कोविड-19 को लेकर हरियाणा की मुख्य सचिव ने दिए यह निर्देश

चंडीगढ़। हरियाणा की मुख्य सचिव केशनी आनन्द अरोड़ा (Chief Secretary Keshani Anand Arora) ने उपायुक्तों को निर्देश दिये हैं कि कोविड-19 (Covid-19) के कारण निकट भविष्य में उत्पन्न होने वाली किसी भी स्थिति से निपटने के लिए हमें तैयार रहना है। इसके लिए अंतर विश्लेषण कर सभी कमियों को दूर किये जाने की दिशा में कार्य करें।
केशनी आनन्द अरोड़ा ने उपायुक्तों को निर्देश देते हुए कहा कि सभी जिलों में विशेष रूप से किसी भी सार्वजनिक विरोध प्रदर्शन या सभा के लिए जो अनुमति दी जाती है, उनमें कोरोना संकट से निपटने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग और मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) की अनुपालना की हिदायतें भी जारी करें। उन्होंने पुलिस महानिदेशक को सभी उपरोक्त दिशा निर्देश सख्ती से लागू करने के लिए कहा। मुख्य सचिव ने आज यहां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोविड-19 के नोडल अधिकारियों और जिला उपायुक्तों के साथ संकट समन्वय समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को कोविड-19 के प्रबंधन के लिए टेस्टिंग सुविधा बढ़ाने, कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग, क्लिनिकल मैनेजमेंट पर अधिक ध्यान केंद्रित करने, कंटेनमेंट जोन की कड़ी निगरानी पर जोर देने के साथ-साथ जन-जागरूकता गतिविधियों को बढ़ाने के निर्देश दिए।
बैठक में स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा ने जिलों में कोविड-19 की वर्तमान स्थिति एवं इससे निपटने के लिए अपनाई जा रही व्यापक रणनीतियों की विस्तृत प्रस्तुति दी। मख्य सचिव ने कहा कि जितने भी मेडिकल कॉलेज व कोविड केयर सेंटर हैं, उनमेें ऑक्सीजन सिलेंडर, वेन्टीलेटर की सुविधा को और बढ़ाया जाये। इसके अलावा, सभी जिलों में कोविड-19 के लिए कंट्रोल रूम स्थापित करने, सभी जिलों में मल्टी डिसीप्लीनरी टीम सीएमओ की अध्यक्षता में बनाई जाए जो प्रतिदिन कोरोना के गंभीर मामलों से निपटने के लिए रणनीति बनाने पर चर्चा करने, प्रत्येक जिले में नोडल सलाहकार भी नियुक्त करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि उपायुक्त नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग के बीच पूर्ण समन्वय सुनिश्चित करें ताकि कोरोना महामारी के प्रसार को रोका जा सके।
हरियाणा की स्थिति अन्य राज्यों के मुकाबले अच्छी
उन्होंने कहा कि कोरोना के संबंध में हरियाणा की स्थिति अन्य राज्यों के मुकाबले अच्छी है और यहां रिकवरी रेट अच्छा है लेकिन फिर भी लापरवाही घातक हो सकती है मुख्य सचिव ने कहा कि कोविड अस्पतालों में उन मरीजों की स्थिति पर नियमित रूप से निगरानी की जाए जो ऑक्सीजन व वेंटीलेटर पर हैं। इसके साथ ही होम आइसोलेशन वाले मरीजों की स्थिति पर भी नजर रखी जानी चाहिए ताकि किसी भी आपात स्थिति में उन्हें तुरंत स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाई जा सकें। इसके लिए सभी जिलों में एंबुलेंस सेवा को चुस्त-दुरुस्त रखा जाए। उन्होंने कहा कि ट्रेसिंग, ट्रैकिंग, टेस्टिंग और ट्रीटमेंट पर ध्यान दिया जाना अति आवश्यक है।
प्रदेश में संक्रमितों की मृत्यु दर 1.09 प्रतिशत
बैठक में स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा ने बताया कि प्रदेश में संक्रमितों की मृत्यु दर 1.09 प्रतिशत है और इसे एक प्रतिशत तक कम करने के लिए कार्य किया जा रहा हैं। बैठक में यह भी बताया गया कि राज्य में परीक्षण दर के मुकाबले में कोरोना मामलों की दर 5.69 प्रतिशत है। बैठक के दौरान उन्होंने बताया कि आरटी-पीसीआर के लिए 1,600 रुपये, रैपिड एंटीजन टेस्ट के लिए 650 रुपये और सेरो टेस्ट के लिए 250 रुपये कीमत सरकार द्वारा निर्धारित की गई हैं। उन्होने उपायुक्तों को परीक्षण निर्धारित मूल्य पर सुनिश्चित करने के निर्देश दिये।
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