Students News : शिक्षण संस्थानों द्वारा पास के रूप में दी गई चिट पर की कटिंग बसों में मान्य नहीं, बिना टिकट माना जाएगा

जींद। कई शिक्षण संस्थान विद्यार्थियों से पास के रुपये लेकर उन्हें चिट बना कर देते हैं। ऐसे में विद्यार्थी कई बार चिट का दुरूपयोग कर लेते हैं। जिसमें कटिंग करना या दूसरे साथी को चिट देना शामिल है। यदि इस प्रकार का कोई विद्यार्थी बस में यात्रा करते हुए पाया जाता है तो उसे बिना टिकट माना जाएगा और उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। इसके अतिरिक्त यह भी देखने में आया है कि कुछ विद्यार्थी पास पर गांव का नाम बदल लेना, तारीख में कटिंग कर देना, दूसरों को सफर करने के लिए पास दे देते हैं जो गैर कानूनी है। यदि इस प्रकार त्रुटि करके विद्यार्थी करते हुए पाया गया तो उसे भी बिना टिकट समझा जाएगा। यदि किसी पास पर शिक्षण संस्थान द्वारा कटिंग कर दी गई हो तो वह कटिंग परिवहन विभाग से सत्यापित होने के बाद ही मान्य मानी जाएगी।
प्रतिदिन पांच हजार से अधिक छात्र करते हैं बसों में सफर
ग्रामीण क्षेत्र से विभिन्न गांव से लगभग पांच हजार विद्यार्थी शहर के विभिन्न शिक्षण संस्थानों में पढ़ने आते हैं। विद्यार्थियों की सुविधा के लिए परिवहन विभाग द्वारा रियायती पास मुहैया करवाए जाते हैं। वहीं छात्राओं को रोडवेज व प्राइवेट बस में मुफ्त यात्रा करने का प्रावधान है लेकिन कुछ विद्यार्थी अपने दोस्तों के बस पास पर ही यात्रा करने का प्रयास करते हैं। ऐसे विद्यार्थियों को पकड़ने के लिए फ्लाइंग टीम लगातार बसों की चेकिंग करती रहती है।
छात्र के पास मिली कटिंग चिट तो समझा जाएगा बिना टिकट के : जीएम
जींद डिपो के महाप्रबंधक अशोक कौशिक ने बताया कि अगर कोई विद्यार्थी चिट पर कटिंग करते सफर करते हुए पाया गया तो उसे बिना टिकट माना जाएगा और उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। शिक्षण संस्थानों द्वारा पास के रूप में दी गई चिट पर कटिंग मान्य नहीं होगी। विद्यार्थियों को चाहिए कि वह समय पर अपना पास बनवाएं और परिवहन विभाग द्वारा दी जाने वाले रियायती सुविधा का लाभ लें। जींद डिपो के महाप्रबंधक अशोक कौशिक।
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