Haryana Panchayat Election : हरियाणा सरकार पंचायत चुनाव करवाने को तैयार, अब हाईकोर्ट में इस कारण अटका केस

हरियाणा के पंचायत चुनाव ( Haryana Panchayat Election ) में आरक्षण के प्रविधान के खिलाफ पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ( Punjab And Haryana High Court ) में दायर याचिकाओं पर सोमवार को याची पक्ष की तरफ से अपना पक्ष रखने के लिए समय देने की मांग की गई। इस पर हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई स्थगित कर दी। इस मामले में हरियाणा सरकार ने एक अर्जी दायर कर कहा है कि वह चुनाव कराने को तैयार है, लिहाजा हाईकोर्ट इसके लिए इजाजत दे। हाईकोर्ट ने सरकार की इस अर्जी पर याचिकाकर्ताओं को अपना रखने का आदेश दिया था। लेकिन सोमवार को याची पक्ष की तरफ से जवाब दायर नहीं किया गया।
हरियाणा सरकार ने दायर अर्जी में कहा है कि 23 फरवरी को ही पंचायतों का कार्यकाल ख़त्म हो चूका है। पंचायती राज एक्ट के दूसरे संशोधन के कुछ प्रविधान को हाई कोर्ट में करीब 13 याचिकाएं दायर कर चुनौती दी हुई है। पहले कोरोना के कहर के चलते सरकार ने यह चुनाव नहीं करवाने का हाईकोर्ट को आश्वासन दिया था। अब हालात बेहतर हो चुके हैं, बावजूद इसके अभी सरकार ने चुनाव को लेकर कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं की है।
याचिकाकर्ता ने राज्य के पंचायत विभाग द्वारा 15 अप्रैल को अधिसूचित हरियाणा पंचायती राज (द्वितीय संशोधन) अधिनियम 2020 को भेदभावपूर्ण और असंवैधानिक बताते हुए रद्द किए जाने की हाईकोर्ट से मांग की हुई है। हाईकोर्ट को बताया जा चुका है कि इस संशोधन के तहत की गई नोटिफिकेशन के तहत पंचायती राज में 8 प्रतिशत सीटें बीसी-ए वर्ग के लिए आरक्षित की गई है और यह तय किया गया है कि न्यूनतम सीटें 2 से कम नहीं होनी चाहिए। याचिकाकर्ता के अनुसार यह दोनों ही एक दूसरे के विपरीत है क्योंकि हरियाणा में 8 प्रतिशत के अनुसार सिर्फ छह जिले हैं, जहां 2 सीटें आरक्षण के लिए निकलती हैं। अन्यथा 18 जिले में सिर्फ 1 सीट आरक्षित की जानी है। जबकि सरकार ने 15 अप्रैल की नोटिफिकेशन के जरिए सभी जिलों में बीसी-ए वर्ग के लिए 2 सीटें आरक्षित की हैं जो कानूनन गलत है।
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