Haryana: प्रॉपर्टी टैक्स बिल में बदल दिया मालिक का नाम, गार्बेज चार्जेज का भेजा 80 हजार का बिल

Haryana: प्रॉपर्टी टैक्स बिल में बदल दिया मालिक का नाम, गार्बेज चार्जेज का भेजा 80 हजार का बिल
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हरिभूमि न्यूज, हिसार: नगर निगम की तरफ से वितरित प्रॉपर्टी टैक्स बिल उपभोक्ताओं के लिए जी का जंजाल बन गए हैं। निगम अधिकारियों (Corporate Officers) और एजेंसी की लापरवाही के चलते अधिकांश बिलों में त्रुटियां मिल रही हैं। पढ़िए पूरी खबर...

हरिभूमि न्यूज, हिसार: नगर निगम द्वारा वितरित किए गए प्रॉपर्टी टैक्स बिल (Property Tax Bill) उपभोक्ताओं के जी का जंजाल बन गए है। जहां लापरवाही ऐसी है कि अधिकांश बिलों में निगम द्वारा की गई त्रुटियां देखने पर एक बार तो विश्वास ही नहीं होता कि किसी उपभोक्ता के साथ ऐसा भी हो सकता है।

शहर के सेक्टर 16 और 17 निवासी त्रिलोक बंसल (Trilok Bansal) के घर के टैक्स बिल में निगम द्वारा डिमांड किए गए 80 हजार 590 को लेकर पीड़ित उपभोक्ता त्रिलोक बंसल ने वकील विक्रमजीत मित्तल के माध्यम से नगर निगम के कमिश्नर व अभियंता अधिकारी को लीगल नोटिस (Legal Notice) भेजकर सही बिल भेजने को कहा है। त्रिलोक बंसल द्वारा भेजे गए नोटिस में कहा है कि उनके बिल में घर का मालिक नरेन्द्र व सुरेन्द्र को नया मालिक दशार्या गया है। वे आज भी असल मालिक हैं, उनका नाम पुराने ऑनर में दशार्या गया है। ऑनर के नाम के साथ ही प्रॉपर्टी आईडी भी बदल दी गई है। इतना ही नहीं, नियमानुसार 30 जुलाई की छूट के साथ उनका प्रॉपर्टी टैक्स मात्र 271 बनता है जबकि निगम ने उन्हें 80 हजार 590 रुपये का बिल थमा दिया है। बिल में कूड़ा निस्तारण के 80 हजार रुपये जोड़े गए हैं और टैक्स में पीछे का एरियर भी मांगा गया है जबकि पीड़ित उपभोक्ता का कहना है कि उनका मार्च 2022 तक का बिल क्लीयर है। उन्होंने यह बिल 12 मार्च 2022 को भरा था जिसकी रसीद उनके पास है।

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वहीं अधिवक्ता विक्रमजीत मित्तल (Vikramjit Mittal) ने लीगल नोटिस के माध्यम से कहा है कि उनके त्रिलोक बंसल के बिल में नगर निगम (Municipal Council) की यह बड़ी लापरवाही है जिसे ठीक करने के लिए उनके क्लाइंट को बार बार चक्कर लगाने पड रहे है। साथ में प्रॉपर्टी ओनरशिप संबंधित अनेक कागजात मांगे जा रहे हैं। नोटिस के माध्यम से उपभोक्ता को तुरंत प्रभाव से रिलीफ देकर बिल को ठीक करने की मांग की गई है। अगर ऐसा नहीं होता है तो मजबूरन उन्हें अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा।

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