संपत्ति क्षति वसूली कानून पर हरियाणा की राजनीति में आया उबाल

विधानसभा में संपत्ति क्षति वसूली विधेयक पास होने पर हरियाणा की राजनीति में उबाल आ गया है। विपक्षी नेताओं ने इस विधेयक को लोकतंत्र का गला घोंटने वाला बताया है। वहीं गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने इस पर कहा कि लोगों की संपत्ति की सुरक्षा के साथ-साथ सरकार की संपत्ति की रक्षा करना सरकार का फर्ज है। विज ने बिल के पास होने पर रणदीप सुरजेवाला द्वारा सरकार को डरजीवी कहने को लेकर सुरजेवाला पर गृहमंत्री ने निशाना साधा है।
अनिल विज ने कहा कि भारत एक प्रजातांत्रिक देश है और प्रजातांत्रिक देश मे भिन्न-भिन्न विचारधाराओं के संगठन और राजनीतिक पार्टियां हो सकती हैं, वो अपने विचारधाराओं को दर्शाने के लिए समय-समय पर आंदोलन कर सकते हैं। अनिल विज ने कहा कि हम उनके खिलाफ नहीं है। प्रजातंत्र में उनको ये अधिकार दिया है लेकिन पिछले कुछ समय से ये देखने मे आया कि इन शांतिपूर्ण आंदोलनों की आड़ मे कुछ लोग सरकारी संपत्ति को या लोगों की निजी संपत्ति को नुकसान पुहंचाने की कोशिश करते हैं। समय-समय पर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध मे चिंता भी जाहिर की है। प्रदेशभर में लोगों सामाजिक संगठनों की मांग रही है कि लोग धरने-प्रदर्शन के लिए हमारी दुकानें, घर और दफ्तर क्यों जलाते हैं? इसलिए सरकार प्रदेश में लोगों की संपत्ति की सुरक्षा के लिए इस बिल को लाए हैं।
संपत्ति क्षति वसूली विधेयक लोकतंत्र का गला घोंटने वाला : सैलजा
हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष सैलजा ने कहा कि हरियाणा विधानसभा में लाया गया संपत्ति क्षति वसूली विधेयक लोकतंत्र का गला घोंटने वाला है। इस विधेयक के जरिए सरकार लोगों की आवाज को दबाना चाहती है। इस विधेयक को लाकर सरकार द्वारा किसान आंदोलन को दबाने की साजिश रची गई है। हमारे पास पहले ही प्रयाप्त कानून हैं लेकिन सरकार भय का वातावरण बनाना चाहती है। आंदोलन करना देश के हर नागरिक का मूल अधिकार है, परंतु यह सरकार उसे छीनना चाहती है। यह बातें सैलजा ने गुरुग्राम के राजीव चौंक पर कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों को समर्थन देने के दौरान कहीं।
संपत्ति क्षति वसूली कानून' लोकतंत्र का हत्यारा कानून : दीपेंद्र सिंह
सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने हरियाणा सरकार द्वारा विधानसभा में पारित 'संपत्ति क्षति वसूली विधेयक-2021' पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि 'संपत्ति क्षति वसूली कानून' लोकतंत्र का हत्यारा कानून साबित होगा। इसके जरिये सरकार की मंशा सरकार के खिलाफ उठने वाली हर आवाज को दबाने और आम आदमी को भयभीत करने की है। उन्होंने मांग करी कि ये असंवैधानिक कानून तुरंत वापिस हो। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण धरने व प्रदर्शन करना हर नागरिक का मौलिक अधिकार है। उन्होंने तंज कसा कि ये वही सरकार है जो खुद सड़कें खुदवा कर, अपने कार्यकर्ताओं से शांतिपूर्ण धरनों पर पथराव करवाके देश की संपत्ति का नुकसान क़रती है। दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि सारे देश का पेट भरने वाला किसान और सीमा पर छाती तानकर देश की रक्षा करने वाला जवान देश की बहुमूल्य संपत्ति हैं। किसान आंदोलन में 300 से ज्यादा किसानों की जान चली गयी, जिसके लिये पूरी तरह से सरकार जिम्मेदार है। सरकार बताए कि इसकी भरपाई कौन करेगा?
कालका और एलनाबाद दोनों जगह से चुनाव लड़ेंगे: अभय चौटाला
इनेलो के वरष्ठि नेता और पूर्व विधायक अभय चौटाला ने संपत्ति क्षति विधेयक को लेकर विरोध जताया है। अभय चौटाला ने कहा कि कोई भी आंदोलन हिंसक नहीं होता आंदोलन को हिंसक सत्ता में बैठे लोग करते हैं। उन्होंने कहा कि असल में तो यह कानून भाजपा पर लागू होना चाहिए जिसने आंदोलनकारियों को रोकने के लिए नेशनल हाइवे खुदवा दिए थे। निंदा प्रस्ताव पर पूछे सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता ने भाजपा गठबंधन को चुनकर सत्ता में बिठाया था लेकिन ये उनकी उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे इसलिए निंदा प्रस्ताव भी सरकार को खुद के खिलाफ लेकर आना चाहिए था।
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