उपलब्धि : हरियाणा के कलायत की बेटी पायल छाबड़ा इंडियन आर्मी में संभालेगी मेजर की कमान

हरिभूमि न्यूज. कलायत/कैथल
कलायत की बेटी डा.पायल छाबड़ा अब भारतीय सेना में मेजर की कमान संभालेगी। बुधवार को वे विश्व की सबसे ऊंचे क्षेत्र में स्थित खारदुंगला बायपास आर्मी अस्पताल से बतौर एमएस सर्जन अपना कार्य निपटाकर मुख्य नियुक्ति स्थल लेह लद्दाख में पहुंची थी। इस अहम ड्यूटी से लौटते ही सेना परंपरा अनुसार बृहस्पतिवार को कमांडिंग आफिसर कार्यालय में कमांडेंट बिग्रेडियर मुखर्जी और रजिस्ट्रार कर्नल विवेक ने डा.पायल को सम्मान के साथ मेजर पद के स्टार लगाए। अविवाहित बेटी की छोटी आयु में इस बड़ी गौरवशाली उपलब्धि से कलायत के साथ-साथ संपूर्ण जिला वासी उत्साहित हैं।
पिता डा.राजेंद्र छाबड़ा और माता डा.वीना ने बताया कि पायल शुरू से ही भारतीय सेना चिकित्सा कोर में सेवाएं देने का लक्ष्य रखे थी। हर वर्ष महिला वर्ग के लिए इस सेवा में 30 पदों का प्रावधान रखा जाता है। अपनी काबिलियत के बल पर 13 जनवरी 2021 में 18वें रैंक के साथ पायल सेना चिकित्सा कोर में चयनित हुई। उस दौरान वे करनाल स्थित कल्पना चावला मेडिकल कालेज में सीनियर रेजिडेंट के तौर पर तैनात थी। उल्लेखनीय है कि देश की सबसे ऊंचाई पर लेह लद्दाख में स्थित भारतीय सेना अस्पताल में वे इन दिनों कार्यरत हैं। इस तरह देश की सुरक्षा और मेडिकल क्षेत्र के दो फ्रंटों पर जांबाजी से अपने कर्तव्य का निर्वहन करती आई हैं।
डीसी प्रदीप दहिया ने भी बढ़ाया परिवार का हौसला
जिला कैथल के कलायत उप मंडल की बेटी डा.पायल को बेटे की तरह सुरक्षा के फ्रंट पर सेवा के प्रति प्रेरित करने पर उनकी माता डा.वीना छाबड़ा को उपायुक्त प्रदीप दहिया ने 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर जिला प्रशासन द्वारा आयोजित समारोह में सम्मान से नवाजा था। इस खास पल के साक्षी विभिन्न विभागों के अधिकारी और सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी बने थे। निरंतर कुशलता और बहादुरी का परिचय देते हुए मेजर की उपलब्धि हासिल कर जिला कैथल का नाम रोशन करने पर भी डीसी ने परिवार को बधाई दी है।
पाताल की गहराई और आकाश की ऊंचाई माप रही कलायत की बेटियां
कलायत इलाका महिला शिक्षा के क्षेत्र में मेवात की तरह पीछे रहा है। इस स्थिति को चुनौती पूर्ण मानते हुए 21 वी सदी के आगाज पर वर्ष 2000 में महिलाओं की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए 36 बिरादरी गंभीर हुई। इसके तहत श्री कपिल मुनि महिला कालेज की स्थापना हुई। सरकारी और निजी क्षेत्र में महिलाओं की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए व्यापक कदम उठाए गए। इन सांझे प्रयासों का ही परिणाम है कि अब कलायत क्षेत्र की बेटियां पाताल की गहराई और आकाश की ऊंचाई को माप रही हैं। मेजर डा.पायल छाबड़ा इस दिशा में एक बड़ा उदाहरण है।
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