SYL के पानी के लिए पंजाब के खिलाफ फिर सुप्रीम कोर्ट जाएगी हरियाणा सरकार

योगेंद्र शर्मा. चंडीगढ़
आखिरकार एक बार फिर हरियाणा और पंजाब के रिश्तों के बीच तल्खी आ गई है। पंजाब द्वारा विधानसभा में चंडीगढ़ उसको दिए जाने संबंधी प्रस्ताव पारित किए जाने के दिन से ही दोनों राज्यों के बीच में सियासत तेज हो गई है। पंजाब पर पलटवार करते हुए हरियाणा विधानसभा में मंगलवार को सत्तापक्ष और विपक्ष ने एकजुट होकर जहां पंजाब के उस प्रस्ताव की जमकर निंदा की, वहीं इशारों ही इशारों में साफ भी कर दिया कि हरियाणा हर मसले का हल बेहद ही शांतिपूर्ण तरीके से चाहता है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सदन में साफ तौर पर कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों द्वारा मिल बैठकर इसका हल निकालने को कहा था लेकिन पंजाब की ओर से खुद ही वार्ता के दरवाजे बंद कर दिए गए हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने यह भी साफ कर दिया कि अब वे हरियाणा को एसवाईएल का पानी दिलाने के लिए लीगल विशेषज्ञों की राय लेने के बाद सुप्रीम अदालत की शरण लेंगे।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सदन के अंदर और बाहर आकर मीडिया में साफ तौर पर पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टन अमरेंद्र सिंह का नाम लेकर कहा कि गत दो ढ़ाई साल के अंदर हमने कईं बार टेबल पर बैठने का प्रयास किया लेकिन असफलता हाथ लगी। सीएम ने कहा कि वे मसले का हल चाहते हैं, सियासत और विवाद नहीं, इसीलिए कानून विदों की राय लेकर आगे बढ़ने की तैयारी करेंगे। आने वाले वक्त में उन्होंने इस दिशा में ठोस कदम उठाने की बात कही।
कुल मिलाकर मंगलवार को एक दिन के सत्र में सीएम, नेता विपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा, स्वर्गीय भजनलाल के पुत्र कुलदीप बिश्नोई, डा. रघुबीर कादियान, गृहमंत्री अनिल विज के साथ-साथ डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला व इनेलो विधायक अभय चौटाला ने अतीत को याद करते हुए हरियाणा बनने में अपने अपने परिवार के योगदान को दोहराया साथ ही संकल्प भी लिया कि वे हरियाणा के हितों पर आंच नहीं आने देंगे। पूर्व स्वः सीएम रहे चौधरी बंसीलाल की पुत्र वधू किरण चौधरी ने अपने ससुर को याद करते हुए कहा किस तरह से उन्होंने पंजाब के आंख दिखाने पर दिल्ली का रास्ता बंद कर देने की बात कही थी। अनिल विज ने भी हरियाणा निर्माण और हरियाणा के लोगों की मेहनत की खुले दिल से प्रशंसा की।
सीएम जब बोलने के लिए खड़े हुए, तो उन्होंने पुरानी बातों के बारे में भी विस्तार से बताया व कहा कि 41 बार एग्जीक्यूशन आर्डर का जिक्र किया। उन्होंने अपनी सरकार की ओर से हुए प्रयासों पर रोशनी डाली व इस पूरे मामले में आरोप प्रत्यारोप से बचने की सलाह दी। सीएम का इशारा महम विधायक बलराज कुंडू की ओऱ था, जिन्होंने कहा कि सारे नेता और दल इस पर सियासत का खेल खेल रहे हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि एसवाईएल के मुद्दे पर उनकी सरकार बेहद गंभीर है। वर्ष 2016 के दौरान हमारे हक में फैसला आया था। जिसके बाद से सुप्रीम अदालत में 41 बार एक्जीक्यूशन आर्डर के लिए सुनवाई हो चुकी है। नहर के निर्माण के लिए भी हरियाणा को सुप्रीम कोर्ट से एक्जीक्यूशन आर्डर लाना होगा। सुप्रीम अदालत जो भी फैसला देगी, वही एजेंसी इसका निर्माण कराएगी।
गौतम का अंदाज और स्पीकर की चुटकी
नारनौंद के विधायक रामकुमार गौतम अपने अलग अंदाज में बोले और विषय से हटकर दी कश्मीर फाइल फिल्म का जिक्र करते हुए एक बार फिर से कश्मीरी ब्राह्मणों के साथ हुई ज्यादती का जिक्र किया। गौतम ने पंजाब हरियाणा और जम्मू कश्मीर को एक कर देने की बात कही, तो स्पीकर चुटकी लेते हुए बोले गौतम जी आज के विषय पर रहो।
नई राजधानी के लिए पैसा मिलने तक रहेंगे जमे
सदन में प्रदेश के गृहमंमंत्री अनिल विज द्वारा राजधानी के बदले हरियाणा को पैसा मिलने तक यहीं जमे रहने की बात का कांग्रेस और इनेलो के अभय चौटाला ने विरोध करते हुए कहा कि पैसा देना होगा, तो पंजाब को दे देंगे, पंजाब अपनी अलग राजधानी बना ले। इस दौरान हरियाणा और पंजाब के आर्थिक हालात को लेकर भी समीक्षा हुई। जिसमें पंजाब के हालात को लेकर कोसा गया।
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