हरियाणा पंचायत चुनाव जल्द ! सभी जिला निर्वाचन अधिकारी पंचायत को वोटर लिस्ट तैयार करने के आदेश

अमरजीत एस गिल : रोहतक
निर्धारित पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद चौदह महीने पहले फरवरी 2021 में सरकार ने पंचायती राज संस्थाओं को भंग कर दिया। अगला आम चुनाव कब होगा, यह अभी तक तय नहीं है। क्योंकि हरियाणा पंचायती राज (द्वितीय संशोधन ) अधिनियम 2020 में तय किए गए आरक्षण को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। मामले की अगली सुनवाई 29 अप्रैल को होनी है। लेकिन उससे पहले राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रदेश के सभी जिला निर्वाचन अधिकारी पंचायत को पत्र भेजकर वोटर लिस्ट अपडेट करने को कहा है। जिला निर्वाचन अधिकारी पंचायत विधानसभा सूचियों के आधार पर पंचायत की मतदाता सूची तैयार करता है। वोटर लिस्ट अपडेट करने से पूर्व बकायदा शेड्यूल जारी किया जाता है। इसमें 30-35 दिन लगते हैं।
आरक्षण के फार्मूले को लेकर पेंच फंसा
राज्य सरकार ने पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण व्यवस्था और कई दूसरे नए प्रावधान करे करने के लिए हरियाणा पंचायती राज (द्वितीय संशोधन) अधिनियम 2020 पारित किया था। महिला आरक्षण के लिए ओड-इवन का फार्मूला अपनाकर सीट तय की जानी हैं। लेकिन इससे पहले ही ग्राम पंचायतों की दो पूर्व सदस्यों कैलाश बाई और स्नेह लता ने अधिनियम 2020 को हाईकोर्ट में चुनौती दे दी। दोनों महिलाओं के वकील ने अदालत में कहा कि पंचायत की सीटों में महिला उम्मीदवारों के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान उनके पुरुष समकक्षों के विरुद्ध भेदभावपूर्ण है। मामला कोर्ट में विचारधीन होने के वजह से पंचायत के छठे आम चुनाव नहीं हो पा रहे हैं। बताया जा रहा है कि न्यायालय में नए अधिनियम को लेकर अब काफी याचिकाएं दायर की जा चुकी हैं।
विकास कार्य प्रभािवत
23 फरवरी को ग्राम पंचायतों का कार्यकाल पूरा होने के बाद सरकार ने ग्राम पंचायत का प्रशासक संबंधित खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी को नियुक्त कर दिया। इसके बाद से ही गांव में विकास कार्य रूके पड़े हैं। कई गांवों में तो स्थिति बहुत अधिक बिगड़ गई है। ठीक से सफाई भी नहीं हो पा रही है। सबसे ज्यादा दिक्कतें उन गांव में हैं, जहां चुने हुए प्रतिनिधियों ने विकास कार्य शुरू करवाए थे। लेकिन अब उनकी गैर मौजूदगी में विकास कार्य पर प्रश्न चिह्न लगे हुए हैं।
योग्यता का मामला भी अदालत में पहुंचा था
वर्ष 2015 में भी सरकार ने हरियाणा पंचायती राज एक्ट में संशोधन करके चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की योग्यता निर्धारित की थी। इसके खिलाफ भी मामला सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा था। जिसकी वजह से चुनाव में सात-आठ महीने की देरी उस समय हुई थी। लेकिन अबकी बार तो यह लेट-लतीफी 14 महीने फिलहाल तक हो चुकी है। अभी और कितनी देरी होगी कुछ नहीं कहा नहीं जा सकता। वर्ष 2016 में जनवरी में पांचवा आम चुनाव करवाया गया। इसके बाद फरवरी में नव-निर्वाचित प्रतिनिधियों ने शपथ लेकर कार्यभार सम्भाला था। इस हिसाब से फरवरी 2021 में निर्धारित पांच साल का कार्यकाल पूरा होने किे बाद पंचायती राज संस्थाओं को भंग कर दिया गया।
विधानसभा क्षेत्रों की वोटर लिस्ट मंगवाई जाएंगी
राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देश पर जल्द ही इलेक्शन कार्यालय से विधानसभा की वोटर लिस्ट मंगवाई जाएंगी। ताकि पंचायतों की मतदाता सूची तैयार करने की प्रक्रिया शुरू करवाई जा सके। - जितेंद्र लाठर, सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी पंचायत
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