Haryana : मानसून की बेरूखी से प्रदेश में उमस से बेहाल लोग

Haryana : मानसून की बेरूखी से प्रदेश में उमस से बेहाल लोग
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  • 7 जिलों में सामान्य से कम बारिश तो 15 जिलों में मानसून की रही रफ्तार
  • आधा मानसून बीता, बरसात को तरसे किसान, बिजली की डिमांड बढ़ी

Haryana : पिछले करीब एक पखवाड़े से पश्चिम से पूर्वा हवाएं चलने से प्रदेश में उमस और चिपचिपाहट ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। इन दिनों 60 फीसदी नमी के कारण यह उमस कम होने का नाम नहीं ले रही। हालांकि मंगलवार को दक्षिण-पश्चिमी जिलों में बादलवाई व बूंदाबांदी हुई, लेकिन पश्चिमी जिलों में उमस बरकरार रही। आधा मानसून बीत गया लेकिन प्रदेश के 7 जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई। इनमें भिवानी, चरखी दादरी, फतेहाबाद, हिसार, जींद, पलवल व रोहतक जिले शामिल हैं जबकि अन्य जिलों में सामान्य से 18 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है। अब तक प्रदेश में करीब 351 एमएम बारिश दर्ज की गई है जबकि सामान्य बारिश 298 एमएम होती है।

प्रदेश में पश्चिमी जिलों हिसार, फतेहाबाद, जींद, भिवानी, चरखीदादरी, रोहतक, पलवल में बारिश कम होने की मुख्य वजह यहां मानसून ब्रेक होना है। अनेक जिलों में जुलाई के बाद अभी तक मानसून की बारिश नहीं हुई है। अगस्त में तो जिले में कहीं भी बरसात दर्ज नहीं की गई, जिस कारण यहां उमस भरा वातावरण बन रहा था और लोगों को चिपचिपाहट व पसीने से काफी परेशानी हो रही थी। ऊपर से तापमान का बढ़ना भी लोगों की परेशानी को ओर बढ़ा रहा था। इस समय यहां का अधिकतम तापमान 38 डिग्री व न्यूनतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। पिछले दो दिनों से प्रदेश में पूर्वा हवाएं चलने से मौसम में आर्द्रता 80 फीसदी से कम होकर 60 फीसदी तक तो आई लेकिन उमस में कोई कमी नहीं आई।

हिसार स्थित एचएयू के मौसम विभाग के अनुसार पिछले एक सप्ताह से मानसून ट्रफ का पश्चिमी छोर सामान्य स्थिति के उत्तर में हिमालय की तलहटियों की तरफ बढ़ने से प्रदेश में मानसून बारिश की गतिविधियां नहीं हो पा रही। यही कारण रहा कि 21 अगस्त तक प्रदेश में 351 एमएम बारिश हुई जो सामान्य से 18 फीसदी ज्यादा है जबकि प्रदेश के 7 जिलों हिसार, फतेहाबाद, जींद, भिवानी, चरखीदादरी, रोहतक, पलवल में सामान्य से कम बारिश हुई। यहां सामान्य रूप से 298 एमएम बरसात होती है लेकिन इस बार भिवानी में 12, चरखी दादरी में 2, फतेहाबाद में 30, हिसार में 44, जींद में 28, पलवल में 14 व रोहतक में 12 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई है। बारिश न होने से प्रदेश में बिजली की डिमांड बढ़ गई है। फतेहाबाद में बाढ़ के बाद तो हालात ओर भी बदतर है। अगर समय रहते बारिश नहीं हुई तो बिजली की डिमांड ओर बढ़ेगी।

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