19 मई को इस कंपनी के साथ समझौता हस्ताक्षर करेगी हरियाणा सरकार, हजारों युवाओं को मिलेगी नौकरी

चंडीगढ़। हरियाणा में ऑटोमोबाइल सेक्टर में विकास करते हुए मारुति सुजुकी कंपनी राज्य में अपना तीसरा संयंत्र लगा रही है। मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड ( एमएसआईएल )/सुजुकी मोटरसाइकिल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं आधारभूत संरचना विकास निगम 19 मई को आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री मनोहर लाल की उपस्थिति मेेंं आईएमटी खरखौदा ( सोनीपत ) में क्रमश: 800 एकड़ और 100 एकड़ भूमि के आवंटन के लिए समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे। यह आयोजन हरियाणा-जापान के व्यापारिक संबंधों के चार दशकों का जश्न भी मनाएगा, जो 1981 में शुरू हुआ और आज भी फल-फूल रहा है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बताया कि यह राज्य के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है कि मारुति हरियाणा में अपना तीसरा संयंत्र स्थापित कर रही है। उन्होंने कहा कि एमएसआईएल ने अपनी प्रस्तावित नई कार निर्माण सुविधा के लिए आईएमटी खरखौदा में अतिरिक्त 800 एकड़ भूमि की खरीद की है। परियोजना की कुल लागत अनुमानत: 18,000 करोड़ रुपये होगी। इसमें 11,000 कुशल, अकुशल और अर्ध-कुशल व्यक्तियों के लिए रोजगार सृजित करने की क्षमता है। एमएसआईएल के साथ ही, सुजुकी मोटरसाइकिल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने भी इंजन सहित दोपहिया वाहनों के लिए एक एकीकृत विनिर्माण सुविधा स्थापित करने हेतु 100 एकड़ भूमि की खरीद की है। कुल परियोजना लागत 1,466 करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जिसमें 2,000 कुशल, अकुशल और अर्ध-कुशल व्यक्तियों के लिए रोजगार सृजित करने की क्षमता है।
खरखौदा का औद्योगिक मॉडल टाउनशिप ( आईएमटी ), जहां एमएसआईएल अपनी परियोजना स्थापित करेगा, विश्व स्तरीय आधारभूत अवसंरचना के साथ एक एकीकृत औद्योगिक टाउनशिप है, जो लगभग 3,217 एकड़ क्षेत्र में विकसित किया जा रहा है। यह रणनीतिक रूप से पश्चिमी परिधीय ( कुंडली-मानेसर-पलवल ) एक्सप्रेस-वे और राज्यीय राजमार्ग-18 के साथ लगती दिल्ली-हरियाणा सीमा पर स्थित है। आईएमटी को एनसीआर नहर और बिजली निगमों से प्रचुर मात्रा में पानी और बिजली की आपूर्ति हो रही है। दिल्ली से इसकी समीपता और केएमपी एक्सप्रेस- वे के माध्यम से दिल्ली, बहादुरगढ़, गुडग़ांव और सोनीपत के साथ सीधे संपर्क के कारण, आईएमटी खरखौदा हरियाणा में औद्योगिक विकास के लिए अगले महत्वपूर्ण क्षेत्र के रूप में उभरेगा।
हरियाणा में मारुति सुजुकी के विस्तार के बारे में इस कार निर्माता कंपनी के एक प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी ने अपनी विस्तार योजना के लिए विभिन्न् राज्य सरकारों के साथ चर्चा की, लेकिन वे हरियाणा को इस उद्देश्य के लिए उपयुक्त स्थान पाते हैं। उन्होंने कहा कि इस स्थल पर स्थापित होने वाली इस पहली विनिर्माण सुविधा में प्रति वर्ष 250,000 वाहनों के निर्माण की क्षमता होगी। इसके वर्ष 2025 तक चालू होने की संभावना है। भूमि स्थल में क्षमता विस्तार के लिए जगह होगी और भवष्यि में इसमें और अधिक उत्पादन संयंत्र स्थापित होंगे। यह उल्लेखनीय होगा कि 1983 में गुरुग्राम में अपना पहला कार संयंत्र स्थापित करने के बाद, मारुति ने मानेसर में एक अन्य विनर्मिाण सुविधा और रोहतक में एक अत्याधुनिक अनुसंधान एवं विकास केंद्र स्थापित करके हरियाणा में अपनी विनर्मिाण सुविधाओंं का लगातार विस्तार किया है। हरियाणा के गुरुग्राम और मानेसर में स्थापित ये दो संयंत्र एक साथ सालाना लगभग 15.5 लाख यूनिट का निर्माण् करते हैं। आज गुरुग्राम-मानेसर-बावल बेल्ट को उत्तर भारत का ऑटो हब माना जाता है।
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