किसानाें से पराली खरीदेगी हरियाणा सरकार, MSP तय करने के लिए कमेटी गठित

चंडीगढ़। पराली जलाने की घटनाओं पर रोक के लिए हरियाणा सरकार किसानों की पराली की खरीद करेगी। प्रदेश सरकार ने पराली के बहु उपयोग तथा उसका न्यूनतम समर्थन मूल्य ( एमएसपी ) तय करने के लिए उच्च स्तरीय कमेटी बनाई है। कमेटी अगले दो से तीन माह में अपनी रिपोर्ट देगी। कमेटी की जो भी सिफारिशें होंगी, उन्हें धान के अगले सीजन से लागू किया जाएगा। प्रदेश में हर सीजन में करीब 60 लाख टन पराली निकलती है। इसमें से 15 लाख टन पराली का उपयोग अभी भी हो रहा है।
हरियाणा के कृषि महानिदेशक इस कमेटी के चेयरमैन होंगे। नवीन एवं अक्षय ऊर्जा विभाग (हरेडा) के महानिदेशक तथा वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. मुकेश जैन, डा. बलदेव डोगरा और डा. जगमहेंद्र नैन इस कमेटी के सदस्य होंगे। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सोमवार को दावा किया कि प्रदेश में पराली जलाने की घटनाओं में पिछले साल की अपेक्षा इस बार 25 प्रतिशत तक कमी आई है, जबकि पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ी हैं। मनोहर लाल ने दावा किया कि हरियाणा सरकार काफी हद तक अपने राज्य के किसानों को पराली न जलाने के प्रति जागरूक करने में कामयाब हो गई है। पंजाब सरकार को भी इस दिशा में गंभीरता बरतनी चाहिए, क्योंकि पंजाब से आने वाला पराली का धुआं हरियाणा के लोगों को परेशान करते हुए दिल्ली समेत आसपास के राज्यों में पहुंचता है।अभी तक हरियाणा में पराली जलाने के 1925 और पंजाब में 13 हजार 873 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। प्रदेश सरकार राज्य के किसानों को पराली की बेल बनाने के लिए एक हजार रुपये प्रति एकड़ देगी। एक एकड़ में दो टन पराली निकलती है। मनोहर लाल ने बताया कि प्रदेश सरकारी पराली के उपयोग पर आधारित नए उद्योग अथवा प्लांट लगाने पर विचार कर रही है।
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