हरियाणा मेें पंचायत चुनाव कई विभागों के लिए बने फायदे का सौदा, बिजली निगम काे मिली सबसे ज्यादा राशि

हरियाणा मेें पंचायत चुनाव कई विभागों के लिए बने फायदे का सौदा, बिजली निगम काे मिली सबसे ज्यादा राशि
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चुनावों के दौरान नो ड्यूज सर्टिफिकेट और एनओसी जैसी जरूरतों ने हरियाणा बिजली के उत्तरी और दक्षिण निगमों को फायदा कराया है, इसके अलावा भी चुनाव के बहाने ही सही कई विभागों का मोटा फायदा हुआ है।

चंडीगढ़। हरियाणा में कराए जा रहे पंचायत चुनाव भले लंबे इंतजार के बाद हो रहे हैं लेकिन इसका फायदा सीधे-सीधे ग्रामीण क्षेत्र की जनता को जनप्रतिनिधि मिल जाने के साथ ही मिलने जा रहा है। वहीं इसका दूसरा फायदा कईं विभागों को होने जा रहा है, क्योंकि चुुनाव के बहाने ही सही हरियाणा के कई विभागों के खजाने में काफी माल की प्राप्ति हुई है। चुनावों के दौरान नो ड्यूज सर्टिफिकेट और एनओसी जैसी जरूरतों ने हरियाणा बिजली के उत्तरी और दक्षिण निगमों को फायदा कराया है, इसके अलावा भी चुनाव के बहाने ही सही कई विभागों का मोटा फायदा हुआ है।

इनमें सबसे ज्यादा पैसा उत्तरी हरियाणा बिजली निगम को जमा कराया गया है। राशि दक्षिण बिजली निगम को भी बकाया राशि जमा कराने से फायदा हो रहा है लेकिन उत्तरी हरियाणा बिजली वितरण निगम के मुकाबले काफी कम मिली है। उत्तर में जहां अभी तक लगभग 7 करोड़ से ऊपर की राशि जमा हो चुकी हैं। इसके अलावा भी कई प्रकार के बकाया सहकारी बैंक सीवर पानी जमा कराने में ग्रामीण आगे रहे हैं। हरियाणा के 1.20 करोड़ मतदाता वैसे पंचायत चुनाव में भाग्य आजमाने वाले उम्मीदवारों का फैसला करने जा रहे हैं। हरियाणा में कुल 22 जिले और 143 ब्लॉक हैं, बढ़ते शहरीकरण ने काफी पंचायतों को निगल चुका है।

रविवार को पंचायत क्षेत्र में रहने वाले वोटरों ने चुनाव में भाग्य आजमा रहे पहले चरण के उम्मीदवारों तकदीर लिख दी है। चुनावों में दी गई अनिवार्य शर्तों और नामांकन के अनुसार सभी ने अपना अपना बकाया चुकता करके एनओसी लगाई है। राज्य सरकार के आला अफसरों का यह फार्मूला काफी कारगर सद्धि हुआ है,, हरियाणा बिजली निगम दक्षिणी और उत्तरी को बकाया राशि में अच्छी खासी राशि बिना कुछ किए मिल गई है। वरना बकाया वसूली के लिए कई प्रकार की योजना विभाग को लेकर आनी पड़ती है, साथ ही ग्रामीणों को बकाया जमा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है । प्रदेश के अंदर 411 जिला परिषद मेंबर बनते हैं क्योंकि 22 जिला परिषद हैं। कुल सीटों की बात करें तो 71682 और 14637 मतदान केंद्र हैं।

राज्य नर्विाचन आयोग की ओर से नोट यूज प्रमाण पत्र अनिवार्य किया गया है कोई भी नामांकन करने से पहले किसी भी प्रकार का बकाया ऋण और बकाया राशि चुकता करनी होगी। ऐसे में चुनाव का मजा चाहने वाले उम्मीदवारों को सबसे पहले अपना बकाया जमा करना पड़ता है। हरियाणा राज्य उत्तर बिजलीह वितरण निगम के साथ सर्किल से रिपोर्ट बकाया जमा करने संबंधी मिली है। अधिकारियों को उम्मीद है कि 15 करोड़ से ऊपर राशि पंचायत के तीनों चरणों में जमा हो जाएगी। कुल मिलाकर उत्तरी हरियाणा बिजली वितरण निगम में लगभग सात करोड़ से ज्यादा राशि विभाग को मिली है। इसमें यमुनानगर में सबसे ज्यादा राशि सवा दो करोड़ जमा हुई है। बाकी कुुरुक्षेत्र, अंबाला,, झज्जर, रोहतक, सोनीपत, कैथल में भी राशि जमा हुुई है। उत्तरी हरियाणा में 22 हजार से ज्यादा उपभोक्ता हैं। दक्षिण हरियाणा निगम में भी चार करोड़ से ऊपर राशि विभाग को मिली है। जिसमें जींद, भिवानी में एकड़ से ऊपर राशि जमा हुई है। जबकि सिरसा औऱ नूंह में भी पैसा जमा कराने वाले कम नहीं हैं। दक्षिण हरियाणा के आंकड़ों अभी और भी बढ़ने की उम्मीद विभाग को है। प्रदेश स्तर पर कईं सर्किल की ओर से उत्तर के सात सर्किल में कुछ ने अपडेट नहीं भेजा है। वहीं दक्षिण से भी इजाफा होगा।

घटती जा रहीं पंचायतें, हो रहा शहरीकरण

सूबे में एक दौर में पंचायतों की संख्या 7000 से ऊपर थी लेकिन धीरे-धीरे घट कर यह है 6220 पर सिमट गई है। राज्य के अंदर पंच के पद 61,993 हैं। वहीं दूसरी और सरपंच के 6220 प्रतिनिधि चुने जाएंगे 143 पंचायत समितियां हैं जबकि 3081 पंचायत समिति समिति के सदस्यों का चुनाव की जंग जारी है।

बकाया चुनाव के लिए नहीं बल्कि समय से जमा करें - दास

बिजली निगमों के चेयरमैन पीके दास का कहना है कि बात पंचायत चुनाव अथवा विधानसभा की नहीं है। बकाया राशि को समय रहते जमा करना चाहिए, हमने ग्रामीण क्षेत्रों में भी जगमग गांव की योजना के तहत बिजली आपूर्ति को सुधारा है। समय पर बकाया जमा कराने से ब्याज, सरचार्ज व कईं तरह की समस्या नहीं आती चुनाव के कारण भी काफी पैसा निगमों को मिला है। यह भी बेहतर बात है। लेकि मेरा मानना है कि जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी तो और ज्यादा है।

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