सैनिक परिवारों व बच्चों के लिए अहम फैसले लेगी हरियाणा सरकार

योगेंद्र शर्मा : चंडीगढ़
हरियाणा में रहने वाले सैनिक एव अर्द्धसैनिक परिवारों के लिए राहत भरी खबर है, क्योंकि राज्य सरकार द्वारा दो साल पहले गठित सैनिक एवं अर्द्धसैनिक कल्याण विभाग इनके कल्याण के लिए कईं अहम फैसले लेने जा रहा है। इतना ही नहीं राज्य के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले इन परिवारों का पूरा डिजिटल ब्यौरा अपडेट करने की तैयारी है, ताकि एक क्लिक पर कोई भी जानकारी ली जा सके। विभाग के मंत्री ओमप्रकाश यादव कई जिलों में इनके कल्याण के लिए फीडबैक लेकर आला अफसरों से भी मंथन कर चुके हैं।
यहां पर उल्लेखनीय है कि सैनिक एवं अर्द्ध सैनिक कल्याण के लिए खुद मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने गंभीरता दिखाते हुए कल्याण के लिए 142 करोड़ का बजट का प्रावधान किया है। बजट अनुमान 2020-21 के दौरान विधिवित विधानसभा के अंदर सैनिक एवं अर्द्ध सैनिक कल्याण के लिए 142.05 करोड़ का परिव्यय प्रस्तावित किया था। प्रदेश के लिए गौरव की बात है कि देश का हर 10वां जवान हरियाणा से है। राज्य सरकार सेवारत सैनिकों, भूतपूर्व सैनिकों और अर्द्धसैनिक बलों के जवानों के साथ-साथ उनके परिवारों के कल्याण के लिए कईं अहम कदम उठाने का फैसला लिया गया था।
भूतपूर्व सैनिकों, युद्ध विधवाओं को वित्तीय सहायता, सरकारी नौकरियां देने और युद्ध में शहीद हुए वीरों के आश्रितों को अनुग्रह अनुदान और शौर्य अवार्ड और विशिष्ट अवार्ड प्राप्त करने वाले को नकद राशि, लड़कियों की शादी पर अनुदान, नए कमीशन्ड अधिकारियों को नकद पुरस्कार जैसी कई स्कीमें चल रही हैं। वर्ष 2017 में गठित सैनिक और अर्धसैनिक कल्याण विभाग द्वारा शुरू की गई स्कीमों के लिए 50 करोड़ बजट किए थे। हैं। सैनिकों और अर्द्धसैनिकों के आश्रितों के लिए नि: शुल्क कोचिंग, आश्रितों के लिए उच्च कोटि की शिक्षा स्कीम, सैनिकों और एमफिल. एवं पीएचडी के लिए फैलोशिप स्कीम समेत दर्जनों कल्याणकारी कदमों की तैयारी है।
परिवारों का ब्यौरा होगा तैयार
हरियाणा में रहने वाले सैनिकों और अर्द्धसैनिक बलों के परिवारों का ब्यौरा पोर्टल पर अपडेट किया जाएगा। इस संबंध में हरियाणा में भाजपा की सरकार ने 2 साल पहले अर्थात मनोहर पार्ट वन में सैनिकों और अर्धसैनिक बलों के कल्याण उनके परिवारों के सामने आने वाली चुनौतियों, सैनिकों की विधवाओं और बच्चों के कल्याण के लिए सैनिक कल्याण बोर्ड की जगह हरियाणा सैनिक एवं अर्द्धसैनिक कल्याण विभाग का गठन कर दिया था। विभाग बन जाने के बाद में अब पूर्व सैनिकों और सैनिक बलों के कल्याण का काम बेहतर ढंग से हो सकेगा। पूरे हरियाणा में सैनिकों एवं अर्द्धसैनिक परिवारों बच्चों का ब्यौरा अलग किया जाएगा। बच्चों की शिक्षा, उच्च शिक्षा के साथ-साथ तकनीकी शिक्षा और मेडिकल जैसे क्षेत्रों में आगे ले जाने के लिए मंत्री ओपी यादव अधिकारियों के साथ विचार विमर्श कर रणीनीति को जमीनी हकीकत में बदलने की तैयारी में हैं।
विभाग के पास अब एसीएस और निदेशक
सैनिकों व अर्द्धसैनिकों के लिए अलग से विभाग गठित हो जाने के बाद में हालात बदले हुए हैं। जहां बजट अच्छा खासा हो गया है। वहीं दूसरी तरफ विभाग को वरिष्ठ प्रशासनिक अफसर एसीएस व निदेशक मिल गए हैं। जिनके साथ में विचार विमर्श कर मंत्री ओपी यादव काम की गति को लगातार बढ़ाने के हक में हैं।
आधार भूत ढांचे में होगा परिवर्तन
जिला स्तर पर पहले से चले आ रहे जिला सैनिक बोर्ड दफ्तरों को आने वाले समय में पूरी तरह से परिवर्तित कर दिया जाएगा। जिला स्तरीय दफ्तरों के मूलभूत ढाँचा सुधारने के साथ-साथ उसमें स्टाफ की कमी को दूर करने के साथ ही अन्य कई सुधारात्मक कदम भी उठाए जा रहे हैं। जिले में सैनिक अर्द्ध सैनिक बलों उनके परिवारों से संबंधित ब्योरा अपडेट किया जाएगा।
संगठनों से ले रहे फीडबैक : ओपी यादव
विभाग के मंत्री ओपी यादव ने पूछे जाने पर कहा कि वह खुद अधिकारियों के संपर्क में हैं सैनिक परिवारों और अर्धसैनिक बलों से संबंधित संगठनों, प्रतिनिधियों से संपर्क कर फीडबैक लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अभी तक में महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, झज्जर के साथ-साथ अन्य जिलों में संपर्क कर चुके हैं।
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