हरियाणा शिक्षा बोर्ड का फैसला : स्कूलों में अब हिंदी के साथ यह सब्जेक्ट पढ़ना भी अनिवार्य

चंडीगढ़। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी द्वारा शैक्षिक सत्र 2022-23 में कक्षा 9वीं से 12वीं में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को हिन्दी विषय के साथ नैतिक शिक्षा को भी अनिवार्य रूप से पढ़ाया जाएगा। बोर्ड अध्यक्ष जगबीर सिंह ने बताया कि आगामी मार्च-2023 की परीक्षाओं में नैतिक शिक्षा की बोर्ड द्वारा निर्धारित/मुद्रित पुस्तकों में से हिन्दी विषय की परीक्षा में 10 अंक के प्रश्र पूछे जाएंगे। नैतिक शिक्षा से सम्बन्धित दिए गए प्रश्र पत्र में सभी प्रश्र परीक्षार्थियों द्वारा अनिवार्य रूप से हल किए जाने है।
उन्होंने कहा कि नैतिक शिक्षा की पुस्तकों में सभी धर्मों की ज्ञानवर्धक बातों, सार्वभौमिक जीवन मूल्यों की शिक्षा का उल्लेख किया गया है जिनमें श्रीमद्भगवद् गीता का ज्ञान, भगवान बुद्ध व भगवान महावीर, ईसा मसीह का ज्ञान, योग, प्राणायाम की विवेचना तथा महत्व, प्रेरक दोहे, राष्ट्रभक्ति, पर्यावरण संरक्षण इत्यादि विशेष हैं। इसके अतिरिक्त नैतिक शिक्षा की पुस्तकों के अध्यायों में स्वास्थ्य और योग, भारतरत्न मदन मोहन मालवीय, बर्डमैन ऑफ इंडिया सालिम अली, वीर सावरकर, अशफाक उल्ला खॉ, डॉ एपीजे. अब्दुल कलाम, हवलदार अब्दुल हमीद, दुर्गा भाभी, विज्ञानाचार्य डॉ जगदीश चन्द्र बसु, लौह पुरूष सरदार बल्लभ भाई पटेल आदि के बारे में विस्तार से वर्णन किया गया है।
उन्होंने बताया कि इसी प्रकार सामाजिक अध्ययन विषय में इतिहास विषय की नई पुस्तकों का मुद्रण बोर्ड द्वारा पहले ही करवाया जा चुका है। सामाजिक अध्ययन विषय में 4 विषय शामिल होते है जैसे- इतिहास, भूगोल, राजनिति विज्ञान एवं अर्थशास्त्र। बोर्ड परीक्षाओं सहित कक्षा 9वीं व 10वीं में इतिहास की बोर्ड द्वारा मुद्रित नई पुस्तको से 25 अंक के प्रश्र पूछे जाएंगे। इतिहास की नई पुस्तकें बोर्ड के क्षेत्रीय पाठ्य पुस्तक बिक्री सेवा केंद्रो अम्बाला, भिवानी, फरीदाबाद, फतेहाबाद एवं रोहतक पर बिक्री हेतु पहले ही उपलब्ध करवाई जा चुकी हैं। इसकी सूचना सभी विद्यालयों को बोर्ड द्वारा पहले ही दे दी गई है। उन्होंने कहा कि इतिहास की अंग्रेजी माध्यम की नई पुस्तकों का संस्करण शीघ्र ही जारी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव में नवीन इतिहास की पुस्तकें विद्यार्थियों के लिए एक अनुपम भेंट होंगी।
उन्होंने यह भी बताया कि इतिहास की नई पुस्तकों में विदेशी आक्रमणकारियों/मुगल सम्राटों के प्रतिरोध की समुचित जानकारी दी गई है। सिक्ख गुरू परम्परा उनके संघर्ष व बलिदान का विस्तृत यथोचित विवरण दिया गया है। इन पुस्तको मेें राष्ट्रीय भक्ति आन्दोलन का वर्णन किया गया है, जिसमें शंकराचार्य, रामानंद, कबीर, रविदास, रसखान, गुरू नानक देव, दादू दयाल, धन्ना भक्त, मीरा बाई, नामदेव, तुकाराम की विशेष रूप से जानकारी दी गई है।
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