Haryana Budget 2021 Live : सीएम मनोहर लाल ने पेपरलेस बजट किया पेश, यह बताया सरकार का लक्ष्य

Haryana : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने शुक्रवार को बतौर वित्तमंत्री वित्तीय वर्ष 2021 -22 का इस बार 1 लाख 55 हजार 645 करोड़ का बजट पेश किया है। यह 2020-21 बजट से 13% अधिक है।
मुख्यमंत्री ने गणेश वंदना से बजट की शुरुआत की। बजट पेश करते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल (CM Manohar Lal Khatter) ने कहा कि प्रदेश का अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाना हमारा मुख्य लक्ष्य है। इस बार का बजट स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगांठ को समर्पित है। बजट में स्वास्थ्य, शिक्षा, उद्योग व कृषि पर ज्यादा फोकस किया गया है।
मुख्यमंत्री ने सदन को इस बात से भी अवगत करवाया कि 91 वर्ष पूर्व आज के ही दिन महात्मा गांधी जी ने 12 मार्च, 1930 को दांडी मार्च की शुरुआत की थी और उसी की याद में आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी साबरमती आश्रम से 81 यात्रियों को दांडी मार्च स्मृति यात्रा के लिए रवाना कर रहे हैं। उन्होंने कहा गांधी जी के सिद्धान्त आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं, जितने 91 वर्ष पहले थे। उन्होंने कहा कि आजादी की 15 अगस्त, 2022 को देश अपनी आजादी की 75वीं वर्षगांठ मनाएगा और इस दौरान केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
मनोहर लाल ने अपना वर्ष 2021-22 का बजट तैयार करते समय इसमें पिछले वर्ष की तरह विधायकों व सांसदों से सुझाव आमंत्रित कर उनका समावेश किया। उन्होंने 2 घंटे 37 मिनट के बजट भाषण में चहुंमुखी विकास के लिए अनेक नई पहल करते हुए इसे ''हरियाणा एक-हरियाणवी एक'' के मूलमंत्र के साथ राज्य के लोगों को समर्पित किया।
बजट में मुख्यमंत्री ने दो घंटे 40 मिनट का वक्त लिया
बजट में मुख्यमंत्री ने दो घंटे 40 मिनट का वक्त लिया साथ ही बताया कि इस बार के बजट में किसी तरह का कोई नया कर नहीं लगा रहे हैं। वहीं कर संग्रह को लेकर रामचरित मानस का उदाहरण दिया व कहा कि इसमें कोई भी कर नहीं हैं। उन्होंने कोविड की चुनौती के बावजूद प्रदेश की आर्थिक सेहत को ठीक रखने के लिए उठाए गए कदमों का सिलसिलेवार जिक्र किया। सीएम ने कहा कि राजा को सूर्य भानू जैसा होना चाहिए, जनकल्याण करे, तो सभी खुशी के साथ में देखें।
सीएम ने कहा कि अंत्योदय की भावना के साथ में एक लाख परिवारों तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए काम करेंगे। यह परिवार पहचान पत्र के माध्यम से अति गरीब परिवार सर्च किए जाएंगे। जिन्हें 2025 तक लाभ पहुंचाना है। इसके अलावा लघु सिंचाई के लिए व छोटे किसानों, एग्रो इंडस्ट्री के लिए नए द्वार खोलने वाले कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने नए एक हजार बोरवैल लगाने और पानी संचय के लिए भी अहम योजनाओं के बारे में जानकारी सांझा की।
दस जिलों में सौ बेड वाले अस्पतालों तो दो सौ बैड के होंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम दस जिलों में सौ बेड वाले अस्पतालों तो दो सौ बैड का करने जा रहे हैं। नूंह में कोई अस्पताल नहीं है, जहां पर सौ बेड का अस्पताल स्थापित होगा। इसके अलावा वेलनेस सेंटर और व्यायामशालाएं खोलने की योजना के बारे में बताया। संस्कृति माडल स्कूलों की स्थापना करने सीबीएसई सिस्टम रखने, साथ ही आंगनबाडी केंद्रों का सही तरह से उपयोग करने की तैयारी है। इसी तरह से कुरुक्षेत्र और रोहतक में यूनिवर्सिटी को लेकर कहा कि हम केजी टू पीजी की व्यवस्था करने जा रहे हैं। इसी तरह से ग्रामीण एरिया में लालडोरा खत्म कर लोगों को मालिकाना हक दिए जाने के लिए बेहतरीन स्कीम लेकर आए हैं, यह स्कीम देश के पीएम ने पसंद की व इसको पूरे देश में लागू करने की घोषणा की है। गुरुग्राम और कुरुक्षेत्र को स्मार्ट सिटी तैयार करने की योजना भी तैयार की गई है। महिला पुलिस की संख्या और ज्यादा करने की तैयारी है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के साथ में जुड़े विभागों मेडिकल एजूकेशन एवं रिसर्च, आयुष, एनएचएम सभी में इस बार खासी वृद्धि की गई है।
मुख्यमंत्री अंत्योजय उत्थान अभियान की शुरुआत
सीएम ने मुख्यमंत्री अंत्योजय उत्थान अभिय़ान की शुरुआत की घोषणा सीएम ने की। इस अभियान में परिवार पहचान पत्र डाटा का सत्यापन होगा। एक लाख परिवारोंका पहले उत्थान किया जाएगा। यह उद्देश्य पूरा करने के बाद में बाकी एक लाख परिवारों का चयन किया जाएगा ताकि उनका भी उत्थान किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने लगातार दूसरा बजट पेश करने के बाद में कहा कि हमारा फोकस तो अंत्योदय की भावना वाला है। जिसमें सेहत व शिक्षा सुरक्षा और स्वावलंबन पर फोकस है। रोजी रोटी के लिए सुहह ही निकलने वाले व्यक्ति को बेहतर जीवन जीने का मौका मिले, इस तरह का हमारा प्रयास है। हमारी सरकार ने कोविड 19 की चुनौती के बावजूद अपनी आर्थिक स्थिति को पटरी पर लाने के लिए गंभीर प्रयास किए हैं। इतना ही नहीं सैलरी और पेंशन भी वक्त पर देने का काम किया।
अहम बात कोई भी नया कर नहीं
इस बार भी कर रहित बजट में कई तरह की सावधानी बरती हुई है। दूसरा नया कोई कर नहीं लगाया। कर्ज लेने की सीमा भी पार नहीं की है। पूंजीगत खर्चों को भी बजट और आर्थिक विशेषज्ञों की राय लेकर सीमा के अंदर रखा गया है। हरियाणा देशभर में प्रतिव्यक्ति आय सहित कई मामलों में एक आदर्श राज्य है।
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