Solar Pump लगाने में हरियाणा टॉपर : सोलर वाटर पंप में बदले जाएंगे बिजली के ट्यूबवेल, CM खट्टर ने दिए ये निर्देश

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा उत्थान महाभियान ( पीएम कुसुम ) के तहत सूक्ष्म सिंचाई को बढ़ावा देने में हरियाणा सोलर वाटर पम्पों के संचालन के साथ देश का अग्रणीय राज्य बन गया है। मुख्यमंत्री ने चण्डीगढ में प्रतीकात्मक उद्घाटन कर किसानों को सोलर पंप प्रदान किए। इन पंपों पर सरकार 75 प्रतिशत सब्सिडी दे रही है। इस मौके पर सौर ऊर्जा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले व्यक्तियों को भी सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने सोलर वाटर पम्पिंग प्रोग्राम की पुस्तिका तथा किसानों के लिए उपयोगिता पुस्तिका का विमोचन भी किया। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में 50 हॉर्स पावर से कम बिजली के ट्यूबवेल, जो खेती के लिए उपयोग में लिए जा रहे हैं, उन्हें सौर ऊर्जा में बदलने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने सौर पम्प लगाने वाली हिसार की महिला किसान कृष्णा व त्रिलोक सिंह व नूहं से शशी आहूजा व ईसाक खान से संवाद किया और उनसे योजना के बारे में विस्तार से जानकारी ली। बातचीत के दौरान किसानों ने मुख्यमंत्री को अवगत करवाया कि उन्हें केवल 25 प्रतिशत राशि ही खर्च करनी पड़ी है, शेष राशि सरकार की ओर से उपलब्ध करवाई गई है। मुख्यमंत्री ने उपायुक्तों को निर्देश दिए कि वे सूक्ष्म सिंचाई योजना को बढावा देने के लिए विशेष अभियान चलाएं और सरकार की हर खेत को पानी देने की योजना को लोगों तक पहुंचाए। उन्होंने कहा कि लोगों को खुली सिंचाई की बजाय सूक्ष्म सिंचाई, टपका सिंचाई या फव्वारा सिंचाई या सामुदायिक तालाबों से सिंचाई की परियोजना अपनाने के प्रति अधिक से अधिक जागरूक करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नव एवं नवीकरणीय ऊर्जा प्रणाली अपनाने से एक पंथ-कई काज वाली कहावत चरितार्थ होती है। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा के क्षेत्र में आज से 7 वर्ष पहले न के बराबर कार्य था। केवल 492 सोलर पम्प ही लगवाए गए थे। वर्तमान सरकार ने इसे गम्भीरता से लिया और सौर ऊर्जा को बढावा देने का रोड़ मैप तैयार किया। इसके पहले चरण में 50 हजार सोलर पम्प सेट लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। सभी सरकारी भवनों पर सौर ऊर्जा प्रणाली अनिवार्य रुप से लगाई गई है ताकि वहां की ऊर्जा की आवश्यकता पूरी हो सके और अतिरिक्त ऊर्जा को ग्रिड में दिया जा सके।
उन्होंने कहा कि हरियाणा सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा व पन बिजली परियोजनाएं अधिक से अधिक संचालित करने की ओर बढ रहा है। उन्होंने कहा कि भौगोलिक दृष्टि से हरियाणा देश का ऐसा राज्य है जहां वर्ष के दौरान 320 दिन सूर्य की रोशनी अधिक मिलती है, जो सौर ऊर्जा का प्राकृतिक स्त्रोत है। उन्होंने कहा कि गुजरात के बाद हरियाणा देश का दूसरा राज्य है जिसने सौर ऊर्जा को बढ़ावा दिया है। हरियाणा के लिए यह भी खुशी का पल है कि अंतरराष्ट्रीय सौर ऊर्जा एप्लीकेशन का मुख्यालय भी गुरुग्राम में है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कृषि योग्य लगभग 80 लाख एकड़ भूमि है। इसमें से 75 प्रतिशत क्षेत्र में सिंचाई हो पाती है। शेष भूमि पर सिंचाई के लिए वर्षा पर निर्भर रहना पड़ता है। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में हर वर्ष किसानों को लगभग 6500 करोड़ रुपए की सबसिडी दी जाती है। सौर ऊर्जा को अपनाने से सबसिडी का भार भी कम होगा और पानी की बचत होगी। इससे किसानों का डीजल बचेगा और आय में भी वृद्धि होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचकूला शहर की बिजली खपत वर्ष 2024 तक 20 प्रतिशत सौर ऊर्जा से करने के लिए प्रस्ताव तैयार किया गया है। इसके अलावा कचरे से कंचन योजना के तहत सोनीपत व गुरुग्राम में कचरे से बिजली बनाने की परियोजनाएं संचालित की जा रही हैं । इससे स्वच्छता को बढावा मिलेगा और अतिरिक्त बिजली की पूर्ति होगी। उन्होंने कहा कि म्हारा गांव जगमग गांव योजना के तहत प्रदेश के 5500 गांवों में 24 घंटे बिजली आपूर्ति सम्भव हुई है और लोगों ने बिजली के बिल भरने की आदत अपनाई है। इसके साथ ही प्रदेश की सभी चारों बिजली वितरण कंपनियां मुनाफे में आई है। लाइन लोस घटकर 33 से 14 प्रतिशत तक पहुंच गया है।
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