दो लाख परिवारों को दुग्ध व्यवसाय से जोड़ेगी हरियाणा सरकार, बनाई यह योजना

चंडीगढ। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि सहकारिता तथा पशुपालन एवं डेयरी एक दूसरे के पूरक हैं। देश व पूरी दुनिया में सहकारिता को एक प्रोजेक्ट न मानकर इसे सामूहिक रूप से काम करने की एक कार्य पद्घति, एक शैली व एक आंदोलन माना गया है। पिछले सात वर्षों के दौरान सरकार ने राज्य में दुग्ध उत्पादकता बढ़ाने की दिशा में उल्लेखनीय कार्य किया है, जिसके फलस्वरूप प्रति व्यक्ति प्रतिदिन दुध की उपलब्धता 1142 ग्राम हो गई है जो वर्ष 2014 में 740 ग्राम थी। मुख्यमंत्री उनके निवास स्थान पर उनका आभार व्यक्त करने आए सहकारिता व पशुपालन एवं डेयरी प्रकोष्ठों के प्रतिनिधियों को सम्बोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पशुपालन एवं अन्य सम्बद्घ व्यवसायों को कृषि के साथ जोड़ कर किसान अपनी आय में वृद्घि कर सकते हैं। हर-हित स्टोर की तर्ज पर युवाओं को दुग्ध व्यवसाय से जोडऩेे के लिए पांच हजार नए वीटा बूथ खोलने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। दो लाख परिवारों को दुध व्यवसाय से जोड़ा जाएगा। पशुधन बीमा योजना के लिए बीमा कम्पनियों पर निर्भर न रहकर सरकार अपने स्तर पर एक ट्रस्ट बनाएगी जिसके तहत पशुधन का बीमा किया जाएगा। इससे युवाओं को रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हर वर्ष पांच लाख बच्चे पैदा होते हैं उनमें से 50 प्रतिशत अपने पैतृक व्यवसाय से जुड़ जाते हैं और अन्य पढ़ाई पूरी करने के उपरान्त नए व्यवसाय को तलाशते हैं और कोई उद्योग व कोई व्यापार में लग जाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि परिवार पहचान पत्र पर 10 लाख ऐसे लोगों को पंजीकरण करवाया है, जिनको रोजगार चाहिए। ऐसे लोगों को रोजगार मुहैया करवाने की योजनाएं बनाई जा रही हैं, उनको घर द्वार पर विकल्प दिया जाएगा कि किस प्रकार का रोजगार उपलब्ध है। इसके लिए, रोजगार मेलों का भी आयोजन किया जाएगा। मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना के तहत विभिन्न विभागों की 40 सरकारी योजनाओं को चिह्नित किया गया है, जिसके तहत रोजगार उपलब्ध करवाया जाएगा। प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स) की कार्य प्रणाली के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने सहकारिता विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि पैक्स मुख्यालय गांव से 10 किलोमीटर से अधिक की दूरी पर नहीं होना चाहिए। छोटे-बड़े कितने गांव एक पैक्स के अधीन आते है इसकी एक योजना तैयार की जाए और सभी 750 पैक्स मेें गांव को नए सीरे से जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि पैक्स का कम्प्यूटीकरण किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने इस बात की भी जानकारी दी कि प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स) को घाटे से उभारने के लिए केन्द्र सरकार ने भी पहल की है। नाबार्ड की ओर से राज्य को पांच करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध करवाई जा रही है और शेष राशि राज्य सरकार वहन करेगी।
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