हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय को मिला कैल्शियम फोर्टिफाइड घी का पेटेंट

हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (Central University of Haryana) महेंद्रगढ़ के शिक्षकों व शोधार्थियों ने ऐसा घी तैयार किया है जो कि मिलेट्स में उपलब्ध पौष्टिक तत्त्व कैल्श्यिम का उपयोग कर बना है। इस उपलब्धि के लिए विश्वविद्यालय को भारत सरकार द्वारा पेटेंट भी प्रदान किया गया है।
विश्वविद्यालय के पोषण जीवविज्ञान विभाग में सहायक आचार्य डॉ. सविता बुधवार, भौतिक एवं खगोल भौतिकी विज्ञान विभाग के प्रो. सुनील कुमार और शोधार्थी मनाली चक्रवर्ती ने इस उल्लेखनीय कार्य को अंजाम दिया है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने डॉ. सविता बुधवार व उनकी टीम को बधाई दी और कहा कि यह नवाचार लोगों में बढ़ती कैल्शियम की कमी व स्वास्थ्य संबधी विकारों के समाधान में मददगार साबित होगा। हमारा उद्देश्य लोगों को मिलेट्स के बारे में जागरूक करना है व मिलेट वर्ष 2023 के उद्देश्यों को प्राप्त करना है।
इस संबंध में डॉ. सविता बुधवार ने बताया कि उनकी टीम ने मिलेट्स (मोटा अनाज) में उपलब्ध पौष्टिक तत्व कैल्शियम का उपयोग कर घी बनाया है। उन्होंने कहा कि जहां तक बात बाजार में उपलब्ध घी (क्लेरिफाइड बटर) की है तो यह मुख्य रूप से डेयरी उत्पाद पर आधारित है और इसे तैयार करने की प्रक्रिया के दौरान दूध के ठोस पदार्थ निकल जाते हैं व छाछ घी अथवा मक्खन कैल्शियम मुक्त हो जाता है। इस तरह से इस प्रक्रिया के अंतर्गत तैयार घी अथवा मक्खन में आवश्यक कैल्शियम नहीं रहता है।
डॉ. सविता बुधवार ने बताया कि उनकी टीम ने कैल्शियम की इस आवश्यकता को देखते हुए मिलेट्स में उपलब्ध कैल्शियम का उपयोग करके कैल्शियम फोर्टिफाइड घी का निर्माण किया है। जिसमे नेचुरल एंटी-ऑक्सीडेंट उपलब्ध हैं व विभिन्न प्रकार के फाइटोकेमिकल्स भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि यह कैल्शियम फोर्टिफाइड घी सामान्य तापमान पर भी लंबे समय तक खराब नहीं होता। यह फोर्टिफाइड घी शरीर में कैल्शियम की कमी, लेकटोज इनटॉलेरेंस (पाचन सम्बन्धी विकार) रोगियों के लिए भी उपयोगी साबित होगा।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS