Haryana Civic Election : चुनाव के बाद सभी उम्मीदवारों को देना होगा खर्च का ब्यौरा, नहीं तो होगी बड़ी कार्रवाई

Haryana Civic Election : चुनाव के बाद सभी उम्मीदवारों को देना होगा खर्च का ब्यौरा, नहीं तो होगी बड़ी कार्रवाई
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हरियाणा के चुनाव आयुक्त धनपत सिंह ने हरियाणा निवास में नगर निकाय चुनाव के संबंध में सभी राजनीतिक दलों की बैठक ली।

चंडीगढ़। हरियाणा राज्य चुनाव आयुक्त धनपत सिंह ने कहा कि प्रदेश में 18 नगर परिषद और 28 नगर पालिका में आयोजित होने वाले चुनाव शांतिपूर्ण और निष्पक्ष तरीके से संपन्न करवाना हम सब की जिम्मेदारी है। चुनाव की कुछ मर्यादाएं एवं सीमाएं होती हैं, जिनके दायरे में रहकर राजनीतिक दलों को चुनाव लड़ना चाहिए। धनपत सिंह हरियाणा निवास में नगर निकाय चुनाव के संबंध में राजनीतिक दलों की बैठक के दौरान बोल रहे थे। इसके पश्चात उन्होंने इलेक्शन ऑब्जर्वर की भी बैठक ली, जिसमें उन्हें चुनाव के संबंध में दिशा निर्देश दिए।

18 नगर परिषद और 28 नगर पालिका के लिए चुनाव

धनपत सिंह ने कहा कि 19 जून को 18 नगर परिषद और 28 नगर पालिका के लिए चुनाव होगा। नगर परिषद के लिए कुल 456 वार्ड हैं। इसमें 54 वार्ड एससी, 36 एससी महिलाओं, 123 महिलाओं के लिए आरक्षित किए गए हैं, इसके अतिरिक्त 243 वार्ड अनारक्षित हैं। इसी तरह नगर पालिका में कुल 432 वार्ड हैं, इसमें से 53 एससी, 37 एससी महिलाओं, 116 महिलाओं के लिए आरक्षित किए गए हैं, शेष बचे 226 वार्ड अनारक्षित हैं। आज नामांकन की आखिरी तारीख है। 6 जून को स्क्रूटनी होगी।

आदर्श आचार संहिता का पालन करें

धनपत सिंह ने कहा कि चुनाव की घोषणा के दिन से ही प्रदेश में आदर्श आचार संहिता लागू है। सभी राजनीतिक दल व उम्मीदवार इसका पालन करें। चुनाव के दौरान कोई भी राजनीतिक दल यदि चुनावी पोस्टर या दीवारों पर रंगाई आदि करवाए तो चुनाव के बाद इसे जरुर साफ करवाए। इसके अतिरिक्त सरकारी संपत्ति पर कोई भी प्रचार सामग्री न लगाई जाए। मतदान के दिन पोलिंग बूथ पर मतदाता को लाने के लिए कोई भी राजनीति दल या उम्मीदवार अपने वाहनों का प्रयोग न करे।

जाति या धर्म के नाम पर न मांगे वोट

धनपत सिंह ने कहा कि हमारा समाज जाति व धर्म में बंटा हुआ है लेकिन चुनाव के दौरान कोई भी उम्मीदवार या पार्टी जाति या धर्म के नाम पर वोट न मांगे। इसके साथ-साथ उकसावे की राजनीति न करें। उम्मीदवारों पर बिना सुबूत के कोई आरोप-प्रत्यारोप न किया जाए। मतदान से जुड़े अधिकारियों का पूरा सहयोग करें। यदि कोई गड़बड़ी नजर आए तो इसकी शिकायत रिटर्निंग आफिसर को करें। मतदाता को शराब व पैसे के लालच में फंसाने की कोशिश न करें। शांतिपूर्ण व निष्पक्ष चुनाव करवाने में चुनाव आयोग का सहयोग करें।

चुनाव खर्च पर रहेगी आयोग की नजर

धनपत सिंह ने कहा कि चुनाव में होने वाले खर्च पर आयोग की पूरी नजर रहेगी। चुनाव खत्म होने के 30 दिन के अंदर-अंदर प्रत्येक उम्मीदवार को अपना चुनावी खर्च का ब्यौरा जिला उपायुक्त कार्यालय में जमा करवाना होगा। ऐसा न करने वाले उम्मीदवारों को आगामी 5 वर्ष के लिए अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा। राज्य चुनाव आयोग ने चुनाव खर्च की राशि में भी इजाफा किया है। पहले नगर पालिका अध्यक्ष के चुनाव में 10 लाख की राशि खर्च करने की अनुमति थी, इसे अब बढ़ाकर 10 लाख 50 हजार रुपये कर दिया है। इसी तरह नगर पालिका सदस्य के लिए 2 लाख 25 हजार रुपये की राशि को बढ़ाकर 2 लाख 50 हजार रुपये कर दिया है। इसी तरह नगर परिषद के अध्यक्ष पद के लिए खर्च की राशि 15 लाख को बढ़ाकर 16 लाख रुपये कर दिया गया है। वहीं नगर परिषद के सदस्य की खर्च राशि 3 लाख 30 हजार को बढ़ाकर साढ़े तीन लाख रुपये कर दिया गया है। धनपत सिंह ने अपनी मौजूदगी में राजनीतिक दलों के सामने ईवीएम की प्रेजेंटेशन दिलवाई। इसके बाद उन्होंने कहा कि ईवीएम से कोई छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है।

समय पर रिपोर्ट पूरी करें इलेक्शन ऑब्जर्वर

धनपत सिंह ने कहा कि शांतिपूर्ण चुनाव आयोजित करवाने के लिए आयोग ने आईएएस, आईपीएस और आबकारी और कराधान आयुक्तों को बतौर इलेक्शन ऑब्जर्वर नियुक्त किया है। इसमें जरनल इलेक्शन ऑब्जर्वर के तौर पर 25 आईएएस, पुलिस इलेक्शन ऑब्जर्वर के तौर पर 21 आईपीएस और चुनावी खर्च देखने वाले इलेक्शन ऑब्जर्वर के तौर पर 21 आबकारी और कराधान आयुक्तों को नियुक्त किया है। धनपत सिंह ने इन्हीं के साथ बैठक की और उन्हें चुनाव के संबंध में दिशा निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान सभी इलेक्शन ऑब्जर्वर उम्मीदवारों व चुनाव से जुड़ी अलग-अलग रिपोर्ट को सहीं समय पर पूरा करें। पुलिस अधिकारी शांतिपूर्ण चुनाव करवाने के लिए सभी पोलिंग बूथ पर पैनी नजर बनाकर रखें। जहां भी किसी तरह की गड़बड़ी की सूचना मिले, तत्काल चुनाव आयोग को सूचित करें और आरोपियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई करें।

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