हरियाणा सरकार ने केन्द्र सरकार से 20 हजार रेमिडेसिवर टीके मांगे

हरियाणा सरकार ने केन्द्र सरकार से 20 हजार रेमिडेसिवर टीके मांगे
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केन्द्र सरकार से मिलने वाले इन 20 हजार रेमिडेसिवर टीकों में से 10 हजार टीके निजी अस्पतालों के लिए और 10 हजार टीके सरकारी अस्पतालों के लिए होंगे, ताकि निजी एवं सरकारी अस्पतालों में दाखिल मरीजों का समय पर टीके लगाकर उपचार किया जा सके। इसके अतिरिक्त, सरकार रेमिडेसिवर टीकों की कालाबाजारी पर अंकुश लगाने के लिए ठोस कदम उठा रही है और इस दवा की खपत एवं उपलब्धता की प्रतिदिन रिपोर्ट तैयार की जा रही है।

हरियाणा सरकार (Haryana Government) ने कोविड-19 की संकट की इस घड़ी में कोरोना पीडि़तों को समय पर उपचार उपलब्ध करवाने के लिए केन्द्र सरकार (Central Government) से 20 हजार रेमिडेसिवर टीकों की मांग की है, जिसमें से एक हजार टीके उपलब्ध हो चुके हैं और तीन हजार टीके कल तक मिल जाएंगे। एक सरकारी प्रवक्ता न यह जानकारी देते हुए बताया कि सरकार लोगों को समय पर दवाएं एवं ऑक्सीजन उपलब्ध करवाने के लिए कटिबद्घ है और इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है।

प्रवक्ता ने बताया कि केन्द्र सरकार से मिलने वाले इन 20 हजार रेमिडेसिवर टीकों में से 10 हजार टीके निजी अस्पतालों के लिए और 10 हजार टीके सरकारी अस्पतालों के लिए होंगे, ताकि निजी एवं सरकारी अस्पतालों में दाखिल मरीजों का समय पर टीके लगाकर उपचार किया जा सके। इसके अतिरिक्त, सरकार रेमिडेसिवर टीकों की कालाबाजारी पर अंकुश लगाने के लिए ठोस कदम उठा रही है और इस दवा की खपत एवं उपलब्धता की प्रतिदिन रिपोर्ट तैयार की जा रही है।

प्रवक्ता ने बताया कि सरकार सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में आवश्यकतानुसार ऑक्सीजन की सप्लाई भी सुनिश्चित कर रही है। उन्होंने बताया कि सरकार ने बोकारो स्टील सिटी, झारखण्ड से 50 एमटी ऑक्सीजन की आपूर्ति करने का आग्रह किया था जिस के लिए स्वीकृति मिल गई है। उन्होंने कहा कि बोकारो से मिलने वाली ऑक्सीजन का उपयोग आपातकाल और गम्भीर रूप से बीमार कोविड मरीजों के उपचार के लिए किया जाएगा।

प्रवक्ता ने बताया कि राज्य के विभिन्न अस्पतालों में कोविड मरीजों के लिए बिस्तरों की संख्या बढ़ाने का कार्य भी किया जा रहा है। इसके तहत पीजीआई, रोहतक में 1000 ऑक्सीजन बैडस तथा अन्य मेडिकल कॉलेजों के अस्पतालों में 1250 ऑक्सीजन बैडस ,अटल बिहारी अस्पताल, फरीदाबाद में 200 बिस्तरों की व्यवस्था पर कार्य किया जा रहा हैं ताकि मरीजों को किसी भी प्रकार की दिक्कत न आये। इसके अतिरिक्त, जिलों के सरकारी एवं गैर-सरकारी अस्पतालों में आईसीयू और ऑक्सीजन बैडस की उपलब्धता पर निगरानी रखी जा रही है ताकि मरीजों की सही देखभाल हो सके।

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