Haryana Mausam Update : प्रदेश के 11 जिलों में अभी तक सामान्य से कम बारिश, जानें- आगे कैसा रहेगा मौसम

Haryana Mausam Ki Jankari : बीते अगस्त के पहले सप्ताह से ही प्रदेश में मानसूनी गतिविधियां बंद हैं। राजस्थान की ओर से लगातार चल रही शुष्क पश्चिमी हवाओं ने मानसून को हिमालय के पहाड़ों की गोद में बैठा दिया है। ये गोद बैठाई कोई दो-चार दिन की नहीं है,बल्कि अब पूरा एक महीना हो चुका है।
तीन- चार अगस्त को ही मानसून हिमालय की गोद में बैठ गया था। वैज्ञानिक उम्मीद लगा रहे थे कि जल्द ही मानसून हिमालय से रूठ जाएगा और हरियाणा में फिर से बरसात का दौर शुरू होगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जिससे प्रदेश में सूखे जैसे हालात पैदा हो चुके हैं। ग्यारह जिलों में अभी तक सामान्य से कम बारिश हुई है। हिसार के हालात सबसे विकट बन चुके हैं। यहां तो सामान्य से 51 प्रतिशत कम बरसात 4 सितंबर तक हुई है। इसी प्रकार फतेहाबाद में 39 और जींद में 30 प्रतिशत कम बरसात होने के आकड़े चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय हिसार द्वारा हाल ही में जारी किए गए हैं।
बदला हवा का रूख
किसान आसमान की ओर टकटकी लगाकर बारिश होने का इंतजार कर रहे हैं। मंगलवार को हवा के रूख में थोड़ा सा परिवर्तन आया। लगातार पश्चिमी हवाएं चलने की बजाय पूर्वी हवा के झोके चले। चूंकि वायु की दिशा में बदलाव आया है तो उम्मीद की जा सकती है कि राज्य के मौसम में अब जल्द ही परितर्वन आएगा। ऐसे संकेत मौसम विभाग ने भी दिए हैं। विभाग का कहना है कि छह से लेकर दस सितंबर राज्य में कहीं-कहीं हल्की-हल्की बूंदाबांदी हो सकती है। राज्य में दस सितंबर के बाद ही मानसून की सक्रियता बढ़ने की संभावना बन रही है।
एक महीने से ब्रेक
चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय हिसार के मुताबिक मानसून ट्रफ का पश्चिमी छोर इस समय हिमालय की तलहटियों की तरफ बना हुआ है। जिससे हरियाणा में मानसून बारिश की गतिविधियों में कमी लगातार एक महीने से ज्यादा समय से बनी हुई है। प्रदेश में मानसून के प्रवेश 26 जून से लेकर 4 सितंबर तक 377.9 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। जो सामान्य बारिश (369.3 मिलीमीटर) से 2 फीसदी ज्यादा है। लेकिन ग्यारह जिलों में सामान्य से कम बारिश कम हुई है। अगस्त में प्रदेश का एक भी जिला ऐसा नहीं है, जहां सामान्य बरसात हुई हो।
10 सितंबर तक मौसम परिवर्तनशील रहेगा मौसम
वहीं चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय हिसार के मौसम विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. एमएल खिचड़ ने कहा कि मानसून टर्फ की अक्षय रेखा अब भी सामान्य स्थिति से उत्तर की तरफ हिमालय की तलहटियों की तरफ बनी हुई है। परंतु ट्रफ का पूर्वी छोर दक्षिण की तरफ सामान्य हालात में आ जाने तथा बंगाल की खाड़ी में साईक्लोनिक सर्कुलेशन बनने से अब नमी वाली हवाएं आने की संभावना है। उन्होंने कहा कि नमी वाली हवाओं और तापमान सामान्य से अधिक होने के कारण लोकल वेदर सिस्टम बन रहा है। जिसकी वजह से हरियाणा में अब 10 सितंबर तक मौसम परिवर्तनशील रहेगा। छह सितंबर को उत्तरी व दक्षिणी हरियाणा के कुछ एक क्षेत्रों में छिटपुट बूंदाबांदी की संभावना है।
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