Sonipat: खाली प्लॉट में दिखा दी करोड़ों रुपये की फैक्टरी, आरोपित गिरफ्तार, अदालत में किया पेश

Sonipat: खाली प्लॉट में दिखा दी करोड़ों रुपये की फैक्टरी, आरोपित गिरफ्तार, अदालत में किया पेश
X
हरियाणा के सोनीपत जिले से धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया है। स्टेट इंडस्ट्रियल एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कारपोरेशन कुंडली में हुए गड़बड़झाले के खुलासे के बाद पुलिस ने आरोपित फैक्ट्री मालिक को गिरफ्तार कर लिया है।

हरिभूमि न्यूज. सोनीपत: हरियाणा स्टेट इंडस्ट्रियल एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कारपोरेशन (एचएसआइआइडीसी) कुंडली में हुए गड़बड़झाले के खुलासे के बाद अब पुलिस ने आरोपित फैक्ट्री मालिक को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपित ने अधिकारियों से मिलकर खाली प्लाट में 30 करोड़ से ज्यादा की परियोजना वाली फैक्ट्री चालू दिखा दी थी। बिना बिजली, बिना पानी, बिना मशीन और कच्चा माल के फैक्ट्री को संचालित दिखा दिया गया था। मुख्यमंत्री उडऩदस्ता की टीम ने जांच कर फर्जीवाड़े से पर्दा उठाया था। पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए आरोपित जतिन पाल को गिरफ्तार किया है। आरोपित को अदालत में पेश किया। जहां से उसे दो दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा है।

सेक्टर-नौ के रहने वाले लक्ष्मण सिंह ने मुख्यमंत्री उडऩदस्ता को भेजी शिकायत में बताया था कि कुंडली एचएसआइआइडीसी औद्योगिक एस्टेट के फेज-पांच में प्लाट नंबर 107 को लेकर भारी अनियमितताएं बरती गई हैं। यह प्लाट करीब 4050 स्क्वायर मीटर का है। एल्डिमा एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड नाम की एक फर्म के शेयरधारकों ने यह प्लाट प्रतिष्ठित श्रेणी के तहत खरीदा था। प्रतिष्ठित श्रेणी के तहत खरीदा गया प्लाट सीधे तौर पर अलाट होता है। यह ड्रा के आधार पर अलाट नहीं किया जाता। शर्त यह होती है कि इसमें निर्धारित समय के भीतर कम से कम 30 करोड़ रुपये की लागत से परियोजना शुरू करनी होती है। इस प्लाट का मुख्यमंत्री उडऩदस्ता की टीम ने निरीक्षण किया तो हर बार गेट पर ताला लगा मिला था। उडऩदस्ता टीम ने गहराई से जांच शुरू थी और एचएसआइआइडीसी कुंडली के अधिकारियों से इस फैक्ट्री का पूरा रिकार्ड मांगा था।

मुख्यमंत्री उडऩदस्ता की टीम के एसआइ सुरेंद्र व कृष्ण की जांच में सामने आया कि यह प्लाट वर्ष 2012 में करीब सात हजार रुपये प्रति स्केयर मीटर के हिसाब से नैंसी क्राफ्टस को अलाट हुआ था, लेकिन वर्ष 2017 में फर्म का नाम बदलकर एल्डिमा एक्सपोर्टस रख लिया गया। प्लाट को डीटीपी एचएसआइआइडीसी कुंडली ने व्वसायिक प्रमाण पत्र जारी कर दिया, जबकि एलए रोबिन भाटला व मैनेजर जोगेंद्र सिंह ने मौका निरीक्षण करते हुए इस प्लाट में साढ़े छह करोड़ से ज्यादा का प्लांट व मशीनरी लगी दिखाई थी। यही नहीं, वर्ष 2019 में प्लाट का प्रतिष्ठित से सामान्य श्रेणी में बदल दिया गया। बाद में पता लगा था कि कच्चे माल के बिल से लेकर जीएसटी नंबर तक फर्जी दशार्या गया। बिजली कनेक्शन भी फर्जी दशार्या गया था। फर्म ने किसी अन्य जगह के प्रोजेक्ट शुरू होने के फोटो खींचकर लगा दिए थे। मामले में एचएसआइआइडीसी के अतिरिक्त जीएम विनीत भाटिया, रोबिन भाटला, जोगेंद्र सिंह, सीए राहुल देव, फैक्ट्री मालिक जतिनपाल सिंह, बलविंद्र कौर आदि के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।


Tags

Next Story