पाकिस्तान की फायरिंग में हरियाणा का जवान निर्मल सिंह शहीद, सीएम मनोहर लाल ने जताया शोक

पाकिस्तान की फायरिंग में हरियाणा का जवान निर्मल सिंह शहीद, सीएम मनोहर लाल ने जताया शोक
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प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने ट्वीट कर कहा जम्मू-कश्मीर के पुंछ में पाकिस्तान की ओर से किए गए कायराना हमले में शहीद हुए अम्बाला के गांव जनसुई के हवलदार निर्मल सिंह जी को भावभीनी श्रद्धांजलि।

अंबाला : पाकिस्तान की ओर से हुई फायरिंग में हरियाणा के अंबाला जिले के गांव जनसुई के हवलदार निर्मल सिंह शहीद हो गए। उनके शहीद होने की सूचना जैसे ही गांव और परिवार वालों को मिली वैसे ही पूरे परिवार और गांव वालों को झकझोर दिया है। परिवार सहित पूरा गांव शोक में डूबा है। वहीं मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी शोक जताया है।

निर्मल सिंह का शुक्रवार को उनके पैतृक गांव में पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। गांव के लोगों के साथ-साथ आस-पास के गांवो के भारी संख्या में लोगों ने शहीद निर्मल सिंह को अश्रूपूर्ण विदाई दी। विधायक असीम गोयल, डी.सी. अशोक कुमार, विधायक असीम गोयल, मेयर शक्ति रानी शर्मा, एसपी हामिद अख्तर व अन्य लोगों ने शहीद के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र व पुष्पांजलि चढ़ाकर श्रद्धांजली दी। दाह संस्कार के समय आर्मी की टुकड़ी ने हथियार उल्टे करके, मातमी धुन बजाकर और हवा में गोलिया दागकर शहीद को सलामी दी।

शहीद निर्मल सिंह का जन्म गांव जनसुई मे हुआ। उनके दादाजी भी सेना से रिटायर्ड थे। उनकी प्रेरण से निर्मल सिंह वर्ष 2003 में दसवीं जम्मू कश्मीर राइफल में भर्ती हुए। उन्होंने कईं स्थानों पर तथा अग्रिम चौकियों पर रहकर देश की सेवा करते हुए दुश्मनों को छकाया और गत दिवस पाकिस्तान के साथ हुई गोलीबारी में पुंछ क्षेत्र में देश के लिए शहीद हो गए। जैसे ही शहीद का पार्थिव शरीर गांव पंहुचा, गांव के बाहरी क्षेत्र से ही भारी संख्या में लोग मौजूद रहे। सेना की गाड़ी में शहीद का पार्थिव शरीर घर तक लाया गया। सेना के वाहन के आगे सैंकड़ों की संख्या में लोग तिरंगा लिए पाकिस्तान मुदार्बाद, हिन्दुस्तान जिंदाबाद के नारे लगा रहे थेे। शहीद निर्मल सिंह अमर रहे, का नारा भी गुंजायमान हो रहा था।

मौके पर उपस्थित सेना के अधिकारियों ने बताया कि भारत-पाक सीमा पर जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिला के कृष्णा सैक्टर में भारत-पाक सीमा पर पाकिस्तान ने सीज फायर कर उल्लंघन किया था जिसके चलते हवलदार निर्मल सिंह को गोली लगने से वह घायल हो गए थे और बाद में अस्पताल में उनकी मृत्यु हो गई थी। पार्थिक शरीर को हवाई मार्ग के माध्यम से रजौरी से वायु स्टेशन अम्बाला छावनी लाया गया। यहां से आर्मी के वाहन के माध्यम से पार्थिव शरीर को उनके घर तक लाया गया। गांव के प्रवेश द्वार पर सैकडों युवाओं ने मोटर साइकिल व भारत के तिरंगे के साथ हिन्दुस्तान जिंदाबाद , जब तक सूरज-चांद रहेगा, निर्मल तेरा नाम रहेगा के नारे लगाते हुए व गांव वासियों ने पुष्प वर्षा करते हुए निर्मल सिंह की शहादत पर उन्हें नमन किया। शहीद हवलदार निर्मल सिंह की माता भजन कौर ने बताया कि उन्हें अपने बेटे पर गर्व है, ऐसे बेटे सभी माताओं को मिलने चाहिए, देश की सेवा करने का जजबा उसमें बचपन से ही था। हवलदार निर्मल सिंह को फौज में भर्ती होने की प्रेरणा अपने दादा भगवान सिंह से मिली थी। वर्ष 2003 में निर्मल सिंह आर्मी में भर्ती हुआ था तथा वह बड़ा ही जोशीला था। देश सेवा का जुनून उसमें भरा हुआ था, साथियों का कहना है कि साथी के जाने से यूनिट को भी भारी क्षति हुई है।

यहां बता दें कि बीते कल निर्मल सिंह की मृत्यु की खबर उनके परिजनों को मिली थी। उनका पार्थिव शरीर आज पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनके घर से शमशान घाट तक लाया गया। यहां पर शहीद निर्मल सिंह के 4 वर्षीय बेटे वंशदीप सिंह ने पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी। हवलदार निर्मल सिंह अपने पीछे अपनी माता भजन कौर, पत्नी गुरविन्द्र कौर, 9 वर्षीय बेटी हरमनदीप कौर, 4 वर्षीय बेटा वंशदीप तथा अपने छोटे भाई के साथ-साथ अपनी तीन बहनों को छोड़ गए हैं। हवलदार निर्मल सिंह के पिता त्रिलोक सिंह की कई वर्ष पहले मृत्यु हो चुकी है।

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