Haryana Cabinet Decision : हरियाणा कैबिनेट की बैठक में लिए गए कई फैसले, पढ़ें आगे

चंडीगढ़। हरियाणा मंत्रीमंडल की गुरुवार की शाम को हरियाणा सचिवालय में हुई अहम बैठक के दौरान शीतकालीन सत्र बुलाने का फैसला कर लिया गया है। इस बार का यह सत्र 17 दिसंबर से होगा और इसके छोटा रहने के आसार हैं। दूसरा अहम पहलू यह है कि आजादी के अमृत महोत्सव को लेकर बुलाए जाने वाला विशेष सत्र फिलहाल नहीं होगा क्योंकि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति की ओर से व्यस्त कार्यक्रमों के कारण अभी वक्त नहीं मिल पा रहा है।
यहां पर उल्लेखनीय है कि हरियाणा विधानसभा के स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने कुछ समय पहले ही दिल्ली में जाकर विधानसभा के स्पेशल सत्र के लिए राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति से मुलाकात कर उनके आने की उम्मीद जतायी थी। लेकिन अमृत महोत्सव को समर्पित हरियाणा विधानसभा का विशेष सत्र फिलहाल टल गया है। 17 दिसंबर से रखा गया सत्र दो से तीन दिनों तक का ही होगा। यहां उल्लेखनीय है कि 23 दिसंबर तक संसद का शीतकालीन सत्र होने के कारण हरियाणा विधानसभा के विशेष सत्र में ना ही तो लोकसभा स्पीकर आ सकते हैं, ना ही राष्ट्रपित या उप राष्ट्रपित के आने की कोई उम्मीद है। लिहाजा सरकार ने विशेष सत्र से पहले विधानसभा का शीतकालीन सत्र बुलाने का निर्णय लिया है।
शीतकालीन सत्र 21 तक चलने की संभावना
हरियाणा मंत्रिमंडल की अहम बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने की। बैठक में विधानसभा का शीतकालीन सत्र 17 दिसंबर से बुलाने के निर्णय पर मुहर लगाई गई। इसकी सूचना विधानसभा सचिवालय को भेजी गई है। सरकार ने विधानसभा सचिवालय को जानकारी दी है कि उसके पास तीन दिन का बिजनेस (कार्य) है। इसलिए संभावना जताई जा रही है कि शीतकालीन सत्र 21 दिसंबर तक चलेगा। खास बात यहां पर यह है कि 17 दिसंबर शुक्रवार का दिन है, इस तरह से 18 दिसंबर को शनिवार और 19 दिसंबर को दो दिनों तक अवकाश रहेगा। 20 दिसंबर को सुबह और शाम दो पालियों में तथा 21 दिसंबर को पहली पाली में विधानसभा के शीतकालीन सत्र की कार्यवाही चलेगी।
केबिनेट की बैठक के बाद में संसदीय कार्य मंत्री कंवरपाल गुर्जर के अनुसार विधानसभा शीतकालीन सत्र की अवधि कितनी होगी, इस पर अंतिम फैसला विधानसभा की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में लिया जाएगा। स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता की अध्यक्षता में 17 दिसंबर को सुबह बैठक होगी। इसमें विपक्ष के नेता भूपेंद्र हुड्डा और इनेलो विधायक अभय चौटाला भी मौजूद रहेंगे। विपक्ष ने सत्र की अवधि बढ़ाने का दबाव बनाया गया, तो 21 दिसंबर से आगे बढ़ाया जा सकता है। लेकिन सत्र लंबा चलने की उम्मीद बेहद कम है।
अमृत महोत्सव कार्यक्रम 23 के बाद भी संभव
विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता चाहते आजादी के अमृत महोत्सव को समर्पित विशेष सत्र आयोजित कराना चाहते हैं और इसके होने की संभावनाएं 23 के बाद ही है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिडला को अपनी सुविधा अनुसार इसके लिए तारीख देनी थी। स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता की इच्छा थी कि राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति भी इस विशेष सत्र में पहुंचे, लेकिन बताया जाता है कि सभी 23 दिसंबर तक होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में व्यस्त हैं। लिहाजा स्पीकर को विशेष सत्र के लिए किसी का समय नहीं मिल पाया। विधानसभा और संसद के शीतकालीन सत्र के बाद कोई नई तारीख तय कर विशेष सत्र अलग से आयोजित करने पर भी विचार किया जा रहा है।
पेपरलेस करने की प्रक्रिया हुई तेज
विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि हम विधानसभा को ई-विधानसभा बनाने जा रहे हैं। आगामी बजट सेशन में पेपरलेस विधानसभा के तौर पर काम किया जाएगा। बजट सत्र मार्च में होता है। विधानसभा को ई-विधानसभा बनाने की प्रक्रिया काफी हद तक पूरी हो चुकी है। कई राज्यों की विधानसभा में पेपरलेस वर्क देखने के बाद हरियाणा विधानसभा को पैपरलेस बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई थी। स्पीकर का कहना है कि आने वाले बजट सत्र के दौरान हम विधानसभा को पेपरलैस बनाने को लेकर संकल्पबद्ध हैं।
मात्र चार एजेंडों पर मंथन के लिए बैठक
बैठक के बाद में हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने केबिनेट को लेकर बैठक की जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि सत्र 17 और 20 21 दिसंबर तक चलेगा। हालांकि अंतिम फैसला बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की सत्र के पहले दिन होने वाली बैठक में ही होगा। इस दौरान नेता विपक्ष मुख्यमंत्री सहित सभी सदस्य बुलाए जाएंगे। बैठक में इस बार ग्रुप बीके परिवहन कर्मचारियों के नए सर्व सेवा शर्त नियमों को भी मंजूरी दी है। इसके अलावा बैठक में सिरसा जिले के गांव थेहड़ के पुनर्वास पर कोई चर्चा नहीं की गई। गांव के पुनर्वास के लिए हाउसिंग विभाग से सलाह मशवरा पूरा नहीं होगा पाया था, जिसके कारण इस एजेंडे को डेफर कर दिया गया है। अगली बैठक में इस पर चर्चा होगी।
अभय चौटाला की मांग सिरे से खारिज
शिक्षा मंत्री ने कुछ राजनीतिक सवालों के भी जवाब दिए। शिक्षा मंत्री ने इंडियन नेशनल लोकदल के विधायक अभय चौटाला की उस मांग को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने हरियाणा विधानसभा में 3 कृषि कानून के समर्थन में पास किए प्रस्ताव को वापस लेने की बात कही थी। संसदीय कार्य मंत्री कंवर पाल ने कहा कि जब केंद्र सरकार ने ही तीनों कृषि कानून वापस ले लिए हैं तो इस की अब कोई जरूरत ही नहीं है। संसदीय कार्य मंत्री ने इस दौरान कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला की तरफ से मुख्यमंत्री मनोहर लाल पर उठाए सवालों के जवाब में कहा था कि विजिलेंस ने अपनी एफआईआर में स्वीकार किया कि हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन के डिप्टी सेक्रेटरी अनिल नागर के कार्यालय से 1करोड़ नकदी बरामद हुई है। मुख्यमंत्री ने दो दिन पहले इससे इनकार कर दिया था। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के पास जो जानकारी थी वह उन्होंने दी थी। लेकिन भ्रष्टाचार के मामले में सरकार ने जो कार्रवाई की है वह काबिले तारीफ है। विपक्ष की सरकारों में इस तरह की कार्रवाई नहीं होती थी।
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