हरियाणा को 'मनोहर' सौगातों की आस, देखें बजट में क्या रहेगा खास

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल 12 मार्च शुक्रवार को दूसरी बार बतौर वित्तमंत्री बजट पेश करेंगे। इस बार भी सूबे के लोगों को पूरी उम्मीद है कि बजट में सभी को कुछ ना कुछ सौगात मिलेगी। कोविड-19 की चुनौती से धीरे-धीरे बाहर निकल रहे प्रदेशवासियों को इस बार भी कर रहित बजट रहने की पूरी उम्मीद है। सूबे के मुख्यमंत्री यह भी साफ कर चुके हैं कि पिछली बार हमारा फोकस शिक्षा पर रहा था लेकिन इस बार के बजट में स्वास्थ्य सेवाओं पर फोकस रहेगा। इस बार हरियाणा के बजट में केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के बजट की झलक भी दिखाई देगी, क्योंकि केंद्रीय बजट का फोकस भी इस बार अच्छा खासा सेहत पर रहा है।
इस बार के बजट में सेहत के साथ ही छोटे किसानों पर राज्य की सरकार फोकस करने जा रही है, इस क्रम में किसान, मजदूरों के लिए खास घोषणाएं हो सकती है। अर्थात सेहत, शिक्षा, सुरक्षा और स्वावलंबन के साथ-साथ इस बजट के पीछे अंत्योदय उद्देश्य होगा। प्रदेश के सीएम कहते हैं कि सुबह रोजी रोटी के लिए निकलने वाले व पंक्ति में अंतिम व्यक्ति को लाभ मिले व बेहतर जीवन यापन की शुरुआत हो पहले ही दिन से यह हमारा संकल्प है।
जनप्रतिनिधियों व्यापारियों से लिया गया फीडबैक और सुझाव
इस बार भी सीएम दिल्ली, गुरुग्राम और चंडीगढ़ में अपने विधायकों, पूर्व विधायकों, पार्टी संगठन के साथ-साथ सांसदों से बजट को लेकर चिंतन मंथन कर चुके हैं। सभी से समय रहते सुझाव देने के लिए भी कहा गया था। पिछली बार भी दो सौ से ज्याद सुझावों को बजट में शामिल किया गया था, इस बार भी इससे ज्यादा सुझावों को बजट में शामिल किया जा रहा है। इस बार भी लोगों को उम्मीद है कि इस बजट में कोई टैक्स नहीं लगाया जाएगा। यहां बता दें कि पिछले बजट में अनुपयोगी 132 योजनाओं को 46 में समायोजित किया गया था। जिससे मैनपावर और पैसे का सही उपयोग हो सके। इस बार भी मुख्यमंत्री कुछ नए प्रयोग कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री बोले-किसान हितैषी बताने वाले नेताओं को जनता जान चुकी
सूबे के मुख्यमंत्री मनोहरलाल का कहना है कि खुद को किसानों का हितैषी बताने वाले लोगों को प्रदेश की जनता जान चुकी है। सदन के अंदर और बाहर इनका काफी चर्चा है कि किस तरह से किसानों की जमीनों को हड़पा गया और अधिग्रहण का डर दिखाकर पूंजीपतियों के हवाले जमीन कर दी गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में भी प्रदेश और देशहित इनके लिए कुछ भी नहीं है बल्कि किसान आंदोलन को पीछे से हवा देने का काम कर रहे हैं। लोगों को गुमराह कर रास्ते जाम करने, प्रदर्शन करने के लिए उकसा रहे हैं। सीएम का कहना है कि हम अंत्योदय की भावनासे काम कर रहे हैं, जो लोग पाात्र हैं, और घर बैठे हुए हैं, उनको सुविधाएं देना हमारा काम है। हम बीपीएल की आय सीमा को बढ़ाकर एक लाख 80 हजार कर चुके हैं। मांगने वालों और दबाव बनाने वालों को नहीं बल्कि पाात्र व जरूरत को मदद मिलनी चाहिए। सीएम ने कहा कि राज्य का बजट केंद्र के साथ में लिंक्ड होता है, इसीलिए आप लोग इसे केंद्रीय बजट की झलक भी कह सकते हैं। सूबे में मेडिकल की दो हजार सीटें करने का लक्ष्य है। कईं स्थानों पर मेडिकल कालेजों को खोलने की प्रक्रिया पूरी हो गई है, खोलने की दिशा में कामकाज को तेज कर दिया जाएगा। फिलहाल 1720सीटें हैं। राज्य के 65 लाख परिवार और पौने तीन करो़ड़ लोगों में उनको लाभ पहले मिले, जिनके पास में कुछ भी नहीं है। किसानों खासतौर पर छोटे किसानों को चुनौतियों से बाहर लाने के लिए सुधारात्मक कदम उठा रहे हैं।
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