Farm Laws : कृषि कानूनों पर PM Modi के फैसले के बाद हरियाणा के Cm Manohar Lal Khattar ने कही ये बात

Haryana : पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) द्वारा कृषि कानूनों (Farm Laws) को वापस लेने का एलान के बाद हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर (Cm Manohar Lal Khattar) ने बड़ा बयान दिया है। घोषणा का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि इन कानूनों को वापिस लेने के निर्णय ने एक बार फिर प्रधानमंत्री के उदार चरित्र को दिखा दिया है और वास्तव में इस निर्णय से प्रधानमंत्री का कद और बड़ा हो गया है।
मनोहर लाल ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों विशेषकर छोटे और सीमांत किसानों के लाभ के लिए तीन नए कृषि कानून लेकर आई थी। किसानों ने इन कृषि कानूनों का स्वागत किया था, परंतु कुछ किसानों को किसी कारणवश यह कानून लाभदायक नहीं लगे और वे किसान लगभग 11 महीनों से दिल्ली की सरहदों पर बैठे हैं । आज समाज हित, किसान हित को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा करके अपने उदार दिल का प्रदर्शन किया है । मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा कृषि कानूनों को वापस लेने का निर्णय यह दर्शाता है कि जब भी जनकल्याण की बात आती है, तो वह जनता के हित को सर्वोपरि रखते हुए इस तरह के निर्णय लेने से भी पीछे नहीं हटते हैं और उन्होंने आगामी संसदीय सत्र में इन कानूनों को वापस लेने की घोषणा की है। मैं मानता हूं कि इस निर्णय से वास्तव में उनका कद और बड़ा हो गया है।
वहीं दिल्ली की सीमाओं पर बैठे किसानों से आग्रह करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वे अपना धरना तुरंत खत्म करें और अपने घरों को लौट जाएं। इस आंदोलन से आम आदमी को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अब इस मुद्दे के प्रति सकारात्मक रवैया अपनाया जाना चाहिए।किसानों द्वारा एमएसपी से संबंधित मांगों पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा है कि इस संबंध में जल्द ही एक कमेटी का गठन किया जाएगा, जिसमें किसानों के प्रतिनिधि, राज्यों सरकारों के प्रतिनिधि और वैज्ञानिक भी शामिल होंगे। मुझे उम्मीद है इस संबंध में भी निर्णय जल्द ही लिया जाएगा।
किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों पर यह बोले
किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने के संबंध में पूछे गए एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस मामले में आपसी समझ बनती है तो कई विषयों पर विचार किया जाता है। कुछ मामले सामान्य होते हैं जबकि कुछ गंभीर धाराओं में भी दर्ज किए जाते हैं। अब अपनी ओर से भी सार्थक पहल की जाएगी और किसी भी प्रकार के विवाद को आगे नहीं बढ़ने दिया जाएगा।उन्होंने कहा, ''हरियाणा को इस आंदोलन के बड़े प्रभाव का सामना करना पड़ा है और इस एक वर्ष के दौरान मैंने प्रधानमंत्री, वरिष्ठ नेताओं और यहां तक कि किसान यूनियन के साथ भी कई बैठकें की हैं। प्रारंभ में इस मुद्दे पर किसानों के साथ 11 औपचारिक बैठकें हुई थी। इसके बाद, कई अनौपचारिक बैठकों भी हुई और केंद्र को इन बैठकों के संदेश भी साझा किये गए। मुझे लगता है कि हमारे द्वारा किए गए प्रयासों ने भी आज लिए गए इस निर्णय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।''
इस फैसले को चुनाव से जोड़ना तर्कसंगत नहीं
प्रधानमंत्री द्वारा इन कानूनों को वापिस लिए जाने की घोषणा के संबंध में एक अन्य प्रश्न के उत्तर में मनोहर लाल ने कहा कि यह फैसला एकदम से नहीं लिया गया है। इस पर काफी समय से बातचीत चल रही है और काफी समय से चल रहे गतिरोध को देखते हुए किसान हित में यह निर्णय लिया गया है। इस फैसले को चुनाव से जोड़ना तर्कसंगत और न्यायसंगत नहीं है। चुनाव आते हैं और चले जाते हैं। निश्चित तौर पर प्रधानमंत्री ने यह फैसला करके बड़ा दिल दिखाया है। उन्होंने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वह आम आदमी के नेता हैं।
मुख्यमंत्री श्री @mlkhattar प्रेस को सम्बोधित करते हुए। https://t.co/PysiD3YES9
— CMO Haryana (@cmohry) November 19, 2021
बता दें कि पिछले एक साल से किसान एकता मोर्चा की अगुवाई में तीन कृषि कानूनों के खिलाफ हरियाणा के सिंघु बॉर्डर, टिकरी पर आंदोलन चल रहा है। किसानों ने साफ कर दिया था कि वह तीन कृषि कानूनों के वापस होने तक दिल्ली छोड़कर नहीं जाएंगे।
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