए लाइसेंस, पंजाब आबकारी अधिनियम, 1914 की धारा 37 के प्रावधानों के अलावा कलेक्टर (आबकारी), हरियाणा के आदेश पर रद्द कर दिए गए। इन 11 जोन को विभाग द्वारा नीलामी में पुनः आवंटित किया गया।
उन्होंने बताया कि 07.11.2023 को जहरीली शराब की इस घटना से पहले राज्य भर में खुदरा दुकानों से 2193 नमूने लिए गए थे और 07.11.2023 के बाद अब तक कुल 2875 नमूने लिए गए हैं। आबकारी नीति 2023-24 के प्रारंभ (दिनांक 12.06.2023) होने से अब तक राज्य भर में कुल 5068 नमूने खुदरा शराब वक्रिेताओं से लिए गए हैं। अवैध एवं नकली शराव के कारोवार को रोकने के लिए पुलिस विभाग द्वारा विभन्नि स्तरों पर सघन एवं तत्परता से की जाती रही है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2016 से वर्ष 2023 तक 97895 अभियोग दर्ज करके 104843 व्यक्तियों को गिरफतार करके लाखों शराब की बोतलों को बरामद किया है।
उन्होंने बताया कि गृह विभाग हरियाणा ने खरखौदा-मटिंडू रोड, सोनीपत में अस्थायी गोदाम में बरामद शराब के स्टॉक से चोरी के मामले की जांच करने के लिए टी.सी. गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव विद्युत अधिकारिता नवीकरणीय ऊर्जा एवं आवास विभाग की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल (एस.ई.टी.) का गठन किया। इसी प्रकार, 30 जुलाई, 2020 को विशेष जांच दल (एस.ई.टी.) ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी, जिसमें उल्लेखित चूकों के लिए व्यक्तिगत अधिकारियों/कर्मचारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने की सिफारिशें और आबकारी विभाग के कामकाज में व्यवस्थित सुधार के लिए सुझाव/अनुशंसित उपाय भी शामिल हैं। उक्त रिपोर्ट के आधार पर आवश्यक कार्यवाही/शुरु की गई। इसके अतिरक्ति सरकार द्वारा यह भी निर्णय लिया कि पूरे मामले की जांच राज्य सतर्कता ब्यूरो द्वारा की जाए।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा की गई जांच
उन्होंने बताया कि मुख्य सचिव कार्यालय के आदेश के अनुपालन में सूचित भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो हरियाणा में एक सितंबर 2020 को जांच संख्या 4 दर्ज की गई। लॉकडाउन के दौरान शराब की बड़ी अनाधिकृत आवाजाही में कुछ आबकारी एंव कराधन विभाग अधिकारियों के साथ-साथ कुछ पुलिस अधिकारियों की मिलीभगत की जांच की जाएगी और सरकार को रिपोर्ट सौंपी जाएगी। इस राज्यव्यापी जांच के दौरान, एसीबी ने इस मामले में पुलिस द्वारा दर्ज किए गए। केसों के विवरण सहित प्रासंगिक रिकॉर्ड एकत्र किए हैं। इसके अलावा, एसीबी ने अब तक की पूछताछ के दौरान शराब ठेकेदारों, आबकारी एवं कराधान विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों, पुलिस विभाग के राजपत्रित/अराजपत्रित अधिकारियों/कर्मचारियों और डिस्टलिरी, ब्रुअरीज और बॉटलिंग प्लांट से संबंधित व्यक्तियों के बयान दर्ज किए हैं।
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