Fatehabad में बारिश न होने से मुरझा रही है नरमे की फसल, किसानों ने धान की रोपाई भी रोकी, जानें-आगे कैसा रहेगा मौसम का मिजाज

Fatehabad में बारिश न होने से मुरझा रही है नरमे की फसल, किसानों ने धान की रोपाई भी रोकी, जानें-आगे कैसा रहेगा मौसम का मिजाज
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मौसम विभाग बार-बार पश्चिम विक्षोभ एक्टिव होने की बात कहकर बरसात की भविष्यवाणी कर रहा है। ऐसा नहीं है कि मौसम विभाग की भविष्यवाणी गलत साबित हो रही है। प्रदेश के दक्षिणी जिलों में पिछले कई दिनों से बारिश हो रही है जबकि हिसार, सिरसा, फतेहाबाद व जींद जिलों में अभी बारिश का इंतजार है। इस कारण इन क्षेत्रों में नरमे की फसल सूखने लगी है और धान की फसल में खड़े पानी के गर्म होने से फसल पर असर पड़ रहा है। यही वजह है कि किसानों ने धान की नई रोपाई बंद कर दी है।

Fatehabad News : पिछले दो सप्ताह से क्षेत्र में बरसात (Rain) न होने से तापमान 38 डिग्री के आसपास घूम रहा है। पारा बढ़ने के साथ ही उमस भी बढ़ रही है, इसका मुख्य कारण आसपास के जिलों में बारिश होना तथा धान की रोपाई के चलते खेतों में पानी का खड़ा होना है। उमस व तापमान बढ़ने से धान में खड़ा पानी गर्म हो रहा है। यही वजह है कि नरमे की फसल भी अब मुरझाने लगी है जबकि धान की रोपाई एक बार किसानों ने बंद कर दी है।

15 जून से प्रदेश सरकार ने धान की बिजाई का समय निर्धारित किया था। इस समय आमतौर पर प्री-मानसून की बारिश हो जाती है। धान लगते-लगते मानसून की बौछारे होती हैं तो धान की फसल चलने लगती है जबकि नरमे की बिजाई पहले ही हो चुकी होती है। इन दिनों धान रोपाई के बाद से ही क्षेत्र में बारिश नहीं हुई है। हालांकि भूना क्षेत्र में 27 जून को थोड़ी बरसात हुई थी जबकि बाकी जिला बारिश से अभी अछूता रहा है। मौसम विभाग बार-बार पश्चिम विक्षोभ एक्टिव होने की बात कहकर बरसात की भविष्यवाणी कर रहा है। ऐसा नहीं है कि मौसम विभाग की भविष्यवाणी गलत साबित हो रही है। प्रदेश के दक्षिणी जिलों में पिछले कई दिनों से बारिश हो रही है जबकि हिसार, सिरसा, फतेहाबाद व जींद जिलों में अभी बारिश का इंतजार है। इस कारण इन क्षेत्रों में नरमे की फसल सूखने लगी है और धान की फसल में खड़े पानी के गर्म होने से फसल पर असर पड़ रहा है। यही वजह है कि किसानों ने धान की नई रोपाई बंद कर दी है।

फतेहाबाद जिले में करीब 1 लाख 80 हेक्टेयर के करीब धान की खेती होती है। अब तक जिले में 34403 एकड़ भूमि में ही धान की रोपाई हुई है। जिले के 80 हजार किसानों में से 4428 किसानों ने ही अभी धान की रोपाई की है। किसानों का मानना है कि जल्द ही बारिश न हुई तो नरमे की फसल की भी दोबारा बिजाई करनी पड़ेगी। कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि इस समय बरसात बेहद जरूरी है। तेज धूप और ठंडा पानी धान की फसल के लिए जरूरी है। बरसात न होने से पानी गर्म हो रहा है। गांव अहलीसदर के किसान रूपचंद का कहना है कि अब बारिश होने के बाद ही वह धान की रोपाई करेंगे। अभी तक किसान ट्यूब्वैल के पानी से ही धान की रोपाई कर रहे थे, जिससे उनकी फसल लागत भी बढ़ गई है।

बरसात का मौसम पिछले कई दिनों से बन रहा है लेकिन बरसात नहीं हो रही। अब एचएयू के मौसम विभाग ने बारिश की उम्मीद जताई है। बरसात होते ही धान की फसल फिर खड़ी हो जाएगी। -राजेश सिहाग, डीडीए फतेहाबाद

हरियाणा में 3 व 4 जुलाई को मौसम आमतौर पर परिवर्तनशील रहेगा। उत्तरी जिलों में कुछ स्थानों पर छिटपुट बूंदाबांदी ही संभावित है। इसके बाद 5 जुलाई से एक बार फिर मानसून की सक्रियता राज्य में बढ़ने की संभावना है। 5 जुलाई की रात से 7 जुलाई के दौरान राज्य में ज्यादातर स्थानों पर अच्छी बारिश की संभावना बन रही है। - डॉ. एमएल खीचड़, विभागाध्यक्ष, मौसम विभाग, एचएयू हिसार।

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