पंजाब सरकार के पराली प्रबंधन के दावे हुए फेल, नासा ने आईना दिखा दिया

- नासा की आधिकारिक वेबसाइट की सेटैलाईट इमेज ने खोली पंजाब सरकार की पोल
- नासा की वेबसाइट में हरियाणा से दोगुने से भी ज़्यादा दिखे पराली के केस, पंजाब से आधे से भी कम हरियाणा में एक्टिव फ़ायर के केस
- दिल्ली सरकार से लेकर पंजाब सरकार केवल दूसरे राज्यों पर करते हैं आरोप प्रत्यारोप
Haryana : नई दिल्ली में प्रदूषण के लिए हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं के लिए जिम्मेदार ठहराने का आरोप लगाने वाली दिल्ली व पंजाब सरकार को नासा ने आईना दिखा दिया। पराली प्रबंधन के पंजाब सरकार के दावे पूरी तरह से फेल हो चुके हैं। नासा की आधिकारिक वेबसाइट पर जारी सेटैलाईट इमेज ने पंजाब सरकार की पोल खोलकर रख दी है।
नई दिल्ली में प्रदूषण के लिए दिल्ली व पंजाब सरकार हमेशा हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं को कारण बताते हुए यहां के किसानों को जिम्मेदार ठहराती है। जबकि वास्तविक्ता तो यह है कि नासा की आधिकारिक वेबसाइट पर सेटैलाईट इमेज ने पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं की असलियत बयां कर दी है। नासा की वेबसाइट में पराली जलाने के मामले पंजाब में हरियाणा से दोगुने से भी ज़्यादा दिखाई दे रहे हैं। जबकि हरियाणा में एक्टिव फायर के केस पंजाब से आधे से भी कम हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के निर्देशानुसार किसानों को पराली न जलाने के लिए लगातार जागरूक किया जा रहा है और किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के लिए अनुदान पर उपकरण उपलब्ध करवाए जा रहे हैं।
पंजाब सरकार लगातार पंजाब में कम पराली जलाने का दावा करती है और दिल्ली सरकार भी हरियाणा पर ज्यादा पराली जलाने का आरोप लगाती रही है, जो पूरी तरह निराधार है। इसकी पुष्टि नासा वेबसाइट पर सेटैलाईट इमेज से भी हो चुकी है। पंजाब में लगातार पराली जलाने के मामले बढ़ रहे हैं। पंजाब सरकार को आरोप-प्रत्यारोप करने की बजाय अपने राज्य में पराली जलाने की घटनाओं को कम करने पर ध्यान देना चाहिए। इसके लिए पंजाब सरकार हरियाणा की नीतियों व किसानों को दिए जाने वाले अनुदान का अनुसरण करते हुए अपने राज्य में किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के प्रति जागरूक करें।
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