Commonwealth Games की तैयारी में जुटा हरियाणा खेल विभाग, कुश्ती और शूटिंग के खिलाड़ी निराश, जानिए कारण

योगेंद्र शर्मा : चंडीगढ़
हरियाणा का खेल विभाग राष्ट्रमंडल खेलों 2022 ( Commonwealth Games 2022 ) को लेकर तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटा हुआ है। काफी खेलों में चयन प्रक्रिया पूरी कर ली गई है, कुछ में बाकी है जिसको जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। वैसे, इस बार खेल मंत्री संदीप सिंह की अध्यक्षता में छह सदस्यों का दल इंग्लैंड ( बर्मिंघम ) जाएगा। दूसरी तरफ इस बार कुश्ती और शूटिंग इसमें शामिल नहीं होने के कारण दोनों ही खेलों में नाम कमाने वाले नामवर खिलाड़ियों में निराशा व्याप्त है, इस बार ना सही लेकिन अगली बार दोनों गेम शामिल होने की बात कही जा रही है। खेल विभाग निदेशक आईपीएस पंकज नैन ने राष्ट्रमंडल खेलों को लेकर तैयारी की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि खेलों को लेकर खेल मंत्री संदीप सिंह की अध्यक्षता में छह सदस्यों का दल जाएगा।
यह भी उल्लेखनीय है कि राष्ट्रमंडल खेल 2022 बर्मिंघम, इंग्लैंड में आयोजित होने हैं। इस बार के 6 लोगों के प्रतिनिधिमंडल में मंत्री, विभाग निदेशक और अन्य चार को जाना है। जिसको लेकर तैयारी की जा रही है। 22 जुलाई से लेकर 6 अगस्त तक राष्ट्रमंडल खेलों 2022 इंग्लैंड में आयोजित किए जाने की तैयारी पूर्ण हो चुकी है। हरियाणा की ओर से प्रतिनिधिमंडल में खेल मंत्री, अतिरिक्त मुख्य सचिव खेल विभाग महावीर सिंह, डायरेक्टर और 3 अन्य लोगों के नाम शामिल हैं। प्रतिनिधि मंडल के हरियाणा से 28 जुलाई को जाने का कार्यक्रम है।
आईपीएस नैन को लेकर गृहमंत्री ने जताई आपत्ति
खेल विभाग निदेशक आईपीएस पंकज नैन क्योंकि गृह विभाग से हैं, इसीलिए उनकी फाइल हरियाणा गृह विभाग के पास में परमिशन के लिए भेजी गई थी। बताया गया है कि गृह मंत्री ने इस पर आपत्ति जताई है। यहां पर यह भी बता दें कि हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज पहले भी आईपीएस अफसरों को को नान काडर पोस्टों पर लगाए जाने पर आपत्ति कर चुके हैं। विज का कहना है कि पुलिस अधिकारियों को पुलिस विभाग में रहकर काम करना चाहिए। अनिल विज इस बाबत मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पत्र लिखकर आपत्ति जाहिर कर चुके हैं।
पहलवानों और शूटिंग वालों को निराशा
राष्ट्रमंडल खेलों में कुश्ती और शूटिंग को बाहर कर दिए जाने से नामवर खिलाड़ियों में निराशा व्याप्त है। इस बार, तो उम्मीद नहीं लेकिन आने वाले समय में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों में इन्हें शामिल किए जाने की उम्मीद है। वैसे, कुश्ती में नाम कमाने वाले खिलाड़ियों खासकर हरियाणा के पहलवानों को बहुत बड़ा झटका लगा है। फैसले से पहलवान और कोच बहुत ज्यादा नाराज दिखाई दे रहे हैं। पहलवानों का कहना है कि कुश्ती हरियाणा की शान है, जो पहलवानों के रग-रग में बसी हुई है। सभी पहलवानों में कुश्ती का जुनून है और इसको बाहर करने से पहलवानों पर बहुत ज्यादा असर पड़ेगा. वहीं सभी ने केंद्र सरकार से आवाज उठाने की अपील भी की है।
कुश्ती को राष्ट्रमंडल खेलों से बाहर किए जाने पर खिलाड़ियों का कहना है कि राष्ट्रमंडल खेलों में कुश्ती में पहलवान बहुत अच्छा प्रदर्शन करते हैं। राष्ट्रमंडल खेलों से लेकर एशियन गेम्स, ओलंपिक तक में हरियाणा ने लोहा मनवा चुके हैं। कुश्ती को इन खेलों से बाहर किए जाने से हरियाणा के पहलवानों का बहुत बड़ा नुकसान हो रहा है, यह भविष्य में नहीं हो इस दिशा में गंभीर प्रयास करने चाहिए। वहीं पहलवानों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता कोई भी हो कुश्ती के खेल में ही सबसे ज्यादा पदक हरियाणा ने जीते हैं। हरियाणा के पहलवानों में एक जुनून भी है।द इसी के तहत अभी तक के सबसे ज्यादा पदक कुश्ती में ही आए हैं।
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