पेड़ों पर पेंशन दे रही हरियाणा की खट‍्टर सरकार, जानिए कैसे उठाएं योजना का लाभ

पेड़ों पर पेंशन दे रही हरियाणा की खट‍्टर सरकार, जानिए कैसे उठाएं योजना का लाभ
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अब आप पेड़ों की रक्षा करके भी अपनी आय बढ़ा सकते हैं। हरियाणा की मनोहर लाल सरकार पेड़ों को बचाने पर पेंशन दे रही है, जिसके तहत आपको साल में 2500 रुपये मिलेंगे।

प्राणवायु देवता पेंशन योजना

अब आप पेड़ों को बचाकर भी अपनी आय बढ़ा सकते हैं। हरियाणा की मनोहर लाल सरकार पेड़ों के लिए पेंशन दे रही है, जिसके तहत आपको साल में 2500 रुपये मिलेंगे। यह योजना आम से खास सभी लाेगों के लिए है। हरियाणा में 7 से लेकर 10 दशक पुराने अर्थात शतायु पा चुके पुराने पेड़ों को जीवन देने के लिए जो भी लोग काम करेंगे उनको पेंशन मिलने की शुरुआत हो जाएगी। हरियाणा सरकार ने इस योजना की घोषणा 2021 में की थी।

प्राणवायु देवता पेंशन योजना ( Pranavayu Devta Pension Scheme ) के नाम पर 75 साल से अधिक उम्र के पेड़ के रखरखाव के लिए हर साल 2500 रुपये पेंशन के रूप में राशि मिलेगी। यदि किसी को लगता है कि उसके पास ऐसा पेड़ है, जिसकी उम्र 75 साल से ऊपर है तो वह वन विभाग के पास आवेदन कर दे। बाद में फॉरेस्ट टीम उसकी उम्र का आंकलन करेगी। यदि पेड़ की उम्र मापदंड पर खरी उतरती है तो उसकी प्राण वायु देवता पेंशन योजना आरंभ कर दी जाएगी।

पिछले साल हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और वन मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने पुराने पेड़ों को बचाने की मुहिम के तहत 70 से 100 साल वाले पेड़ों को बचाने वाले किसानों और पर्यावरण प्रेमियों के लिए पेंशन की व्यवस्था का ऐलान किया था। इस योजना के तहत हर साल एक पेड़ के लिए 2500 रुपए पेंशन दिए जाने का प्रावधान रखा गया है। पूरे हरियाणा में 8 हजार से ज्यादा इस प्रकार के पेड़ हैं।

बढ़ते प्रदूषण पर लगेगी रोक

वन विभाग ने नई स्‍कीम प्रदेश में अब पुराने पेड़ों को भी पेंशन देने का ऐलान किया था। उसी समय से किसान और पेड़ को बचाने वाले पर्यावरण प्रेमी इंतजार कर रहे हैं। हरियाणा में यह योजना बेहद कारगर साबित हो सकती है। पर्यावरण और पेड़-पौधों को बचाने के लिए वन विभाग ने यह नया प्रयोग सफल रहा तो बाकी राज्यों में भी इसको लागू करने की होड़ लग जाएगी। हरियाणा के वन एवं पर्यटन मंत्री कुंवर पाल गुर्जर का कहना है कि इस योजना के तहत बढ़ते प्रदूषण पर समय रहते रोक लगाना है। इसक साथ ही अब सड़कों के किनारे आम के पौधे लगाए जाएंगे। योजना के तहत पेड़ पर तो वन विभाग का अधिकार होगा, लेकिन फल पास के खेत के किसानों के होंगे। इस प्रकार के हम कई कदम उठा रहे हैं।

खास बात यह है कि योजनाएं आम से खास सभी व्यक्ति के लिए हैं। प्रदेश में जहां भी 70-100 वर्ष पुराने पेड़ हैं, उनकी विभाग की ओर से पेंशन देने का मकसद पेड़ों को बचाने और इनकी देखरेख करने के लिए खर्च देने की व्यवस्था है। इस पेंशन की राशि से इन पेड़ों की देखरेख होगी। जो पेड़ पंचायत के क्षेत्र में होंगे उसका पैसा पंचायती फंड में जाएगा। यदि किसी की निजी जमीन पर पेड़ हैं तो उसके पेंशन की राशि जमीन मालिक को मिलेगा।


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