महिलाओं के लिए हरियाणा सरकार ने शुरू की यह योजना, मिलेंगे गजब के फायदे

महिलाओं के लिए हरियाणा सरकार ने शुरू की यह योजना, मिलेंगे गजब के फायदे
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इस योजना के तहत उन महिला ऋणी को कवर किया गया है जिनका 31 मार्च 2019 तक निगम को ऋण भुगतान के लिए देय था। यह योजना 31 मार्च 2019 तक के डिफॉल्ट रूप से मूलधन की राशि पर लागू होगी और इसके पश्चात भुगतान की गई मूलधन की राशि इस योजना में शामिल नहीं होगी।

हरियाणा सरकार ( Haryana Government ) द्वारा हरियाणा महिला विकास निगम ( Haryana Women Development Corporation ) के उपभोक्ताओं को ऋण मुक्त होने का अवसर देते हुए वन टाइम सेटलमेंट योजना ( one time settlement yojana ) के तहत 1 जून 2022 तक एकमुश्त या 6 किश्तों में बकाया ऋण की राशि जमा करवाकर ब्याज की राशि में सौ प्रतिशत छूट का लाभ दिया जा रहा है।

इस योजना के तहत उन महिला ऋणी को कवर किया गया है जिनका 31 मार्च 2019 तक निगम को ऋण भुगतान के लिए देय था। यह योजना 31 मार्च 2019 तक के डिफॉल्ट रूप से मूलधन की राशि पर लागू होगी और इसके पश्चात भुगतान की गई मूलधन की राशि इस योजना में शामिल नहीं होगी। ऋण लेने वालों को 6 महीने के भीतर इसका लाभ उठाने की अनुमति दी जाएगी। यदि ऋणी द्वारा बकाया मूल राशि को एकमुश्त या किश्तों में छह महीने के भीतर चुका दिया जाता है तो वह लाभार्थी महिला ब्याज की 100 फीसदी छूट के लिए पात्र होगी।

छूट का लाभ ऋणी को बकाया मूलधन की अंतिम किस्त के भुगतान के बाद ही दिया जाएगा और योजना के लाभार्थी कम से कम एक वर्ष के अंतराल के बाद ही भविष्य में एक और ऋण लेने के पात्र हो सकेंगे। प्रदेश सरकार की यह योजना केवल 1 जून 2022 तक ही लागू रहेगी इसके बाद किसी भी दावे पर विचार नहीं किया जाएगा। इस योजना से संबंधित किसी भी अन्य जानकारी के लिए हरियाणा महिला विकास निगम के मुख्यालय के दूरभाष नंबर 0172-2564720 व जिला स्तर पर निगम के कार्यालयों से संपर्क किया जा सकता है।

योजना के लाभार्थी कम से कम एक वर्ष के अन्तराल के बाद ही भविष्य में एक और ऋण अग्रिम कर सकते हैं। सरकार की योजना 6 महीने तक मान्य होगी और किसी भी आधार पर या किसी न्यायालय के मामले या मध्यस्थता के बहाने योजना की मान्यता अवधि समाप्त होने के बाद किसी भी दावे पर विचार नहीं किया जाएगा। हरियाणा महिला विकास निगम की ऋणी लाभार्थियों को लाभ देने की इस प्रक्रिया में राज्य सरकार को आर्थिक हानि उठानी पड़ेगी लेकिन महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार ने यह फैसला लिया है।

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