अधिकारी ने बार-बार बहन जी कहा तो भड़कीं हरियाणा की मंत्री, बोलीं- प्रोटोकाल के अनुसार बोलना सीखो

अधिकारी ने बार-बार बहन जी कहा तो भड़कीं हरियाणा की मंत्री, बोलीं- प्रोटोकाल के अनुसार बोलना सीखो
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कैथल जिले के कस्बे कलायत में 3 वर्ष के बाद फिर शुरू हुए जनता दरबार में महिला एवं बाल विकास मंत्री कमलेश ढांडा ने शुक्रवार को जनता से सीधा संवाद साधा।

हरियाणा के कैथल जिले के कस्बे कलायत में 3 वर्ष के बाद फिर शुरू हुए जनता दरबार में महिला एवं बाल विकास मंत्री कमलेश ढांडा ने शुक्रवार को जनता से सीधा संवाद साधा। लोक निर्माण विश्राम गृह में उन अधिकारियों की जमकर क्लास ली जो जन समस्याओं का निवारण करने से दूरी बनाए हैं। जनता दरबार में विभिन्न मसलों को लेकर निरंतर तीन घंटे तक शिकायतों की झड़ी लगी रही।

जनता दरबार में महिला मंत्री को तब गुस्सा आया जब एक महिला कर्मचारी ने मोबाइल पर रोते हुए कैथल के बीडीपीओ भजनलाल पर अकारण सेवा मुक्त करने के आरोप लगाते हुए शिकायत की। मंत्री भावुक हो उठीं तो अधिकारी को फटकार लगाते मामले की जवाब-तलबी की। मंत्री के इस प्रकार के कड़े तेवर देखते हुए अधिकारी उनकी बहन जी कहने लगा। साथ ही यह तर्क भी दिया कि उनके आवासीय मूल इलाके में ऐसी बोली बोली जाती है। इस पर मंत्री ने तपाक से कहा कि बोली का क्या है, बात तो नियम और प्रोटोकाल से जुड़ी है। अधिकारियों की प्राथमिकता जनता की समस्याओं के निवारण की है न की डराने व धमकाने की।

वे स्पष्ट करें कि किन कारणों से नियमों के विरूद्ध जाकर महिला को पद मुक्त करने का भय दिखाया जा रहा है। इसी तरह जुलानी खेड़ा गांव में पंप आपरेटर कुलदीप सिंह को नियम को दरकिनार कर सेवा मुक्त करने का नोटिस जारी करने पर भी अधिकारी जवाब-तलबी की गई। जनता दरबार में गांव हरिपुरा के शिष्टमंडल ने वाल्मीकि चौपाल के सौंदर्यकरण का मुद्दा उठाया। उनकी शिकायत थी कि पंचायती राज के जेई जयवीर सिंह निर्माण कार्य शुरू नहीं करवा रहे हैं। जब भी इस संदर्भ में जानकारी मांगी जाती है तो उन्हें धमकाया जाता है। मंत्री ने तुरंत जेई को तलब किया। उन्होंने हिदायत दी कि अपने व्यवहार में सुधार करो वरना लिखकर दे दो मैं जनता का काम नहीं कर सकता।

जन समस्याओं के निपटान में देरी की तो होगी कार्रवाई: ढांडा

महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री कमलेश ढांडा ने कहा कि सरकार, प्रशासन का दायित्व उनके सामने पहुंची आमजन की समस्या का तत्काल निवारण करना है। इसके बाद भी यदि अधिकारी-कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से नहीं लेता तो कार्रवाई होगी। उन्होंने निर्देश दिए कि सरकारी कार्यालय में पहुंचने पर समस्या के निवारण को प्राथमिकता देनी चाहिए। जनता दरबार से गैर हाजिर रहने वाले अधिकारियों के कारण बताओ नोटिस जारी करने की हिदायत एसडीएम डा.संजय कुमार को दी।

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