हरियाणा मौसम अपडेट : सीजन की तीसरी शीतलहर, हाड़ कंपा देने वाली ठंड का दौर, 22 से 24 के बीच बरसात की संभावना

नारनौल। सम्पूर्ण मैदानी राज्यों पंजाब राजस्थान हरियाणा एनसीआर दिल्ली में इस सीजन की तीसरी शीतलहर और हाड़ कंपा देने वाली ठंड का आगाज मकर संक्रांति पर देखने को मिला। शनिवार जैसे ही मौसम प्रणाली पश्चिमी विक्षोभ सम्पूर्ण हरियाणा एनसीआर दिल्ली से आगे निकली वैसे ही सम्पूर्ण इलाके में शीत लहर और हाड़ कंपा देने वाली आफत भरी ठंड की दस्तक सुनाई देने लगी है। इस सीजन की तीसरी शीतलहर और हाड़ कंपा देने वाली ठंड का दौर आज शनिवार से ही दिखाई देने लगा है। क्योंकि सम्पूर्ण मैदानी राज्यों में एक बार फिर से विंड पैटर्न में बदलाव हों गया है। हवाओं की दिशा उत्तरी पश्चिमी हो गई है।
पिछली मौसम प्रणाली द्वारा पर्वतीय क्षेत्रों में भारी मात्रा में हिमपात हुआ है और सम्पूर्ण पर्वतीय क्षेत्र बर्फ से ढका हुआ है। उत्तर पश्चिमी पवनें उत्तरी पर्वतीय हिमाच्छादित शिखरों से होती हुई सम्पूर्ण मैदानी राज्यों पंजाब, राजस्थान, हरियाणा एनसीआर, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ यहां तक गुजरात व महाराष्ट्र तक आज से ही अपना डेरा जमाने लगीं हैं। जिसकी वजह से सम्पूर्ण इलाके में तापमान लुढ़कने शुरू हो गए हैं। इस सीजन का हाड़ कंपा देने वाली ठंड और शीत लहर का तीसरा दौर शुरू हो गया है। गंभीर शीतलहर के पहले ही दिन यानी मकर संक्रांति पर राजस्थान में पारा माइनस में पहुंच गया है। जबकि हरियाणा एनसीआर दिल्ली में भी शनिवार अधिकतर स्थानों पर दिन और रात्रि के तापमान में गिरावट दर्ज हुई है।
शनिवार हरियाणा एनसीआर दिल्ली में अधिकतर स्थानों पर न्यूनतम तापमान 3.0 डिग्री सेल्सियस से 12.0 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया है जबकि हरियाणा एनसीआर दिल्ली में अधिकतर स्थानों पर अधिकतम तापमान में भी गिरावट दर्ज हुई है। हरियाणा एनसीआर दिल्ली में अधिकतर स्थानों पर अधिकतम तापमान 12.0 डिग्री सेल्सियस से 19.0 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया है। शनिवार को रात्रि से पंजाब, हरियाणा, एनसीआर दिल्ली में शीतलहर अपना शिकंजा कस लेंगी। रविवार को सम्पूर्ण मैदानी राज्यों विशेषकर हरियाणा एनसीआर दिल्ली में शीतलहर और हाड़ कंपा देने वाली ठंड अपने विकराल रूप धारण करके जबरदस्त तरीके से आगाज करेंगी।
इस सीजन का शीतलहर का दौर 15-19 जनवरी के दौरान देखने को मिलेगा। इस दौरान सम्पूर्ण मैदानी राज्यों के साथ हरियाणा के पश्चिमी और दक्षिणी जिलों में शून्य से माइनस में न्यूनतम तापमान जाने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हों रही है और शेष हरियाणा एनसीआर दिल्ली में भी पारा गोते लगाने लगेगा। यहां पर भी तापमान शून्य से 5.0 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया जाएगा और हाड़ कंपा देने वाली ठंड और ठिठुरन भरी सर्दी और शीत लहर, कोल्ड डे, सुबह के धंटो के दौरान कोहरा/पाला जमने की स्थिति आदि ठंड के सभी रंग रूप देखने को मिलेंगे।
इस भारतीय मौसम विभाग ने सम्पूर्ण इलाके पर एक बार फिर से रेड, और ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया है।राहत की बात है कि 19 और 22 जनवरी को दो पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो रहे हैं, जिसकी वजह से 19 जनवरी के बाद इस गंभीर शीतलहर और हाड़ कंपा देने वाली आफत भरी ठंड के तीसरे दौर से आमजन को राहत मिलने की प्रबल संभावनाएं बन रही है और साथ ही 22-23-24 जनवरी के दौरान हरियाणा एनसीआर दिल्ली और मैदानी राज्यों में एक बार फिर से बारिश की संभावना भी बन रही है।
पीजी कॉलेज में पर्यावरण क्लब के नोडल अधिकारी डॉ. चंद्रमोहन ने बताया कि जिला महेंद्रगढ़ में हालांकि शनिवार 5-10 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उत्तरी बर्फीली हवाओं ने सम्पूर्ण इलाके में अपने तीखे तेवरों से आगाज किए हुए हैं जिसकी वजह से आमजन को सुबह से शाम तक सूर्य देव की चमकदार धूप खिली रहने पर भी ठिठुरन भरी ठंड का अहसास हो रहा था। जिला महेंद्रगढ़ में नारनौल और महेंद्रगढ़ का रात्रि तापमान में गिरावट दर्ज हुई शनिवार को क्रमश: 8.0 डिग्री सेल्सियस और 8.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। जिला महेंद्रगढ़ में दिन के तापमान में गिरावट दर्ज हुई है।
जिला महेंद्रगढ़ में नारनौल और महेंद्रगढ़ का अधिकतम तापमान क्रमश 17.5 डिग्री सेल्सियस और 15.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। एक ही दिन में 4.0 डिग्री सेल्सियस तापमान डिग्री सेल्सियस तापमान लुढ़क गया है और सामान्य से 3.0 डिग्री सेल्सियस गिरावट दर्ज हुई है। जिला महेंद्रगढ़ में इस गंभीर शीतलहर के तीसरे दौर में रात्रि तापमान लुढ़कने लगेंगे और तापमान माइनस में जाने की संभावना बन रही है। साथ ही साथ सम्पूर्ण इलाके में दिन के तापमान में गिरावट दर्ज होगी। जिसकी वजह से कोल्ड डे की स्थिति भी देखने को मिलेगी। साथ ही अगर हवाएं शांत रहीं तो कोहरा की अगर हवाएं में तेजी होगी तो पाला जमने की गतिविधियों को दर्ज किया जाएगा। किसान भाईयों को इस दौरान पाला जमने की स्थिति बने तो अपनी कृषि फसलों को हल्की फुल्की सिंचाई करें।
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