Haryana Government का यूटर्न : एसीएस खुल्लर बोले- छुट्टियों में शिक्षकों को नहीं करेंगे परेशान

योगेंद्र शर्मा: चंडीगढ़। ड्रग और नशे की सामग्री पकड़ी जाने पर गुरुजी की गवाही मामले में प्रदेश शिक्षा विभाग एसीएस आर.के खुल्लर ने कड़ा संज्ञान लेते हुए मातहत अधिकारियों से बातचीत कर निर्देश जारी कर दिए हैं। उधर, इस बाबत शिक्षक संगठनों द्वारा अफसरों से मिलने की तैयारी की जा रही है। वैसे, शिक्षा विभाग और विभिन्न जिलों में प्रशासनिक अफसरों का कहना है कि वे अपनी ओर से नहीं बल्कि एनडीपीएस केसों में माननीय पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट की ओऱ से जारी 28 मई 2019 को जारी निर्देशों के अनुसार डयूटी लगाई जा रहीं हैं।
यह पूरा मामला सीआरएम नंबर 5074-2019 जोगेंद्र सिंह वर्सेज पंजाब स्टेट ऑफ एंड अदर्स रहा है। इस क्रम में जारी गाइडलाइन के हिसाब से ही राजपत्रित अधिकारियों की डयूटी लगाई जाती रही है। यह बात दीगर है कि पंचकूला की सूची में अधिकांश नाम प्रिंसिपलों और शिक्षकों के डाले गए हैं। जिसके कारण शिक्षक संगठनों में नाराजगी फैली हुई है। पंचूकला में ड्यूटी लगाए जाने का मामला एसीएस आरके खुल्लर तक पहुंच जाने के बाद शिक्षकों औऱ प्रिंसिपलों को थोड़ी राहत की उम्मीद है, क्योंकि इस संबंध में एसीएस ने मातहत प्रशासनिक अफसरों को कुछ दिशा निर्देश दिए हैं।
यहां पर यह भी बता दें कि एनडीपीएस संबंधी मामलों में शिक्षकों की ड्यूटी और गवाही, अदालत के चक्कर लगाने आदि के झंझट को लेकर शिक्षकों में नाराजगी व्याप्त हो गई है। इन शिक्षकों का कहना है कि इस क्रम में डीसी की ओर से फरमान जारी किया गया था, जिसमें बिना बताए स्टेशन तक नहीं छोड़ने की हिदायत है।
गैर शैक्षणिक कार्यों में ड्यूटी लगाने का विरोध
सुप्रीम कोर्ट द्वारा शिक्षकों की ड्यूटी गैर शिक्षण कार्यों में नहीं लगाए जाने को लेकर आदेश जारी हुए हैं लेकिन गैर शिक्षण कार्यों में डयूटी लगाए जाने का सिलसिला बंद होने का नाम नहीं ले रहा है। अब इस ड्रग और नशीले पदार्थ पकड़े जाने की स्थिति में स्कूल प्रिंसिपलों औऱ शिक्षकों को थानों से संबंधित टीम में शामिल कर लिए जाने के कारण शिक्षकों की नींद हराम हो गई है। 29 मई दो दिन पहले इस प्रकार का आदेश उदाहरण के तौर पर पंचकूला के सरकारी स्कूलों में प्रिंसिपल और शिक्षकों के नाम के साथ पहुंचा है। हैरान करने वाली बात यह है कि डीजीपी क्राइम की ओर से यह आदेश वर्ष 2019 में 30 अगस्त को जारी किए गए थे, अब डीजी क्राइम के अनुसार जिलों में कुछ अन्य विभागों के अफसरों से सहयोग लिया जाना था।
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