बेरोजगारी में हरियाणा बना नंबर वन, तीन में से एक है बेरोजगार

Haryana : राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने प्रदेश में लगातार बढ़ती बेरोजगारी पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उनका कहना है कि सीएमआईई यानी सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनामी की ताजा रिपोर्ट ने एक बार फिर हरियाणा की बीजेपी-जेजेपी सरकार को आईना दिखाने का काम किया है। एक बार फिर हरियाणा बेरोजगारी में टॉप पर आया है। दिसंबर महीने की रिपोर्ट में पता चला है कि हरियाणा में 32.5% बेरोजगारी दर है। इसका मतलब है कि प्रदेश में हर तीन में से एक हरियाणवी बेरोजगार है। ये पूरे देश की औसत बेरोजगारी दर से करीब 4 गुना ज्यादा है।
दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि कोरोना के चलते प्रदेश में ये हालात नहीं हुए हैं। कोरोना काल से पहले भी हरियाणा के युवा 28% बेरोजगारी दर झेल रहे थे। उस वक्त भी हरियाणा बेरोजगारी के मामले में पूरे देश में टॉप पर था। सिर्फ सीएमआईई ही नहीं खुद एनएसओ, एसजीडी जैसे तमाम सरकारी और निजी संस्थाओं के आंकड़े बार-बार हरियाणा सरकार के नकारात्मक प्रदर्शन की पोल खोलते रहे हैं। आज देश इतिहास की सबसे ज्यादा बेरोजगारी और नकारात्मक विकास दर झेल रहा है। लेकिन देश की औसतन बेरोजगारी दर से भी करीब 4 गुना ज़्यादा हरियाणा की बेरोजगारी दर है। यूपी, बिहार जैसे पिछड़े माने जाने वाले राज्यों ने भी रोजगार देने के मामले में हरियाणा को पछाड़ दिया है। सांसद ने कहा कि ऐसा लगता है मानो मौजूदा सरकार हर नकारात्मक उपलब्धि हासिल करने का लक्ष्य लेकर काम कर रही है। शायद इसीलिए उसने हरियाणा को अपराध, दंगे, नशे, प्रदूषण और बेरोजगारी में टॉप पर लाकर खड़ा कर दिया है। नई-नई नकारात्मक उपलब्धियां हासिल करना हरियाणा की गठबंधन सरकार के लिए रूटीन हो गया है। लेकिन उसके इस नकारात्मक प्रदर्शन का खामियाजा हरियाणा का नौजवान भुगत रहा है।
सांसद ने कहा कि सरकार युवाओं को रोजगार देने के बजाय उनका रोजगार छीनने में लगी है। मौजूदा सरकार में कच्चे ही नहीं पक्के कर्मचारियों को भी नौकरी से हटाया जा रहा है। पिछले दिनों पीटीआई, फिर ड्राइंग टीचर और अब एक बार फिर ग्रुप डी में स्पोर्ट्स कोटे से भर्ती हुए 1518 कर्मचारियों को नौकरी से हटा दिया गया। इस सरकार ने तो कोरोना काल में भी कर्मचारियों को नहीं बख्शा और कोरोना योद्धा सफाई कर्मचारियों समेत प्रदेशभर से सैंकड़ों कच्चे कर्मचारियों की छटनी कर दी। दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि बीजेपी की अगुवाई वाली इस सरकार ने हरियाणा के साढ़े 6 साल बर्बाद कर दिए। इन सालों में सरकार सिर्फ विज्ञापन के खोखले प्रचार और जुमले गढ़ने में लगी रही। ना उसने रोजगार सृजन की तरफ जोर दिया और ना ही प्रदेश में निवेश का माहौल बनाया।
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