कृषि क्षेत्र में मनवाया लोहा : हरियाणा को मिला इंडिया एग्रीबिजनेस बेस्ट स्टेट अवार्ड

कृषि क्षेत्र में मनवाया लोहा : हरियाणा को मिला इंडिया एग्रीबिजनेस बेस्ट स्टेट अवार्ड
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यह अवार्ड बुधवार को नई दिल्ली में हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जेपी दलाल ने प्राप्त किया। वहीं हरियाणा की इस उपलब्धि के लिए मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने केंद्र सरकार का आभार जताया और साथ ही अधिकारियों व कर्मचारियों सहित सभी प्रदेशवासियों को बधाई दी।

हरियाणा को भारतीय कृषि एवं खाद्य परिषद द्वारा इंडिया एग्रीबिजनेस अवार्ड-2022 के तहत कृषि क्षेत्र में नीतियों, कार्यक्रमों, उत्पादन, इनपुट, प्रौद्योगिकियों, विपणन, मूल्यवर्धन, बुनियादी ढांचे और निर्यात के क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदानकर्ताओं को प्रस्तुत करने के लिए ''बेहतर राज्य'' की क्षेणी में पुरस्कृत किया गया। यह अवार्ड बुधवार को नई दिल्ली में हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जेपी दलाल ने प्राप्त किया।

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि उन्हें खुशी है कि आज हरियाणा ने एक बार फिर कृषि क्षेत्र में अपना लोहा मनवाया हैं और इसलिए आज यहां हरियाणा को 'बेहतर राज्य' के रूप में पुरस्कृत किया गया है। दलाल ने कहा कि हरियाणा, जो राष्ट्रीय खाद्यान्न पूल में सबसे बड़ा योगदान देने वाला राज्यों में से एक है, ने बागवानी और कृषि-व्यवसाय को बढ़ावा देने की दिशा में विविधीकरण के लिए कई नीतिगत पहलें की हैं। हरियाणा ने लगभग 400 बागवानी फसल समूहों की मैपिंग की है और 700 किसान उत्पादक संगठनों का गठन किया है।

उन्होंने कहा कि क्लस्टरों में बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंकेज को मजबूत करने के लिए, हरियाणा राज्य ने एक महत्वाकांक्षी योजना - ''फसल क्लस्टर विकास कार्यक्रम (सीसीडीपी)'' शुरू की है, जिसमें एफपीओ के माध्यम से एकीकृत पैक हाउस स्थापित करने के लिए 510.35 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। अब तक 30 एकीकृत पैक हाउस स्थापित किए जा चुके हैं और 35 का कार्य प्रगति पर है। चालू वित्त वर्ष के अंत तक ऐसे कुल 100 एकीकृत पैक हाउस स्थापित करने का लक्ष्य है।इसके अलावा, कृषि मंत्री ने बताया कि किसानों और कृषि उत्पादों के लिए अंतिम मूल्य श्रृंखला सुनिश्चित करने के लिए, कुल 37 कृषि क्षेत्र की कंपनियों ने कृषि-व्यवसाय गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए बाय बैक तंत्र के साथ एफपीओ उत्पादों के व्यापार और विपणन के लिए 34 एफपीओ के साथ 54 समझौता ज्ञापन निष्पादित किए हैं। उन्होंने बताया कि 10 महीने की छोटी अवधि में 13400 मीट्रिक टन बागवानी उत्पादों का व्यापार किया है जिसमें से 14 करोड़ रुपये का काम पूरा कर लिया गया है और इसका 200 करोड रूपए से अधिक होने की उम्मीद है।

उन्होंने बताया कि हरियाणा ''भावंतर भरपाई योजना (बीबीवाई)'' के माध्यम से मूल्य संरक्षण में अग्रणी रहा है और बागवानी फसलों के लिए 24 करोड़ (पिछले तीन वर्षों में) और बाजरा भावांतर भापाई योजना के तहत लगभग 750 करोड़ रूपए के साथ प्रोत्साहित किया गया। उन्होंने बताया कि साल 2021-22 में 437 करोड़ रूपए से 2.41 लाख किसानों को कवर किया गया जबकि साल 2022-23 में लगभग 310 करोड रूपए से लगभग 2.25 लाख किसानों को कवर किया गया। हरियाणा प्रौद्योगिकियों के प्रदर्शन में अग्रणी है और इसने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग से 11 उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए हैं।

दलाल ने बताया कि राज्य में राष्ट्रीय कौशल मिशन के तहत साप्ताहिक, मासिक और वार्षिक कार्यक्रमों के माध्यम से 2500 से अधिक किसानों और उद्यमियों को कुशल बनाने के लिए एक प्रीमियम बागवानी प्रशिक्षण संस्थान भी स्थापित है। राज्य की किसान कल्याणकारी नीतियों ने किसानों को समर्थन देने और भारत में प्रौद्योगिकियों, नवाचारों और कृषि-व्यवसाय के माध्यम से विविधीकरण में नेतृत्व की भूमिका निभाने में असाधारण योगदान दिया है।

हरियाणा कृषि एवं पशुपालन के क्षेत्र में सबसे आगे केंद्रीय मंत्री संजीव बालयान

केंद्रीय पशुपालन, डेयरी एवं मत्स्य राज्य मंत्री संजीव बालयान ने हरियाणा प्रदेश की प्रशंसा करते हुए कहा कि हरियाणा कृषि एवं पशुपालन के क्षेत्र में सबसे आगे है। उन्होंने कहा कि मत्स्य व पशुपालन के क्षेत्र के साथ-साथ कृषि क्षेत्र में ओर अधिक ग्रोथ को बढ़ाना होगा। बालयान ने कहा कि कृषि और बिजनेस को जोड़ने की आवश्यकता है इसके जुड़ने से देश का किसान ओ अधिक समृद्ध होगा और देश का युवा भी इससे जुड़ेगा। उन्होंने कहा कि किसानों को आगे बढ़ाने के लिए सरकार के साथ-साथ वैज्ञानिकों, बृद्धिजीवियों और शोधकर्ताओं को मिलकर आगे आकर काम करना होगा।

अवार्ड मिलने पर मुख्यमंत्री ने जताया केंद्र सरकार का आभार

हरियाणा की इस उपलब्धि के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने केंद्र सरकार का आभार जताया और साथ ही अधिकारियों व कर्मचारियों सहित सभी प्रदेशवासियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि उनका प्रयास हरियाणा को अब कृषि प्रधान से कृषक प्रधान राज्य बनाना है। इसके लिए खेती में आधुनिकता के साथ-साथ किसानों की आमदनी में बढोतरी करना बड़ा लक्ष्य है। प्रदेश सरकार जहां 14 से अधिक फसलों को एमएसपी पर खरीद रही है, वहीं किसानों को आधुनिक खेती अपनाने के लिए प्रोत्साहित भी कर रही है। कम लागत में अधिक उपज लेने के लिए किसान फसल विविधिकरण को अपनाएं और प्राकृतिक खेती की ओर अग्रसर हों।

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