हरियाणा : आयुष विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने खोजी Corona से लड़ने की अनोखी दवा

हरिभूमि न्यूज : कुरुक्षेत्र
हरियाणा के कुरुक्षेत्र के श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक डॉ. रजनीकांत व उनकी टीम द्वारा दो औषधीय पौधों सुगंधबाला और खस में सार्स-कोव-2 (कोरोना वायरस) से लड़ने वाले एंटी वायरस की खोज की है। दोनों पौधे भविष्य में कोरोना जैसी महामारी से लड़ने व रोकथाम के लिए उपचार में सहायक सिद्ध हो सकते हैं। शोध एवं नवाचार विभाग के वैज्ञानिक डॉ रजनीकांत ने बताया की कोरोना महामारी के समय विश्वविद्यालय द्वारा षडंगपानीय क्वाथ व महासुदर्शन घन वटी को सहायक औषधीय के रूप में कोरोना मरीजों को दिया गया था जिसके काफी अनुकूल परिणाम सामने आए थे। इसलिए रिसर्च व शोध विभाग के वैज्ञानिकों द्वारा षडंगपानीय क्वाथ में प्रयुक्त औषधीय पौधों की प्रतिरक्षा क्षमता को कोरोना वायरस के विरुद्ध जांचने का निर्णय लिया गया।
कुलपति डॉ बलदेव कुमार द्वारा टीम का गठन किया गया। उस टीम में डॉक्टर रजनीकांत व नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इक्वाइन वायरोलोजी लैब के प्रिंसिपल रिसर्च साइंटिस्ट डॉक्टर नवीन कुमार हैं। उन्होंने बताया कि 12 औषधीय पौधों का प्री-क्लीनिकल जांच टीम द्वारा सार्स-कोव-2 (कोरोना वायरस) पर किया गया। शोध में साने आया की सुगंध वाला के एथनॉलिक एक्सट्रैक्ट ने 10 माइक्रोग्राम पर एमएल कन्सनट्रेशन पर लगभग 10 गुना व खस के एथनॉलिक एक्सट्रैक्ट ने 1.5 माइक्रोग्राम पर एमएल कन्सनट्रेशन लगभग 40 गुना एंटीवायरस एक्टिविटी प्रदर्शित की जो काफी चौंकाने वाला परिणाम है। इसके साथ ही दोनों पौधों की एथनॉलिक एक्सट्रैक्ट की टॉक्सिकोलॉजिकल स्टडी भी कराई गई है। जो तय मानकों के अनुसार सुरक्षित पाई गई है। रिसर्च विभाग के डायरेक्टर प्रोफेसर अनिल शर्मा ने इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर टीम को शुभकामनाएं दी। शोध में डॉ मनीष कुमार, डॉ प्रीति, अदिति व राहुल का सहयोग रहा है।
कोरोना महामारी से बचाव में आयुर्वेद का बड़ा योगदान : कुलपति
कुलपति डॉ बलदेव कुमार ने कहा कि कोरोना जैसी भयावह महामारी के बचाव में आयुर्वेद ने अपना बहुत बड़ा योगदान दिया है। षडंगपानीय क्वाथ और महासुदर्शन घनवटी कोरोना वायरस के विरुद्ध लड़ने में सहायक सिद्ध हुई है। आयुर्वेदिक पौधों का समिश्रण भविष्य में कोरोना वायरस से निपटने में सक्षम हो सकते हैं। इसीलिए विश्वविद्यालय ने सुगंध बाला और खस दोनों औषधीय पौधों के टेबलेट व सिरप फॉमूर्लेशन के पेटेंट हेतु इंडियन पेटेंट पोर्टल पर आवेदन व पब्लिश भी करवा दिया है। दोनों पौधों के लिक्विड व टेबलेट फॉमूर्लेशन को राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को भी दिया गया। उन्होंने रिसर्च व इन्नोवेशन विभाग द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की है।
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