Haryana Mausam Update : पछुआ हवा के झोंकों से किसान चिंता में, धान पर छाया संकट

Haryana Mausam Update : पछुआ हवा के झोंकों से किसान चिंता में, धान पर छाया संकट
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किसान खेत में सुबह पानी लगाते हैं तो शाम को नहीं मिलता और शाम को सिंचाई करते हैं सुबह तक पानी जमीन सोख लेती है। कुल मिलाकर राजस्थान की ओर से चली हवाओं ने किसानों का गणित धान को लेकर पूरी तरह से बिगाड़कर रख दिया है।

Haryana Weather Update : रोहतक व इसके आसपास के क्षेत्रों में बीते 20-25 दिन से बारिश नहीं हुई है। जिससे अब धान की फसल पर संकट छा गया है। किसान फसल की सिंचाई कर रहे हैं। लेकिन पछुवा हवा के कारण फसल में जलभराव नहीं हो पा रहा है। किसान खेत में सुबह पानी लगाते हैं तो शाम को नहीं मिलता और शाम को सिंचाई करते हैं सुबह तक पानी जमीन सोख लेती है। कुल मिलाकर राजस्थान की ओर से चली हवाओं ने किसानों का गणित धान को लेकर पूरी तरह से बिगाड़कर रख दिया है। ध्यान रहे कि इससे पहले जुलाई के अंतिम सप्ताह में लाखनमाजरा और रोहतक खंड में हुई अति भारी की वजह से धान नष्ट हो गई थी। जुलाई में धान ज्यादा जलभराव के कारण खत्म हो गया था। और अब अगस्त में पानी के अभाव में फसल नष्ट हो रही है। ध्यान रहे कि जिले में इस बार सवा लाख एकड़ में धान की रोपाई किसानों ने बड़ी उम्मीद के साथ की थी। इस रकबे में 15-20 हजार जलभराव के कारण पहले ही खत्म हो चुकी है।

मौसम विभाग की तरफ से जो पूर्वानुमान तापमान को लेकर जारी किए जा रहे हैं, उनके मुताबिक अब कुछ ही दिन में माैसम में काफी बदलाव आ जाएगा। अगर बारिश होती है गर्मी से और भी जल्दी राहत मिलेगी। आमतौर पर हरियाणा से मानसून की विदाई सामान्य तौर पर सितंबर के तीसरे सप्ताह में होती है। ध्यान रहे कि गत वर्ष भी सितंबर के अंतिम दिनों में प्रदेश में भारी बारिश हुई थी। पश्चिमी हवाएं चलने की वजह से वायु में नमी की मात्रा काफी कम हो गई है। मौसम विभाग का कहना है कि अगर बरसात नहीं हुई तो अगले दो तीन दिन में अधिकतम पारा 38 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है।

चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय हिसार के मौसम विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. एमएल खिचड़ ने बताया कि मानसून टर्फ की अक्षय रेखा अब भी सामान्य स्थिति से उत्तर की तरफ हिमालय की तलहटियों की तरफ लगातार बना होने के कारण हरियाणा मौसम 29 अगस्त से 2 सितंबर के दौरान परिवर्तनशील रहने की संभावना है। इस दौरान आंशिक बादल छाए रहने तथा पश्चिमी हवाएं चलने की संभावना को देखते हुए दिन के तापमान में हल्की बढ़ोतरी होने की भी संभावना है। इस दौरान वातावरण में नमी तथा तापमान की अधिकता से लोकल वेदर सिस्टम बनने से कुछ एक स्थानों पर छिटपुट बूंदाबांदी की ही संभावना है।

अब तक इतनी हुई बरसात

28 अगस्त तक राज्य में 376.4 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है, जोकि सामान्य बारिश (338.1 मिलीमीटर) से अब तक 11% ज्यादा है। परंतु हिसार (-48%), फतेहाबाद (-34%), जींद (-33%), रोहतक (-20%), भिवानी (-18%), पलवल (-13%), चरखीदादरी (-6%) में सामान्य बारिश से कमी दर्ज की गई है। इस अवधि तक सामान्य से अधिक बारिश कुरुक्षेत्र (+127%), यमुनानगर (+48%),पानीपत(+41%), पंचकूला (+40%), सोनीपत (+37%), करनाल (+31%), अंबाला (+25%), फरीदाबाद (+22%) हुई है। परंतु अगस्त में अभी तक राज्य के ज्यादातर जिलों में सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई है।

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