Corona संबंधित इलाज के रेट फिक्स कर देश का पांचवा राज्य बना हरियाणा

Corona संबंधित इलाज के रेट फिक्स कर देश का पांचवा राज्य बना हरियाणा
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हरिभूमि (Hari Bhoomi) द्वारा अपने 24 के अंक में इस संबंध में सबसे पहले रिपोर्ट (Report) प्रकाशित की थी। इस तरह का एक ड्राफ्ट तैयार किया गया था। जिस पर सीएमओ (CMO) से मुहर लगते ही अब इस आशय की आदेश भी जारी कर दिया गया है।

चंडीगढ़। हरियाणा में अब निजी अस्पताल कोविड (covid) व बाकी मरीजों से मनमाने रेट नहीं वसूल पाएंगे। इस संबंध में राज्य के स्वास्थ्यमंत्री और आला-अफसरों द्वारा तैयार ड्राफ्ट पर सीएम की (CM) मुहर लग जाने के बाद में आदेश जारी हो गए हैं। गौरतलब है कि हरिभूमि ने 24 के अंक में इस संबंध पर सबसे पहले रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसके बाद सरकार सहित स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों ने फैसला लिया है।

सरकार ने साफ कर दिया है कि मनमाने रेट वसूलने वाले अस्पताल संचालकों के विरुद्ध महामारी एक्ट के तहत कार्रवाई होगी। इसके साथ ही हर श्रेणी के अस्पतालों के सर्विस रेट भी निर्धारित कर सूची जारी कर दी गई है। हरियाणा देश के पांच राज्यों में शामिल हो गया है, जिन्होंने कोरोना संक्रमण के दौरान उपचार के रेट निर्धारित करते हुए अपने राज्य के लोगों को सौगात दी है।

सीएमओ से मुहर लगते ही अब इस आशय की आदेश भी जारी कर दिया गया है। कुछ योजनाओं पर यह आदेश लागू नहीं होंगे, जैसे पीएमजेएवाई आयुष्मान भारत शामिल हैं। इनके रेट पहले से निर्धारित हैं, जो पुराने हिसाब से चलता रहेगा। इसके लिए पहले से अस्पताल सूचीबद्ध हैं।

दो श्रेणियों में अस्पतालों को बांटा गया है। इसमें एक श्रेणी एनएबीएचए से गैर मान्यता वाले अस्पतालों की है। जहां पर हल्की बीमारी में आइसोलेशन बैड के लिए अधिकतम 8 हजार देने होंगे। इसमें ऑक्सीजन और सर्पोटिव केयर का चार्ज शामिल होगा। इसी श्रेणी में बिना आईसीयू दाखिल मरीज से 13 हजार वसूलें जाएंगे, जिसमें प्रतिदिन का वेंटीलेटर की फीस भी शामिल होगी। इस श्रेणी में गंभीर बीमार होने की सूरत में 15 हजार प्रतिदिन से ज्यादा आईसीयू और वेंटिलेटर का शुल्क भी शामिल होगा।

स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा ने बताया कि एनएबीएच से मान्यता प्राप्त अस्पतालों में आईसोलेशन बैड लेने पर अधिकम दस हजार रुपये वसूले जाएंगे। दूसरी श्रेणी में यह फीसद अधिकतम पंद्रह हजार होगी। गंभीर हालत होने पर इस श्रेणी में 18 हजार तक ही लिया जा सकता है। नेशनल एक्रिडेशन बोर्ड ऑफ हास्पिटल एंड हेल्थ केयर प्रोवाइडर (एनएबीएच) की मान्यता प्राप्त अस्पताल में आइसोलेशन बेड के लिए 10 हजार ले सकता है। इसके अलावा साफ कर दिया गया है कि व्यक्तिगत अथवा फैमली बीमा होने पर उन्हीं शर्तों के हिसाब से उपचार मिलेगा।

बिना वेंटिलेटर वाले आईसीयू के लिए नेशनल एक्रिडेशन बोर्ड ऑफ हास्पिटल एंड हेल्थ केयर प्रोवाइडर (एनएबीएच) से मान्यता प्राप्त अस्पताल में 15 हजार देने होंगे जबकि एनबीएच से गैर मान्यता प्राप्त अस्पताल में 13 हजार रुपये देने होंगे। वेंटिलेटर वाले आईसीयू के लिए नेशनल एक्रिडेशन बोर्ड आफ हॉस्पिटल एंड हेल्थ केयर प्रोवाइडर (एनएबीएच) से मान्यता प्राप्त अस्पताल में 18 हजार रुपये देने होंगे जबकि एनबीएच से गैर मान्यता प्राप्त अस्पताल में 15 हजार रुपये इस बेड के लिए रेट तय किए गए हैं।

रेट पर अंकुश के लिए पांचवा राज्य बना हरियाणा

हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री ने राज्य में निजी अस्पतालों द्वारा रेट को लेकर गंभीरता दिखाते हुए आला अफसरों से विचार विमर्श कर एक ड्राफ्ट तैयार कर लिया था। हरियाणा द्वारा राज्य में रेट सूची निर्धारित कर दिए जाने के बाद में देश के पांच राज्यों में हरियाणा भी शामिल हो गया है। अब रेट को लेकर एक कमेटी का गठन कर लिया जाएगा। नए ड्राफ्ट में अंकुश लगाने की पहल कर दी गई है। यहां पर बता दें कि कुछ अस्पताल तो दस से पंद्रह दिनों के पांच पांच लाख तक वसूल रहे थे।

अब अगर शिकायत मिली तो सीधी कार्रवाई -विज

स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने साफ कर दिया है कि रेट निर्धारित कर दिए जाने के बाद भी कोई शिकायत मिली, तो सीधे ही कार्रवाई कर दी जाएगी। लोगों को सही उपचार मिले, इस तरह का हमारा प्रयास है, हम लगातार कदम उठा रहे हैं। मानीटरिंग के लिए भी खास व्यवस्था की जा रही है।

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