हरियाणा में BUDGET की तैयारी शुरू : सीएम मनोहर बोले - हर वर्ग के कल्याणार्थ होगा 2023-24 का बजट, इन क्षेत्रों पर रहेगा फोकस

हरियाणा में BUDGET की तैयारी शुरू : सीएम मनोहर बोले - हर वर्ग के कल्याणार्थ होगा 2023-24 का बजट, इन क्षेत्रों पर रहेगा फोकस
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मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा की आर्थिक स्थिती अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर है तथा प्रदेश का सरकार राज्य सकल घरेलू उत्पाद के अनुरूप तय सीमा में ही ऋण ले रही है। वर्तमाण में ऋण की सीमा 3.52 प्रतिशत है, जिसे 3 प्रतिशत तक लाने का प्रयास किया जाएगा।

चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि वर्ष 2023-24 का राज्य का बजट हर वर्ग के कल्याणार्थ होगा। बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास, पर्यावरण इत्यादि क्षेत्रों पर मुख्य रूप से फोकस किया जाएगा। सभी हितधारको से परामर्श कर अच्छा और संतुलित बजट लेकर आएंगे। मुख्यमंत्री पंचकूला में हरियाणा विधानसभा द्वारा अयोजित राज्य वित्त प्रबंधन एवं बजट पर विमर्श कार्यक्रम के उपरांत पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे।

पत्रकारों द्वारा विपक्ष द्वारा कर्ज को लेकर उठाए जाने वाले प्रश्नों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा की आर्थिक स्थिती अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर है तथा प्रदेश का सरकार राज्य सकल घरेलू उत्पाद के अनुरूप तय सीमा में ही ऋण ले रही है। वर्तमाण में ऋण की सीमा 3.52 प्रतिशत है, जिसे 3 प्रतिशत तक लाने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार जन कल्याण के लिए अनेक कार्य कर रही है। अधिक से अधिक विकास कार्य करवाए जा रहे हैं। सरकार की आय में भी हर वर्ष वृद्धि हो रही है और उतना ही सरकार जनता के कल्याण के लिए खर्च भी कर रही है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि राज्य में वृद्धावस्था सम्मान भत्ता योजना के तहत वृद्धजनों को 2500 रुपये प्रति माह की दर से लाभ दिया जा रहा है, जो देशभर में सर्वाधिक है।

जरूरतमंदों को स्वास्थ्य सुरक्षा देने के लिए चिरायु हरियाणा योजना की शुरू

मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के तहत केंद्र सरकार की 1 लाख 20 हजार रुपये वार्षिक आय की सीमा के अनुरूप ही अन्य राज्यों ने अपने प्रदेश में लाभार्थियों को इसका लाभ दिया है। जबकि हरियाणा सरकार ने जनकल्याण के लिए एक कदम और आगे बढ़ते हुए इस योजना का दायरा बढ़ा कर वार्षिक आय सीमा को 1 लाख 80 हजार रुपये किया है, जिससे अब प्रदेश के अन्य पात्र लाभार्थी भी इस योजना के दायरे में आ गए हैं। इस योजना का नाम हमने चिरायु हरियाणा रखा है और इस योजना के तहत 500 करोड़ रुपये से अधिक का अतिरिक्त वित्तीय भार प्रदेश सरकार वहन करेगी। एक प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार भी हितधारकों से बजट पूर्व परामर्श बैठकें की जाएंगी। आज का यह प्रशिक्षण कार्यक्रम पहला चरण है, जिसमें विशेषज्ञों द्वारा विधायकों को बजट से संबंधित सभी बारीकियों से अवगत कराया जायेगा।

विधायकों के लिए बजट की बारीकियों को सीखने का बेहतरीन मौका

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विधायकों से अनुरोध किया कि वर्ष 2023- 24 के बजट पेश करने में 3 माह का समय है, इस अवधि के दौरान विधायक अपने -अपने क्षेत्रों में होने वाले कार्यों की सूची सरकार से सांझा करें ताकि उनके सुझावों व उनकी मांगों को बजट में सम्मिलित किया जा सके। उन्होंने कहा कि आज के इस कार्यक्रम में विधायकों को बजट से संबंधित बारीकियों को समझने का बेहतरीन अवसर प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि गत 8 वर्षों से उन्हें बजट से संबंधित सभी प्रकार की गतिविधियों को समझने का मौका मिला। हालांकि, पिछले 3 वर्षों से वित्त मंत्री के तौर पर बजट पेश करने से लेकर कई प्रकार के अनछुए पहलूओं को जानने का मौका मिला। इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रमों से विधायकों को भी बजट की विस्तृत जानकारी समझने का अवसर मिलेगा। इससे राज्य का बजट अच्छी तरह से तैयार करने में मदद मिलेगी और अन्य राज्यों के लिए भी अनुकरणीय बजट बनेगा।

बजट तैयार करने से पहले सदस्यों द्वारा मांग आए तो उन्हें बजट में समाहित करने की करेंगे कोशिश

मुख्यमंत्री ने कहा कि आय और खर्च को ध्यान में रखकर बजट बनाया जाता है। विधानसभा में बजट पेश होने के बाद उसमें बदलाव करना संभव नहीं होता है। प्राय: - प्राय: यह देखा जाता है कि जब बजट पेश किया जाता है, उस समय विधायक अपने -अपने क्षेत्रों में विकास कार्यों की मांग रखते हैं, लेकिन उस समय उन मांगों को बजट में शामिल नहीं किया जा सकता। इस बार के बजट में अभी 3 महीने का समय है, इसलिए इन 3 माह के दौरान सभी विधायक अपने -अपने क्षेत्रों में करवाए जाने वाले विकास कार्योँ की सूची वित्त विभाग या संबंधित मंत्री या सीधे मुझे भी भेज सकते हैं, ताकि इन मांगों को समाहित करने का पूरा प्रयास करेंगे।

हरियाणा की आर्थिक स्थिति अन्य कई राज्यों से बेहतर

मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा की आर्थिक स्थिति अन्य कई राज्यों से बेहतर है। हमारा वित्त प्रबंधन अच्छा है, जिससे हम प्रदेश का बजट घाटा नियंत्रित करने के सफल हुए हैं। प्रति व्यक्ति आय के मामले में भी बड़े राज्यों में हम नंबर वन हैं। उन्होंने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा राज्यों की उधार सीमा निर्धारित की जाती है। भारत सरकार द्वारा निर्धारित उधार सीमा जी.एस.डी.पी. का 25 प्रतिशत से अधिक राज्य उधार नहीं ले सकते। कोविड- 19 महामारी के कारण राज्य सरकार की प्राप्तियों में कमी आई और आर्थिक कठिनाई का सामना करना पड़ा। हमने कोविड -19 महामारी के बावजूद भी इस सीमा में ही ऋण लिया है। उन्होंने कहा कि कोविड- 19 महामारी के कारण केन्द्र सरकार ने राज्यों को जी.एस.डी.पी का 5 प्रतिशत तक ऋण लेने की सुविधा दी थी। लेकिन हरियाणा का ऋणभार जी.एस.डी.पी की 3 से 3.5 प्रतिशत सीमा के भीतर रहा है। जबकि दूसरे राज्यों ने पूरा 5 प्रतिशत ऋण लिया। सरकार का लक्ष्य इस सीमा को 3 प्रतिशत तक ही रखने का है।

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