प्राइवेट नौकरियों में 75 प्रतिशत आरक्षण मामले में हरियाणा हाईकोर्ट अब दोबारा शुरू करेगा सुनवाई

चंडीगढ़। हरियाणा के लोगों को प्राइवेट सेक्टर की नौकरियों में 75 प्रतिशत आरक्षण देने संबंधी हरियाणा सरकार के कानून के खिलाफ याचिका पर हाई कोर्ट ने 17 मार्च को फैसला सुरक्षित रखा था। लेकिन हाई कोर्ट इस मामले में अब दोबारा 4 नवम्बर से सुनवाई शुरू करेगा। हाई कोर्ट ने मामले में फैसला सुनाने से पहले याची पक्ष जिसमें औद्योगिक संगठन है, उनसे कुछ स्पष्टीकरण मांगा है।
जस्टिस ए जी मसीह व जस्टिस अरुण मोंगा व जस्टिस संदीप मुद्गल की बेंच ने एक कानूनी बिंदु पर वरिष्ठ अधिवक्ता अनुपम गुप्ता से अधिनियम के संदर्भ में संविधान के अनुच्छेद 19 और अनुच्छेद 21 के बीच संबंध के मुद्दे पर को स्पष्ट करने को कहा है। वरिष्ठ अधिवक्ता अनुपम गुप्ता आईएमटी मानेसर व अन्य याची पक्षों की तरफ से पैरवी कर रहे है जिन्होने रोजगार अधिनियम 2020 की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी हुई है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार इस मामले पर 16 मार्च 2022 तक हाई कोर्ट ने फैसला लेना था। तीन फरवरी को जस्टिस तिवारी की अध्यक्षता वाली पीठ ने राज्य में कानून के लागू करने पर पर रोक लगा दी थी। जिसके बाद हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर जस्टिस अजय तिवारी की पीठ पर यह आरोप लगाया था कि उनको सुने बगैर यह आदेश पारित किया गया है। 17 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण न देने पर कंपनियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई पर रोक लगाते हुए आरक्षण पर रोक के आदेश को रद्द कर दिया था।
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