Haryana Day : आज 56 बरस का हुआ हरियाणा, शिक्षा से लेकर खेलों तक छूए नए आयाम, पढ़ें इतने वर्षों में कितना हुआ विकास

हरियाणा दिवस : मैं हरियाणा हूं, आज मैं पूरे 56 साल का हो गया हूं। आजादी के बाद मैं पंजाब का हिस्सा था। भाषा के आधार पर मुझे अलग करने की मांग तो स्वतंत्रता से पहले ही उठ चुकी थी, लेकिन अनेक समितियों और आयोगों की सिफारिश के बाद एक नवंबर 1966 काे मैं अस्तित्व में आया था। नदी जल बंटवारे व राजधानी जैसे अनेक मसलों पर मेरे पंजाब के साथ विवाद चल रहे हैं। फिर भी हम दोनाें राज्यों की सांझा राजधानी चंडीगढ़ और हाईकोर्ट भी दोनों राज्यों का एक है। इन 56 वर्षों में मेरा कितना विकास हुआ है, पढ़िए विस्तार से-
इन साढ़े पांच से ज्यादा दशक में हरियाणा ने किस तरह के आयाम स्थापित किये और राज्य की सामाजिक, राजनीतिक, कृषि, शैक्षिक, स्वास्थ्य, परिवहन, रोजगार और आर्थिक तस्वीर में क्या क्या आमूलचूल बदलाव आए हैं। खासतौर से पिछले आठ साल के दौरान इस आधुनिक युग के जमाने में हरियाणा की तस्वीर विभिन्न क्षेत्रों में विश्वपटल पर देखी जा रही है। जब हरियाणा का गठन हुआ उस समय हरियाणा में सात जिले अंबाला, गुरुग्राम, करनाल, हिसार, जींद, महेंद्रगढ़ व रोहतक थे। अब इन जिलों की संख्या बढकर 22 हो गई है जबकि हांसी पुलिस जिला है।
विधानसभा
जब हरियाणा अस्तित्व में आया तो विधानसभा सीटें 54 थी। जिनकी संख्या अब बढ़कर 90 हो चुकी है। हरियाणा गठन के समय प्रदेश में 2 मंडल व सात जिले थे। आज प्रदेश में 22 जिले व 6 मंडल बन चुके हैं।
प्रदेश में मेट्रो ट्रेन
प्रदेश के गुरूग्राम, फरीदाबाद व बहादुरगढ़ में आज मेट्रो का पहिया घूम रहा है। इतना ही नहीं प्रदेश में रेवाड़ी के बावल, रोहतक, पानीपत तक मेट्रो का विस्तार करने की तैयारी है।
कृषि क्षेत्र
देश का ऐसा पहला राज्य है, जहां एमएसपी पर 14 फसलों की खरीद हो रही है। वहीं मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर किसानों का पंजीकरण कराकर उन्हें अनुदान व सब्सिडी जैसी सरकारी योजनाओं से मदद दी जा रही है। प्रदेश में पहली बार फल सब्जी और बागवानी के रूप में वैकल्पिक खेती को प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
सामाजिक सुरक्षा
प्रदेश में पिछले आठ साल में पेंशन को एक हजार से बढ़ाकर ढाई हजार रुपये, विवाह शगुन राशि को 31 हजार से 71 हजार, अजा की कानूनी सहायता में साढे पांच के बजाए 22 हजार रुपये, ग्रामीण सफाईकर्मी का वेतन 14 हजार, बीपीएल की आय सीमा 1.20 लाख से 1.80 लाख और अंतर्जातीय विवाह योजना की प्रोत्साहन राशि 50 हजार से बढ़ाकर पिछले आठ साल में ढाई लाख रुपये की गई है।
स्वास्थ्य
प्रदेश स्वास्थ्य के क्षेत्र में पिछले आठ साल में पांच मेडिकल का इजाफा कर 13 मेडिकल कालेजों में एमबीबीएस की करीब एक हजार सीटे बढ़ाई गई। प्रदेश में नागरिक अस्पताल भी अब 56 से बढ़कर 71 की गई। वहीं पीएचसी, सीएचसी की संख्या भी बढ़ाई गई। खासतौर से प्रदेश में लिंगानुपात 871 से बढ़कर 913 और मातृ मृत्युदर 127 से कम होकर 91 तक आना इस क्षेत्र की उपलब्धि है। वहीं आशाकर्मियों के वेतन में भी चार गुणा बढ़ोतरी की गई।
मेडिकल कॉलेज हो गए 13 : हरियाणा गठन के समय राज्य में एक ही मेडिकल कॉलेज था, आज इनकी संख्या 13 हो गई है और की सीटें 100 से हटकर आज 1700 से ऊपर है। सरकार हर जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने का ऐलान कर चुकी है।
शिक्षा
प्रदेश में शिक्षा संस्थानों में बेहतर इजाफा हुआ। राजकीय महाविद्यालयों की संख्या 105 से बढ़कर 173, राजकीय महिला महाविद्यालय 29 से 60, मिडल स्कूल 2397 से 5912, राजकीय मॉडल संस्कृति स्कूल 13 से 138, आईटीआई 142 से 186 हो गई है। वहीं सरकारी स्कूलों की बेहतरी के बाद स्कूल ड्रोप को शून्य कर करीब तीन लाख दाखिलों की बढ़ोतरी हुई। 55 वर्षों में कॉलेजों की संख्या 140 से बढ़कर 5200 से अधिक, तकनीकी शिक्षा क्षेत्र में बहुतकनीित कॉलेजों की संख्या 6 से 187 तथा इंजीनियरिंग कॉलेजों की संख्या एक से बढ़कर 94 हो गई है। राज्य को शिक्षा के हब बन रहा है।
55 हो गए विश्वविद्यालय : 1966-67 में केवल एक ही विश्वविद्यालय था जबकि आज 2021-22 में इनकी संख्या 55 से ऊपर है। राज्य की उत्कृष्ट शिक्षा नीति के परिणामस्वरूप रोहतक व सोनीपत व हिसार जिले एजुकेशन हब के रूप में उभर रहे हैं।
महिला शिक्षा दर 66 फीसदी : शिक्षा क्षेत्र में जहां 1971 की जनगणना के अनुसार 27 फीसदी हरियाणा के लोग शिक्षित थे, 2011 जनगणना के अनुसार यह 75 फीसदी से भी ऊपर है। महिला शिक्षा दर जो मात्र 15 फीसदी थी, वह बढ़कर 66 को पार कर गई है।
खेल विजेताओं को नकद पुरस्कार देने में हरियाणा नंबर
हरियाणा देश का पहला राज्य है, जो पदक विजेता खिलाड़ियों को सबसे ज्यादा नकद पुरस्कार राशि देता है। ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक विजेता को 6 करोड़ रुपये, रजत पदक विजेता को 4 करोड़ और कांस्य पदक विजेता को 2.5 करोड़ दिए जाते हैं। हरियाणा देश का पहला राज्य है, जिसने ओलम्पिक और पैरालम्पिक खेलों के लिए क्वालीफाई करते ही खिलाड़ी को तैयारी के लिए 5 लाख रुपये की एडवांस राशि देने की व्यवस्था की है। टोक्यो पैरालम्पिक-2020 में देश के 54 प्रतिभागियों में से 19 हरियाणा के थे। भारत द्वारा प्राप्त 19 पदकों में 2 स्वर्ण, 2 रजत तथा 2 कांस्य कुल 6 पदक हरियाणा के खिलाड़ियों ने जीते थे।
245 स्टेडियम बन गए : जहां राज्य में 1966-67 में मात्र एक खेलकूद स्कूल था। आज इनकी संख्या 24 है। गांवों में इसी समय में एक भी स्टेडियम नहीं था, आज 2020-21 में इनकी संख्या 245 है। प्रदेश के हर बड़े गांव में स्टेडिम बन रहे है।
परिवहन
प्रदेश में इन आठ सालों में 17 नए राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किये गये हैं, जिनमें सात राजमार्गो का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है और बाकी परियोजनाएं निर्माणधीन हैं। प्रदेशभर में 2397 करोड़ रुपये की लागत से 5466 किमी नई सड़कों का निर्माण किया गया है। जबकि 1717 करोड़ रुपये की लागत से 18470 किमी लंबी सड़कों का सुधार किया गया। इसके अलावा रेलवे परिवहन का भी विस्तार किया गया, तो वहीं वायु परिवहन के रूप में हिसार में बन रहा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा प्रदेश को अंतर्राष्ट्रीय परिवहन से जोड़ेगा।
सड़कों का बिछा जाल
हरियाणा राज्य में सड़कों की कुल लंबाई 26062 किलोमीटर है, जिसमें 2482 किलोमीटर, राष्ट्रीय राजमार्ग 1701 किलोमीटर, राज्य राजमार्ग 1395 किलोमीटर, प्रमुख जिला सड़कें 20344 किलोमीटर हैं।
बिजली आपूर्ति
प्रदेश में म्हारा गांव-जगमग गांव योजना के तहत अब तक 5681 गांवों में 24 घंटे बिजली आपूर्ति दी जा रही है। सरकार ने प्रदेश में 60 नए सब स्टेशन स्थापित करने के साथ 544 सब स्टेशनों की बिजली आपूर्ति क्षमता में बढ़ोतरी की है और दो हजार किमी लंबी संप्रेषण लाइनें भी बिछाई है। उजाला योजना के तहत प्रदेश में 1.56 करोड़ एलईडी बल्ब, 2.13 लाख एलईडी ट्यूब तथा 60 हजार पंखे वितरित किये जा चुके हैं। इससे सरकार को 411 मेगावाट ऊर्जा की वार्षिक बचत हो रही है।
ग्रामीण विकास
प्रदेश के ग्रामीण विकास की दिशा में दस हजार से अधिक आबादी वाले गांव में महाग्राम विकास योजना लागू की गई है। गांवों में शहरों जैसी सुविधाए विकसित करने के लिए हरियाणा स्मार्ट ग्राम प्राधिकरण का गठन किया गया।
जलापूर्ति
हर घर नल से जल के स्लोगन के साथ केंद्र के जल जीवन मिशन के तहत 18 लाख घरों में नल से जल पहुंचाने का शत प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिया है, 6803 गांवों में 30.96 लाख घरों में नल से जल मुहैया हो रहा है। पेयजल बढोतरी के लिए प्रदेश में 4231 नलकूप तथा 990 बूस्टिंग स्टेशन शुरू किये गये, वहीं 18 हजार किमी लंबी पेयजल पाइप लाइने बिछाई गई हैं। अमरुत योजना के तहत 20 शहरों में जलापूर्ति, ड्रनेज, पार्क और सीवरेज के लिए 2500 करोड़ की परियोजनाओं का काम पूरा किया गया। इसके अलावा जल संकट से निपटने के लिए 255 नहर व 116 नलकूप आधारित जलघर स्थापित किये गये हैं।
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