हरियाणा Cm का पंजाब Cm पर तंज : मनोहर लाल बोले- कैप्टन अमरिंदर कौन हैं मुझसे इस्तीफा मांगने वाले, वे खुद अपनी कुर्सी छोड़ें

चण्डीगढ़। हरियाणा सरकार ने 2500 दिनों में पेपरलैस, फेसलेस और पारदर्शी शासन सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न सूचना और प्रौद्योगिकी सुधारों की शुरुआत करते हुए भ्रष्टाचार रहित शासन देने के माध्यम से न केवल विकास की गति को बढ़ाया बल्कि विभिन्न नागरिक केंद्रित योजनाओं और सेवाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना सुनिश्चित किया। यह जानकारी हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने राज्य सरकार के कार्यकाल के सफलतापूर्वक 2500 दिन पूर्ण होने पर आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान दी।
कांग्रेस पर तंज कसते हुए मनोहर लाल ने कहा कि 26 अक्टूबर 2014 को, जब भाजपा सत्ता में आई थी, उस समय प्रदेश में भ्रष्टाचार और परिवारवाद व भाई-भतीजावाद का बोलबाला था और सरकारी संपत्ति की लूट होती थी। तब हमने हरियाणा में विकास का एक नया अध्याय लिखने का फैसला किया और यह सुनिश्चित किया कि सभी योजनाओं का लाभ उन लोगों तक पहुंचे जो पंक्ति में सबसे अंतिम पायदान पर हैं। मुख्यमंत्री बनने के बाद सबसे पहला काम उन्होंने मुख्यमंत्री, मंत्रियों और अधिकारियों के घरों और कार्यालयों के बाहर लगने वाली लंबी कतारों को खत्म करने का किया। उन्होंने कहा कि उस समय लोग अपना काम करवाने के लिए दर-दर भटकते थे। उस समय ऐसा लगता था कि भ्रष्टाचार का अधिकार है, जिसको हमने सेवा के अधिकार से बदलकर क्रांतिकारी सुधार किए।
मुख्यमंत्री ने विपक्ष को सकारात्मक भूमिका निभाने की सलाह देते हुए कहा कि विपक्ष को रचनात्मक विपक्ष की भूमिका निभानी चाहिए, गलत को गलत और सही को सही कहना चाहिए। चूंकि उनके पास उठाने के लिए कोई मुद्दा नहीं हैं, इसलिए वे भ्रम फैलाकर लोगों के मन में संदेह पैदा करने के अलावा और कुछ नहीं करते हैं। मैं उन्हें चेतावनी देना चाहता हूं कि उनका भविष्य अंधकार में है। उन्होंने कहा कि जनता हमें अगले पांच वर्षों के लिए भी चुनेगी क्योंकि वे दिन गए जब लोग भ्रमित हो जाया करते थे, आज जनता सबकुछ समझती है।
पंजाब के मुख्यमंत्री किस अधिकार से मेरा इस्तीफा मांग रहे हैं
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के किसानों से माफी मांगने के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में मनोहर लाल ने कहा कि वह किस अधिकार से मुझसे इस्तीफा देने या माफी मांगने के लिए कह रहे हैं? वह कौन होते हैं जो मुझसे माफी मांगने या इस्तीफा देने के लिए कहते हैं। बल्कि किसानों को भड़काने के लिए उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। दिल्ली की सीमाओं पर बैठने वालों में करीब 85 फीसदी पंजाब से हैं।
आंदोलन करने वाले और कानून हाथ में लेने वाले किसान नहीं
करनाल की घटना के संबंध में प्रश्न के उत्तर में मनोहर लाल ने कहा कि आंदोलन करने वाले और कानून हाथ में लेने वाले किसान नहीं बल्कि राजनीति से प्रेरित लोग हैं। हरियाणा के किसान खुशी-खुशी अपने खेतों में काम कर रहे हैं। यह पंजाब के किसान हैं जो टिकरी और सिंधु बॉर्डर पर बैठे हैं। किसानों को गुमराह करने और करनाल में अराजकता पैदा करने के लिए उकसाने के लिए कांग्रेस और कम्युनिस्ट नेताओं पर तीखा हमला करते हुए मनोहर लाल ने कहा कि ऐसे आंदोलनों के माध्यम से अगर इन नेताओं को लगता है कि वे अपने निहित स्वार्थों को प्राप्त कर सकते हैं तो वे बहुत गलत हैं। उन्होंने कहा कि इन प्रदर्शनकारियों और जिला प्रशासन के बीच सकारात्मक बातचीत हुई थी, जिसमें उन्होंने लिखित सहमति दी थी कि वे केवल शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन करेंगे और कानून व्यवस्था का उल्लंघन नहीं करेंगे।
हालाँकि, यह वास्तव में दुर्भाग्यपूर्ण है कि कैसे राजनीति से प्रेरित लोगों ने अपना वादा तोड़ दिया। उन्होंने कहा कि इन विरोध करने वाले किसानों और उन्हें उकसाने वालों को यह समझना चाहिए कि सरकार अभी भी किसानों की बात सुनने के लिए तैयार है। सरकार उनके खिलाफ नहीं है, यदि ऐसा होता तो उन्हें सरकार द्वारा प्रदेर्शन स्थलों पर जो बुनियादी सुविधाएं प्रदान की गई हैं, वह उन्हें नहीं दी जाती। करनाल में हिंसा भड़काने के लिए ऐसे नेताओं को कड़ी चेतावनी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र में हर किसी को अभिव्यक्ति का अधिकार है। हालांकि, अगर कोई कानून व्यवस्था को अपने हाथ में लेता है, तो निश्चित रूप से पुलिस को कानून व्यवस्था को संभालना होगा। करनाल घटना के दौरान वायरल हुए एक अधिकारी के ऑडियो और वीडियो के संबंध में एक अन्य सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि इसकी जांच पुलिस महानिदेशक द्वारा की जा रही है। हालांकि मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि वायरल ऑडियो और वीडियो एक अलग जगह का है और जो घटना हुई वह अलग स्थान पर हुई थी। इसलिए दोनों घटनाओं को आपस में नहीं जोड़ा जाना चाहिए।
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