हरियाणा में दीनदयाल जन आवास योजना में संशोधन, वाहन मालिकों व दिव्यांग कर्मियों को दी बड़ी राहत, पढ़ें कैबिनेट के फैसले

चंडीगढ़। रीयल एस्टेट क्षेत्र को बढ़ावा देने और किफायती आवास परियोजनाओं का लाभार्थियों को लाभ पहुंचाने के लिए हरियाणा सरकार ने दीन दयाल जन आवास योजना - अफोर्डेबल प्लॉटेड हाउसिंग पॉलिसी, 2016 में 50 प्रतिशत बिक्री योग्य क्षेत्र को फ्रीज करने के प्रावधान को हटा दिया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में दीन दयाल जन आवास योजना- अफोर्डेबल प्लॉटेड हाउसिंग पॉलिसी, 2016 में संशोधन को मंजूरी प्रदान की गई।
बैंक गारंटी की एवज में बिक्री योग्य क्षेत्र के मोर्टगेज का प्रावधान
परियोजना के पूरा होने में किसी भी संभावित चूक के विरुद्ध सुरक्षा के मामले में, अब कॉलोनाइजर को निदेशक के पक्ष में इंटरनल डेवलपमेंट वर्क्स और ईडीसी के लिए आवश्यक बैंक गारंटी के विरूद्ध 10 प्रतिशत बिक्री योग्य क्षेत्र को कवर करने वाले आवासीय भूखंडों को मोर्टगेज रखना होगा। संशोधन के अनुसार, कॉलोनी के निवासियों के बड़े पैमाने पर उपयोग और सामुदायिक सुविधा के प्रावधान के लिए डेवलपर को अपनी लागत पर आवश्यकता-आधारित कम्युनिटी साइट के निर्माण के लिए अतिरिक्त विकल्प मिलेगा। इसके अलावा, कॉलोनाइजर को ऐसे सामुदायिक भवन से सदस्यता शुल्क/ फीस जैसे कोई लाभ अर्जित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।कॉलोनाइजर को फाइनल कम्पलीशन सर्टिफिकेट प्रदान करने से पहले कम्युनिटी साइट का ओक्यूपेशन सर्टिफिकेट प्राप्त करना आवश्यक है।
दिव्यांग कर्मियों के लिए अनुग्रह अनुदान की दरों में वृद्धि
मंत्रिमंडल की बैठक में सशस्त्र बलों (सेना, नौसेना और वायु सेना) के परिवारों/दिव्यांग सैनिकों को अनुग्रह अनुदान के भुगतान के संबंध में संशोधित नीति/निर्देशों को घटनोत्तर स्वीकृति प्रदान की गई। मुख्यमंत्री की 21 अक्टूबर, 2021 की घोषणा के अनुसार, हरियाणा ने सशस्त्र बल (सेना, नौसेना और वायु सेना) जो युद्ध⁄ऑप्रेशनल क्षेत्र में, आतंकवादी गतिविधियों और प्राकृतिक आपदाओं आदि में मारे गए/दिव्यांग कर्मियों के लिए निशक्तता के आधार पर अनुग्रह अनुदान की दरों में वृद्धि की है। संशोधित दरों के अनुसार, दिव्यांग सशस्त्र बलों (सेना, नौसेना और वायु सेना) को 75 प्रतिशत या अधिक निशक्तता के मामले में 35 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जा रही है। इससे पूर्व यह राशि 15 लाख रुपये थी। इसी प्रकार, 50 प्रतिशत से 74 प्रतिशत तक निशक्तता के मामले में 25 लाख रुपये तथा 25 प्रतिशत से 49 प्रतिशत तक निशक्तता के मामले में 15 लाख रुपये अनुग्रह राशि प्रदान की जा रही है। पहले यह राशि क्रमशः 10 लाख और 5 लाख थी।
मोटर वाहन कर की बकाया राशि पर लगने वाली पैनल्टी में संशोधन
हरियाणा में वाहन मालिकों को बड़ी राहत देते हुए राज्य सरकार ने प्रदेश में विभिन्न श्रेणियों के मोटर वाहनों पर लगाए जाने वाले मोटर वाहन कर की जुर्माना (पैनल्टी) दरों को युक्तिसंगत और संशोधित करने का निर्णय लिया है। बैठक में इस संबंध में एक प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई। संशोधन के अनुसार, वाहन मालिक या वह व्यक्ति, जिसके कब्जे या नियंत्रण में वाहन है, उनके द्वारा निर्धारित समय में मोटर वाहन के संबंध में देय कर भुगतान नहीं किया गया है, तो देय कर के भुगतान के अलावा वे देय कर पर 3 प्रतिशत प्रति माह की दर से पैनल्टी का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होंगे। वर्तमान में मोटर वाहन कर की बकाया राशि पर प्रत्येक दिन की देरी के लिए 0.5 प्रतिशत प्रतिदिन की दर से पैनल्टी, जोकि 15 प्रतिशत प्रति माह बनता है, तथा पैनल्टी पर 1 प्रतिशत प्रति माह की दर से साधारण ब्याज लगाया जाता है। कर प्रशासन को तर्कसंगत, सरल और कुशल बनाने के लिए यह पाया गया कि जुर्माने की दर अधिक है और बेहतर कर अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए इसे युक्तिसंगत बनाने की आवश्यकता है।
हरियाणा लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (अनुज्ञप्ति तथा नियंत्रण) आदेश, 2022 को मंजूरी
बैठक में हरियाणा लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (अनुज्ञप्ति तथा नियंत्रण) आदेश, 2022 की स्वीकृति के संबंध में प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इसके तहत उचित मूल्य की दुकान जारी करने के लिए 33% महिला आरक्षण दिया जाएगा। उचित मूल्य की दुकान का लाइसेंस कम से कम 300 लाभार्थियों के राशन कार्ड के लिए दिया जाएगा। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में इस उद्देश्य के लिए एक गांव को एक ईकाई के रूप में माना जाएगा। गांव के 300 से कम राशन कार्ड के लिए भी उचित मूल्य की दुकान का लाइसेंस जारी किया जाएगा। उचित मूल्य की दुकान पर विक्रय यंत्र बिंदु के माध्यम से पीडीएस के तहत बायोमेट्रिक आधार प्रमाणीकरण के बाद आवश्यक वस्तुओं का वितरण किया जाएगा। नेशनल पोर्टेबिलिटी के तहत लाभार्थी देश भर में अपनी सुविधा अनुसार किसी भी उचित मूल्य की दुकान से अपना राशन लेने का हकदार होगा। राशन दुकान की सेवाओं को ऑनलाइन या अन्य तंत्र के माध्यम से वितरित किया जाएगा।
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